भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश की मुद्रा को संप्रभुता का प्रतीक बताया और माला बनाकर या लुटा कर इनका दुरूपयोग करके राष्ट्रीय मुद्रा का अनादर नहीं करने का आग्रह किया| आर बी आई ने बुधवार को आम लोगों से कहा कि
राष्ट्रीय मुद्रा का सम्मान करें और
माला बनाने में इनका इस्तेमाल न करें +
सामाजिक कार्यक्रम में किसी के ऊपर इसे न्योछावर न करें|
गौरतलब है कि शादी और राजनीतिक रैलियों में नोट लुटाना एक आम रिवाज बन गया है।
।मालूम हो कि बेशक १९६७ से नोट के साइज में कोई तबदीली नहीं कि गई है लेकिन उसके बावजूद प्रिंटिंग कास्ट बढ रही है| बीते साल मीडिया में छपे एक अर्टिकल में बताया गया था कि १०० रुअप्ये के नोट से ज्यादा ५० रुपये के नोट की छपाई में खर्च आता है|दस रुपये के एक नोट की छपाई में १०% का खर्च आता है जबकि १०० रुपये के नोट पर लगभग पौने दो प्रतिशत का खर्चा आता है| ऐसे में नोटों कि बर्बादी से छपाई का खर्चा बढता है और आर्थिक व्यवस्था को चोट पहुंचाई जाती है|
मुद्रा संप्रभुता का प्रतीक है, माला बनाकर या लुटा कर राष्ट्रीय मुद्रा का अनादर नहीं करें :आर बी आई का आग्रह
Swatantryaveer Savarkar was not arrested on the charge of Gandhi;s Assassination But detained under the British Black Preventive Detention Act
N D A’s P M In Waiting and senior Journalist L K Advani said that Swatantryaveer Savarkar was not arrested on the charge of Gandhi;s Assassination But Savarkar was detained under the British Black Preventive Detention Act. In The TAILPIECE of His new blog L K Advani has disclosed this fact. Blogger Advani Said “Before reading this book [The Men Who Killed Gandhi] I did not know that when Savarkar was arrested by the police shortly after Gandhiji’s assassination on January 30, 1948, it was an arrest made under the Preventive Detention Act, “one of the most malignant pieces of legislation with which the British had armed themselves when they ruled India.”
The Bombay police first raided Savarkar’s “residence near Shivaji Park, seized all his private papers, consisting of 143 files and as many as 10,000 letters.
Author Of The Book Malgonkar comments : “There was no evidence at all. What was known (from those papers) was the affiliation of the conspirators to the Hindu Mahasabha and their personal veneration for Savarkar.
The author concludes:
He was sixty-four years old, and had been ailing for a year or more. He was detained on 6 February 1948, and remained in prison for the whole of the year which the investigation and the trial took. He was adjudged ‘not guilty’ on 10 February 1949. The man who had undergone twenty-six years of imprisonment or detention under the British for his part in India’s struggle for freedom was thus slung back into jail for another year the moment that freedom came.”
पी आई ऐ के नीजिकरण के लिए सरकारी दौड़ आधी अधूरी ही साबित और अच्छा खासा एस्केलेटर बेचारी बैसाखियों का स्वरूप ले सकता है
झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला
भरतीय सिविल एविएशन मंत्रालय का एक चीयर लीडर
ओये झल्लेया देखा आप लोग ख्वाहमखाह हसाड़े सोणे मन मोहणे पी एम् की सुधारात्मक नीतियों के पीछे हाथ धो कर पड़े रहते हो अब वेखो पड़ोसी मुल्क पकिस्तान के प्रधान मंत्री जनाब नवाज शरीफ और सुधार मंत्री प्रोफ. एहसान इकबाल ने वहां की नेशनल कैरियर को टैक्स पेयर्स की गाढे की कमाई कोहवा में उड़ाने पर पाबंदी लगाने की बात कह दी है और एयर लाइन्स [PIA ]के २६% निजीकरण लिए ढोंडी पीट दी है| इससे केवल पी आई ऐ को ही सालाना ३६ बिलियन रुपयों की बचत होगी |
झल्ला
