झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ
कांग्रेस चीयर लीडर
ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है ?ओये ये भाजपाई पी एम मोदी अब माननीय सांसदों को दिवाली मिलन पर भी ओनली चाय पर ही टरकाने लग गए ओये हसाडे सोणे ते मन मोहने पी एम के टाइम पर तो डिनर से कम बात ही नहीं होती थी|
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण महंगे डिनर को निगलने के चक्कर में गरीबों के लिए खाक चर्चा होती होगी अब तो चाय की चुस्कियों के साथ मंत्रियों ने १०० दिन का रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत कर दिया वैसे झल्लेविचारनुसार नरेंद्र भाई दमदार दास मोदी का खानदानी पेशा तो चाय ही है इसीलिए चाय की मशहूरी भी तो जरूरी है