उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने केन्द्रीय मंत्री डॉ शशि थरूर को प्रथम श्री नारायण गुरू वैश्विक धर्मनिरपेक्ष एवं शांति पुरस्कार, 2013 प्रदान किया और लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत अपरिहार्य बताते हुए कहा कि श्री थरूर ने इस दिशा में एक आदर्श स्थापित किया है और भारत में और विदेशों में उन्होंने इन आदर्शों के प्रति अपने लेखन और अपने सार्वजनिक जीवन के कार्य में अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है|
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री अंसारी ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र वे आधारभूत सिद्धांत हैं जिनपर हमारे लोकतंत्र की स्थापना हुई है। वे हमारे संविधान की प्रस्तावना में अंतर्निहित हैं। वास्तव में वे सब सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के सिद्धांत+विचारों+ अभिव्यक्ति+ मत+आस्था और पूजा की स्वतंत्रता+ स्थिति और अवसर की समानता से जुड़ी हैं।
उप राष्ट्रपति ने आज तिरुअनंतपुरम, केरल में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री श्री शशि थरूर को ‘’ प्रथम श्री नारायण गुरु वैश्विक धर्मनिरपेक्ष और शांति पुरस्कार, 2013’’ प्रदान किया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे पूर्वज वास्तविकता को जानते थे। वे जानते थे कि एक एकीकृत, आधुनिक और बहुल भारत के निर्माण के लिए हमारे प्राचीन और विविधतापूर्ण देश में, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत अपरिहार्य थे।
श्री अंसारी ने कहा कि उल्लेखनीय है कि 19 वीं सदी के अंतिम और 20 वीं सदी के आरंभ के वर्षों के अपने जीवनकाल के दौरान, श्री नारायण गुरु इसी सामाजिक न्याय और समानता, धर्मनिरपेक्षता, उत्पीड़न से मुक्ति और गरीबों के सशक्तिकरण तथा हाशिए पर पड़े लोगों के सामाज-आर्थिक उत्थान और शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 65 वर्षों में सामाजिक न्याय, आर्थिक विकास और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए बहुत कुछ किया गया है, फिर भी भारत को एक आधुनिक, प्रगतिशील और सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने के लिए और भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के पुरस्कार का उद्देश्य एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को सम्मान देना है जिन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि महान समाज सुधारक श्री नारायण गुरु ने सभी मानव जाति के प्रति एकता और समानता का पाठ पढ़ाकर केरल के सामाजिक ढांचे को बदल दिया। उन्होंने योग्य प्राप्तकर्ता के रूप में श्री थरूर के चयन के लिए प्रतिष्ठित ज्यूरी की सराहना की। उन्होंने कहा कि श्री थरूर ने एक आदर्श स्थापित किया है और भारत में और विदेशों में उन्होंने इन आदर्शों के प्रति अपने लेखन और अपने सार्वजनिक जीवन के कार्य में अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है।
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[1] The Vice President, Shri Mohd. Hamid Ansari presenting the First Sree Narayan Guru Global Secular & Peace Award 2013 to the Minister of State for Human Resource Development, Dr. Shashi Tharoor, at a function, at Thiruvananthapuram, Kerala on September 10, 2013.
The Governor of Kerala, Shri Nikhil Kumar is also seen.