ओ मेरे चतुर सुजाण जी बेशक ये नीजिकरण का मंत्र विकास और सुधारों के लिए एस्केलेटर [लिफ्ट] का काम कर सकता है लेकिन वड्डे काह गए हैं के विट्ठुओं[बिच्छु] के बिल में हाथ डालने से पहले सांप को पकड़ने का मंत्र सीखना जरुरी होता है| अब देखो [१]इस एयर लाइन्स में ही ५८० स्टाफ फालतू बताया जा रहा है [२]६००० कर्मियों के बोझ के लिए पुराणी पी पी पी सरकार को निशाना बनाया जा रहा है|ऐसे में इन समस्यायों का समाधान निकालने से पहले नीजिकरण के लिए दौड़ आधी अधूरी ही साबित होगीऔर एस्केलेटर बैसाखियों का स्वरूप ले लेगी|
Pakistan Is also Ready to Run for development with the crutches Of Privatization Of 26% P I A
Pakistan Is,Now, also Ready to Run for development with the crutches Of Privatization Of P I A . Nebouring Country Pakistan is also on the track of privatisation . To begin with ailing national carrier Pakistan International Airlines [ PIA ] has been selected .As per Federal Minister for Planning, Development and Reforms Prof Ahsan Iqbal This privatization may save 36 billion Rs annually to the ailing national carrier.Pakistan’s Prime Minister Nawaz Sharif today [Thursday] gave the go ahead for 26 % of ailing national carrier PIA it is expected that this move may boost the quality of the airline. The decision came a day after Sharif chaired a special cabinet meeting which also focused on the loss-making Pakistan International Airlines
Earlier this week, PIA had announced that flights to and from India by over 60 % will be reduced.The Nation has quoted the minister[1] “He made it clear that government would not provide any further financial assistance to PIA in future from the taxpayers’ money”[2]that every aircraft has about 700 staffers as compared to 120 member staff in other international airlines. Terming the previous government responsible, The national airline has faced huge losses during last PPP-led coalition government tenure when it restored its 6,000 employees with their previous dues, besides inducting new employees in its five years tenure.
मुजफ्फर नगर में कोई नई वारदात नहीं होने से कुछ शान्ति है ,कर्फ्यू में ढील बढाई जा रही है लेकिन सिसायत गरमा रही है
मुजफ्फर नगर में कोई नई वारदात नहीं होने से शांति प्रक्रिया प्रग्रिती पर है इसीलिए कर्फ्यू में ढील की अवधि बढाई जा रही है लेकिन अब छेत्र में सिसायत गर्माने लग गई है| प्रदेश में सत्तारुड समाज वादी सरकार पर अकर्मण्यता का आरोप लगाते हुए मुजफ्फर नगर की तुलना गुजरात के गोधरा काण्ड से की जाने लगी है| सपा से निष्काषित और अमर सिंह के करीबी सांसद ज्याप्रदा[अभिनेत्री] ने तो प्रदेश सरकार को जमीनी हकीकत से ही अंजान बताया है | कर्फ्यू में ९ घंटे की ढील दी गई है|
मुलायम सिंह यादव ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए गोधरा [२००२] के दंगों और मुजफ्फर नगरकी हिंसा में समानता को ख़ारिज कर दिया|
मो आजम खान को स्पष्ट कह दिया है के या तो वोह पार्टी के साथ रहें अन्यथा इस्तीफा दे सकते हैं|
मुजफ्फर नगर की इस हिंसा से चुनावी ध्रुवि करण प्रभावित होने लग गए हैं| यहाँ विकास को दरकिनार रख कर साम्प्रदाइक द्रष्टि हावी होने लग गई है| इस छेत्र में मुस्लिम और जाटों का प्रभाव है |जाटों के नेता अपने छेत्र तक में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं जबकि अधिकांश मुस्लिमो का सपा से मोह भंग होने लग गया है| जाहिर है जाटों का रुझान हिन्दू वादी भाजपा की तरफ हो सकता है और मुस्लिम वोट बैंक भी अपने लिए किसी नई राजनीतिक विकल्प की सोच सकते हैं
राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान में बीते वर्ष के मुकाबिले इस वर्ष २८% अधिक छात्रों ने प्रवेश लिया
