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अपने दिमाग के हवाले मेरा “दिल” करने की जरुरत क्या थी?

यूं मुड़ के ही देखना था तो उस तरफ जाने की जरुरत क्या थी
अपने दिमाग के हवाले मेरा “दिल” करने की जरुरत क्या थी
हम तेरे थे ,अभी भी तेरे हैं और तमाम उम्र सिर्फ तेरे ही रहेंगे
छोड़ जाने के बाद यह सच्चाई आजमाने की जरुरत क्या थी
न पाया है और नहीं कभी चैन पाओगी”बेवफा”इस जिंदगी में
सच्चे दिल से निकली आह झल्ला कभी भी बेकार नहीं जायेगी