केन्द्रीय मंत्री डॉ शशि थरूर को पहला श्री नारायण गुरू वैश्विक धर्मनिरपेक्ष एवं शांति पुरस्कार, 2013
प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरनगर की हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए बेगुनाह लोगों के जान-माल की पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया
प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने आज मुजफ्फरनगर की हिंसा में हुई जनहानि पर गहरा दु:ख व्यक्त किया|
डॉ मन मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हाल की सांप्रदायिक हिंसा में हुई जनहानि पर गहरा दु:ख प्रकट किया है।इससे पूर्व डॉ मन मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव से भी बात करके हिंसा की भर्त्सना की है|
प्रधानमंत्री डॉ सिंह ने राष्ट्रीय आपदा कोष से मारे गये प्रत्येक के परिजनों को 2-2 लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की है।
इससे पूर्व अल्प संख्यक कार्यमंत्री के. रहमान खान ने बेगुनाह लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात की और पश्चिमी ऊत्तर प्रदेश खासकर मुज़फ्फरनगर+ शामली + आस-पास के क्षेत्रों में हाल में हुए साम्प्रदायिक दंगों के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति तथा अल्पसंख्यक समुदाय की दु:खद स्थिति पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। इसके परिणाम स्वरूप लोगों को अपना घर छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। यह अत्यंत खतरनाक प्रवृति है जो साम्प्रदायिक विभाजन करा सकती है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से यह अनुरोध किया कि ऊत्तर प्रदेश सरकार गुनाहगारों के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई करे तथा लोगों की सम्पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री ने उन्हें यह आश्वासन दिया कि बेगुनाह लोगों के जान-माल की पूरी सुरक्षा की जाएगी।
President Pranab Mukherjee Inaugurated , 31st meeting of Ministers of Health and 66th session of the WHO Regional committee for South East Asia
President Pranab Mukherjee Inaugurated ,Today, 31st meeting of Ministers of Health and 66th session of the WHO Regional committee for South East Asia and Highlighted The Need For the accessibility of Ideal healthcare delivery system to all in the Region.
The President Shri Mukherjee inaugurated the 31st meeting of Ministers of Health and Sixty-sixth Session of the WHO Regional Committee for South-East Asia at Rashtrapati Bhavan today (September 10, 2013) and congratulated Dr. Margaret Chan, Director General, World Health Organization for her untiring efforts in pursuing the ‘health for all’ policies, to make it a global agenda and for her commitment to the cause of public health in the international community of nations.
In His Speech Shri Mukherjee said “This international platform at the regional level is crucial for this region since it houses 1.79 billion people, which is 26.4 percent of the global population. 46% of the population in this region is living below poverty line. A significant portion of the disease burden in this region, more than 28%, arises from communicable diseases, maternal and perinatal conditions and nutritional deficiencies which are closely knitted with poverty.
The data also reveals that South East Asia Region has more than 27% of global disease burden due to Non-Communicable Diseases which indicates the increasing prevalence of Non-Communicable Diseases in the region.
It is also a matter of concern that South East Asia region registers the lowest total expenditure on health as a percentage of gross domestic product (3.8%) and per capita total expenditure on health as per World Health Statistics 2009, with 84.4% out of pocket expenditure.
In this background,President said , I am sure that the meeting of the Health Ministers of the region followed by the session of the WHO Regional Committee for South-East Asia would map the way forward for the entire Region, and would throw up broad agreements and the desired joint commitment on important initiatives and strategies.
Speaking on the occasion, the President said that he was sure that the meeting of the Health Ministers of the Region followed by the session of the WHO Regional Committee for South-East Asia would map the way forward for the entire Region. He said that it is an urgent necessity to build a conducive environment to ensure the highest quality of health for the people of the Region. However, this needs a multi-dimensional approach on the part of the respective Governments.
The President said that an ideal healthcare delivery system should be accessible to all in the Region. It is important that the countries in the Region strengthen their health systems based on the primary health care approach – focusing on public health including prevention and promotion activities; using appropriate technologies; and based on domestic resources as far as possible. He said that strategic investments in medical education and training would be needed to enhance the availability of scientifically credible professionals for all communities. He stated that the existing inefficiencies in the supply chain and logistics management of drugs and vaccines should also be addressed on a priority basis. Strengthening of institutional mechanisms for community participation in oversight and governance of health at multiple levels – rural and urban – would also be crucial.
Dignitaries present on the occasion were Shri Ghulam Nabi Azad, Union Minister of Health and Family Welfare, Dr. Nafsiah Mboi, Health Minister, Indonesia, Ms. Santosh Chowdhary, Minister of State for Health and Family Welfare and Dr. Margaret Chan, DG, WHO.
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[1] The President, Shri Pranab Mukherjee at the inauguration of the 31st Meeting of Ministers of Health of Countries of the WHO South-East Asia Region and 66th Session of the WHO Regional Committee for South-East Asia, at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on September 10, 2013.
The Union Minister for Health and Family Welfare, Shri Ghulam Nabi Azad, the Minister of State for Health & Family Welfare, Smt. Santosh Chowdhary and other dignitaries are also seen.