फैशन प्रौद्योगिकी छेत्र में लोगों का रुझान बढ रहा है जिसके फलस्वरूप बीते वर्ष के मुकाबिले इस वर्ष २८% अधिक छात्रों ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) में प्रवेश लिया है|
वर्ष 2013 में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) ने पूर्व-स्नातक /स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 3187 छात्रों को प्रवेश दिया है। यह विगत वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या की तुलना में 28 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।
राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा वर्ष 1986 में की थी और वर्ष 2006 में भारतीय संसद के अधिनियम के जरिये इसे वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया था ताकि यह संस्थान डिग्रियां और अन्य शैक्षिक विशिष्टताओं का वितरण करने के लिए अधिकृत हो सके। देश भर में इसके 15 केन्द्र हैं, जो बंगलूरू, गांधीनगर, नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, शिलांग, कांगडा, कन्नूर, भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायबरेली आदि स्थानों पर हैं।
एनआईएफटी फैशन शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक विशिष्टता के लिए प्रतिबद्ध है और इसके पूर्व-छात्रों की संख्या 15,000 हो गयी है जिनमें से बहुत से लोग अग्रणी उद्यमियों के रूप में उभरे हैं।
निर्जन बोर वेल्स और ट्यूब वेल्स[गड्डों] में बच्चों के गिरने संबंधी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा संशोधित दिशा निर्देश जारी किये गए हैं
निर्जन बोर वेल्स और ट्यूब वेल्स[गड्डों में ] में बच्चों के गिरने संबंधी घातक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा संशोधित दिशा निर्देश[ एहतियाती उपायों के मद्देनजर] जारी किये गए हैं| जिसके अंतर्गत निर्जन कुओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना और खुदाई करने वाली एजेंसियों को भू-जल, जन-स्वास्थ्य, नगर-निगम, निजी ठेकेदारों से यह प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है कि बोर वेल, ट्यब वेल को ऊपर तक पूरी तरह भर दिया गया है आवश्यक होंगे|
उच्चतम न्यायालय ने निर्जन बोर वेल्स और ट्यूब वेल्स में छोटे बच्चों के गिरने संबंधी घातक दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में एहतियाती उपायों के संबंध में सिविल रिट याचिका संख्या 36,2009 के मद्देनजर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
२००९ में दायर एक सिविल रिट याचिका संख्या 36,2009 में ये दिशा-निर्देश दिए गए हैं:-
(1) जमीन में बोर वेल्स, ट्यूब वेल्स की खुदाई से संबंधित कोई भी काम करने से पहले भू-स्वामी को उस क्षेत्र के संबद्ध अधिकारी को लिखित रूप में कम से कम 15 दिन पहले सूचित करना होगा। इन अधिकारियों में जिलाधिकारी, जिलाधीश, ग्राम पंचायत का सरपंच, कोई भी संवैधानिक प्राधिकारी, भू-जल विभाग, जन स्वास्थ्य, नगर निगम के संबंधित अधिकारी हैं।(2) सरकारी, अर्ध-सरकारी, निजी क्षेत्र की सभी ड्रिलिंग एजेंसियों का पंजीकरण जिला प्रशासन, संवैधानिक प्राधिकारी के कार्यालय में अवश्य होना चाहिए।
(3) खुदाई किए जाने वाले स्थान पर खुदाई कार्य के दौरान विस्तृत विवरण वाला साइन बोर्ड लगाना, जिसमें
(अ) ड्रिलिंग एजेंसी का पूरा पता-ब्यौरा
(ब) एजेंसी, बोर वेल के मालिक का पूरा पता
(4) खुदाई स्थल के चारों तरफ कंटीले तारों की बाड़ लगाना या कोई अन्य पर्याप्त अवरोधक लगाना, शामिल है।
(5) खुदाई स्थल के चारों तरफ 0.50X0.50X0.60 मीटर परिधि के सीमेंट-कंक्रीट प्लेटफार्म का निर्माण।
(6) कुएं के चारों तरफ वेल्डिंग स्टील प्लेटस लगाना या पाइपों को चारों तरफ नट एवं बोल्ट से पूरी तरह ढकना।
(7) पंप की मरम्मत के दौरान, ट्यूब वेल को खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
(8) खुदाई कार्य पूरा होने के बाद गड्ढ़ों एवं अन्य स्थानों का भराव।
(9) निर्जन बोर वेल्स को नीचे से ऊपर तक मिट्टी, रेत, पत्थरों या चट्टानी टुकड़ों से भरना।
