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कोई कहे चाँद उल्टा तो किसी का सूरज टेढ़ा, हर किसी के दिमाग में फितूर ही है फितना

जिधर देखो उधर क़यामत है ढाता जलजला नेपाल से भारत रोजाना कहर ढाता जलजला
कोई कहे चाँद उल्टा तो किसी का सूरज टेढ़ा हर किसी के दिमाग में फितूर ही है फितना
किसी के तारे हुए गायब जमीन कोई ढूंढता ,कोई लगाता अट्ठास तो कोई अनायास नाचता
फितूरी फ़ितनों की जिंदगानी बुलबुला है इस फानी दुनिया में बस इतना ही जान लो
हर मुल्क में हर कौम में है जगह मौजूद हैं जीवट+मतवाले+दिलवाले इस दुनिया में
गम अपने भुला मदद को निकल पढ़ते हैं दुनिया में ,इंसानियत इसी को कहते होंगें ज़माने वाले