मेरी गल्ल मन्नो , नौकरियों की दौड़ छोड़ो ,झट से विदेशी डिग्री लो और पट से देसी हुकुमरान बन जाओ
झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला
एक चिंतित बुद्दि जीवी
ओय झल्लेया ये तुहाडे कपिल सिबल ने कौन सा नया फुहाड़ा डाल दिया ओये हसाड़े मुल्क में पहले ही नौकरियां नहीं हैं प्रबंध कालेजों की सींटे भरने में पसीने छूट रहे हैं और अब काबिल सिब्बल के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विदेशी विश्वविद्यालयों को अपने-अपने कैम्पस खोले जाने की इजाजत देने के लिए औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) तथा आर्थिक मामला विभाग (डीईए) को इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया है ओये पहले हसाड़े नौजवान बेशक बाहर पढाई के लिए जाते रहे हैं मगर उन्हें वहां नौकरियाँ मिलती रहीहैं और अब तो देश की कमी विदेश में जायेगी और बेरोजगारी बढायेगी|
झल्ला
अरे मेरे सोणे महानुभाव जी आप ये क्यों नहीं सोचते के पहले महात्मा गाँधी+जवाहर लाल नेहरु+ इंदिरा गाँधी+ राजीव गाँधी+राहुल गाँधी कपिल सिबल आदि आदि विदेशों में पढाई करके आये तब जाकर यहाँ हुकुमरान बने अब तो घर बैठे बैठे ही ४०० विदेशी यूनिवर्सिटी के टोप सरपर रख कर फोटो खिचवाने का सुनहरा मौका मिलेगा| भाई जीमेरी मानो तो छोटी मौटी नौकरियों को छोड़ो, झट से विदेशी डिग्री लो और पट से देसी हुकुमरान बन जाओ
विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए एक कंपनी के रूप में भारत में अपने कैम्पस खोलने का रास्ता साफ़ हो गया है
विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भारत में अपने कैम्पस खोलने का रास्ता साफ़ हो गया है | मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम के तहत एक कंपनी के रूप में देश में विदेशी विश्वविद्यालयों को अपने-अपने कैम्पस खोले जाने की इजाजत देने के लिए औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) तथा आर्थिक मामला विभाग (डीईए) को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम के तहत नियम बनाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रदत्त अधिकारों के तहत, मानव संसाधन विकास मंत्रालय यूजीसी [UGC ](विदेशी शिक्षण संस्थानों के कैम्पस की स्थापना और उनका संचालन) नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, ताकि विदेशी विश्वविद्यालय भारत में अपने कैम्पस स्थापित कर सकें और विदेशी उपाधि जारी कर सकें। मंत्रालय ने डीआईपीपी[ DIPP ] तथा डीईए[ DEA ] से नियमों के संबंध में सुझाव मांगे थे। डीआईपीपी तथा डीईए दोनों ने मंत्रालय के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
प्रस्तावित नियमों के तहत यूजीसी द्वारा विदेशी शिक्षण संस्थानों (एफईआई)[FEI ] को एक बार विदेशी शिक्षा प्रदाता (एफईपी) [FEP ]के रूप में अधिसूचित करने के बाद एफईआई भारत में अपने कैम्पस खोल सकते हैं। एफईआई को निर्धारित पात्रता शर्तें पूरी करनी होगी। कोई भी एफईआई भारत में अपना कैम्पस खोलना चाहता है तो वह कंपनी अधिनियम 1956 के खंड-25 के अंतर्गत एक संघ के जरिए पंजीकृत होकर कैम्पस खोल सकता है। एफईआई को विश्व के शीर्ष 400 विश्वविद्यालयों में श्रेणीबद्ध किया जाएगा। नियमों के तहत आवेदन करने को इच्छुक सभी एफईआई बिना लाभ वाले वैधानिक संस्थाओं के रूप में काम कर रहे हों, साथ ही वे 20 वर्षों से संचालन में हों तथा देश के मान्यता प्राप्त एजेंसी द्वारा मान्यता दी गई हो, या उस देश में मान्यता के अभाव में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति मान्यता प्राप्त प्रणाली के जरिए मान्यता दी गई हो।
