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दबाब की भी एक अदद हद है हदों को हरगिज ना लांघ वरना देख ले तेरा बिखेरा तुझे ही समेटना पड़ जायेगा

मेरी तरफ न देख जालिम यूं तिरस्कार भरी नज़रों से
झल्ला दिल पहले ही चटखा है देख बिखर ही जायेगा
दबाब की भी एक अदद हद है हदों को हरगिज ना लांघ
वरना देख ले तेरा बिखेरा तुझे ही समेटना पड़ जायेगा