(10) खुदाई कार्य पूरा होने के बाद संबंधित स्थान को उसी तरह किया जाना चाहिए जैसा वह खुदाई से पहले था।
(11) जिलाधिकारी को इस बात की पुष्टि का अधिकार दिया जाए कि उपरोक्त दिशा-निर्देश का पूरा पालन किया जा रहा हैं तथा संबंधित केंद्रीय/राज्य एजेंसियां इन बोर वेल्स-ट्यूब वेल्स की समुचित निगरानी कर रही हैं।
(12) जिला/ब्लॉक/ग्राम स्तर पर बोर वेल्स-टयूब वेल्स की खुदाई का ब्यौरा, इस्तेमाल किए जाने वाले कुओं की संख्या, निर्जन एवं खुले पाए गए बोर वेल्स/ट्यूब वेल्स की संख्या, पूरी तरह भू-स्तर तक भरे गए निर्जन बोर वेल्स/ट्यूब वेल्स की संख्या का विवरण जिला स्तर पर रखा जाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में उपरोक्त निगरानी कार्य ग्राम सरपंच अथवा कृषि विभाग के कार्यकारी अधिकारी द्वारा पूरा करना है। शहरी क्षेत्रों में इन कार्यों का जिम्मा कनिष्ठ अभियंता अथवा भू-जल, जन-स्वास्थ्य, नगर-निगम के संबंधित अधिकारी पर होगा।
(13) अगर किसी भी चरण में कोई भी बोर वेल, ट्यूब वेल निर्जन छोड़ दिया जाता हैं तो इसकी खुदाई करने वाली एजेंसियों को भू-जल, जन-स्वास्थ्य, नगर-निगम, निजी ठेकेदारों से यह प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है कि बोर वेल, ट्यब वेल को ऊपर तक पूरी तरह भर दिया गया है। संबंधित एजेंसी, विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा निर्जन कुओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना हैं। इस तरह की सारी सूचनाएं जिलाधिकारी अथवा ब्लाक विकास अधिकारी के कार्यालय में संकलित की जानी है।
शांति के लिए चौ.अजित सिंह को गिरफ्तार किया गया जबकि रालोद अध्यक्ष अपने संसदीय क्षेत्र में सौहार्द स्थापित करने ही जा रहे थे
शांति के लिए चौ.अजित सिंह को गिरफ्तार किया गया जबकि रालोद अध्यक्ष अपने संसदीय क्षेत्र में सौहार्द स्थापित करने ही जा रहे थेराष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह को आज उनके संसदीय क्षेत्र बागपत जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए चौ.अजित सिंह को गिरफ्तार किया गया है जबकि रालोद अध्यक्ष का कहना है कि वे अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों से बातचीत करने तथा सौहार्द स्थापित करने ही जा रहे थे।
उत्तर प्रदेश प्रशासन के अधिकारियों ने धारा 144 का हवाला देते हुए रालोद अध्यक्ष तथा उनके समर्थकों को रोक लिया। चौ. अजित सिंह ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह अकेले ही क्षेत्र में जाएंगे लेकिन उसके बावजूद भी अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से बात करके उन्हें बागपत रोड पर ट्रोनिका सिटी के पास अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
चौ. अजित सिंह ने कहा है कि मुजफ्फरनगर व आसपास के जिलों में हिंसा के लिए प्रदेश की सपा सरकार जिम्मेदार है। प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। रालोद अध्यक्ष ने सपा सरकार को बर्खास्त करने तथा राष्ट्रपति शासन की मांग की है। वह अपने संसदीय क्षेत्र में हिंसा पीडि़तों से बातचीत करने जा रहे थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें जाने नहीं दिया तथा गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने शासन-प्रशासन की निन्दा की है।
रालोद अध्यक्ष ने कहा है कि रालोद के सदस्य गांव-गांव जाकर लोगों से बात करके शान्ति बहाल कराने की पहल करेंगे तथा हिंसा के डर से जो लोग पलायन कर चुके हैं, उन्हें वापस लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने लोगों से भाईचारे के साथ शान्ति बनाने की अपील की है।पुर्व में अजित सिंह के पुत्र सांसद और रालोद के राष्ट्रीय महा सचिव जयंत चौधरी को भी मुजफ्फर नहीं जाने दिया गया था|गौरतलब है कि मुजफ्फर नगर से भड़की हिंसा की तपिश अन्य जनपदों में भी महसूस की जा रही है जिसे लेकर प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह भी चिंता व्यक्त कर चुके हैं |
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