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दिल और दिमाग की जंग में फंसा “झल्ला” हाय, दिल ले रहा पंगे जिस्म रहा पिटवाए

[१]दिल हे अपना बावरा हर तरफ दौड़ा जाये ,खुद तो बैठा चैन से मुझको रहा पिटवाए
[२]सर पर बाल सफा हुए चाल भी लड़खड़ाये ,खुद तो लेता मौज ये मुझको रहा पिटवाए
[३]आँखों पर चश्मा लगा, फर्क नजर नहीं आये खुद तो लेता पंगे ये मुझको दे पिटवाए
[४] दिल और दिमाग की जंग में फंसा “झल्ला” हाय खुद तो लेता पंगे मुझको दे पिटवाए