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चाय बेचने वाले प्रधान मंत्री के पद के हक़दार नही ओनली फ्री की साड़ी+चावल+लैपटॉप के ही लायक हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेस टाइप सपाई चीयर लीडर

ओये ये चाय बेचने वाला हसाङा प्रधान मंत्री कैसे बन सकता है |ओये झल्लेया क्या हसाडे दिन इतने माड़े हो गए हैं कि अब मुल्क की बाग़डोर चाय बेचने वाले नरेंदर मोदी के हाथ में आ जायेगी ?हमने तो देश तक को बेच दिय अब क्या इस चाय बेचने वाले के इशारों पर काम करना होगा?

झल्ला

अरे डबल चतुर सुजाण जी आप जी की थ्योरी के अनुसार तो चाय+चीनी +पान+पानी+पकोड़ा+बेचने वाले +झुग्गी+झोंपड़ी में रहने वाले +खोखों में रोजगार तलाशने वाले तो इलेक्शन फेस्टिवल में १००/=२००/=लेकर ओनली वोट देने के हक़दार होते हैं|या कभी कभी इन्हे मुफ्त के चावल + साड़ी+कम्बल+लैप टॉप तक भी दिया जा सकता है | सत्ता+सियासत+पर काबिज रहने का पैदायशी हक़ का तो आपजी का ही बनता है| हुकूमत करते हुए देश की अस्मत का सौदा करने का हक़ भी जाहिर है आप जी की ही विरासती मिलकियत है|