मुख्य कैम्पस में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध पाठ्यक्रम के अनुकूल ही एफईपी को अपने कैम्पस में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने होंगे। प्रत्येक एफईआई को एफईपी में अधिसूचित होने से पहले उन्हें कम से कम 25 करोड़ रुपए का कोष रखना होगा। यूजीसी अथवा इन नियमों के प्रावधान का उल्लंघन किए जाने के संबंध में एफईपी पर 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है। एफईपी द्वारा जारी की गई उपाधि को विदेशी उपाधि के रूप में मान्यता दी जाएगी।
मुजफ्फरनगर में तीन दिन बाद हिंसा प्रभावित छेत्रों में लगे कर्फ्यू में दो घंटे की ढील ;38 लोग दंगों का शिकार हो चुके है
मुजफ्फरनगर में तीन दिन बाद हिंसा प्रभावित छेत्रों में लगे कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गयी। जिले में अब तक 38 लोग दंगों का शिकार हो चुके हैं|
जरूरी सामान की खरीददारी के लिए तीन थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू में अपराह्न दो घंटे की ढील दी गयी है| दंगों पर काबू पाने के लिए एक तरफ अधिकारियों क तबादला किया जा रहा है तो दूसरी तरफ गिरफ्तारियों पर जोर है| मेरठ रेंज के आइजी और डीआइजी को हटा दिया गया है। यहां के आइजी ब्रजभूषण को हटाकर उनकी जगह भावेश कुमार सिंह को नया आइजी बनाया गया है।
मेरठ जिले से सटे बागपत में सांप्रदायिक तनाव फ़ैलाने के प्रयास में पुलिस ने 899 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि 2225 लोगों के खिलाफ 107,116 के तहत कार्रवाई की गई है। 35 अवैध शस्त्र बरामद किये गये हैं और 126 लाइसेंसी हथियार जमा कराये गये हैं। भाषा ने बागपत पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी सिंह के हवाले से बताया कि यह कार्रवाई 28 अगस्त से अब तक की गयी है।इसके अलावा 81 लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है|मेरठ के डी एम् रिणवा ने भर्ती घायलों के इलाज का निरीक्षण किया[फोटो] |. सिविल लाइंस, शहर कोतवाली तथा नई मंडी में कर्फ्यू अभी भी जारी है| घटनाओं के सिलसिले में 17 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. इनमें से एक प्राथमिकी सुखेडा गांव में आयोजित हुई महापंचायत के सिलसिले में है जिसमें कथित तौर पर भड़काउ भाषण दिये गए जिससे हिंसा हुई.
भाजपा ने इन दंगों से अपना पल्ला झाड़ लिया है| पूर्व अध्यक्ष वेंकैय्या नायडू ने कहा कि उत्तर प्रदेश कि जनता को मालूम है कि इन दंगों के लिए कौन जिम्मेदार है| शांति स्थापित होते ही सत्य सबके सामने आ जाएगा| उन्होंने सत्ता रुड समाज वादी पार्टी के सर दंगों को भड़काने का आरोप लगाया है|
पीएम मनमोहन सिंह ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का एलान किया है। यह राशि पीएम राहत कोष से दी जाएगी।
देश में ८ स्मारकों पर अतिक्रमण हो चूका है और कुल 92 स्मारक/स्थल विलुप्त हो चुके हैं
देश में ८ स्मारकों पर अतिक्रमण हो चूका है और कुल 92 स्मारक/स्थल विलुप्त हो चुके हैं |
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)[कैग] ने अपनी रिपोर्ट में देश के संस्कृति मंत्रालय की शिथिलताओं को उजागर किया है| भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निष्पादन लेखा परीक्षण के बाद, कैग ने संसद में 23 अगस्त, 2013 को प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा कि 92 स्मारक/स्थल विलुप्त हो चुके हैं या फिर उनका पता नहीं लगाया जा सका है। सीएजी की इस रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र अधिकारियों से कहा गया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले उस हर एक स्मारक का विस्तृत प्रमाणन करे, जिनका उल्लेख लेखा परीक्षण दल ने विलुप्त हो चुके स्मारकों के तौर पर किया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय अधिकारियों से जरूरी सूचना प्राप्त हुई है और इसमें कहा गया है कि 92 स्मारकों में से 65 स्मारक विलुप्त हो चुके स्मारक या ऐसा स्मारक नहीं कहा जा सकता, जिनका पता न लगाया जा सकता हो। जो स्मारक जलाशयों में डूब गए हैं, जिन पर अतिक्रमण हो चुका है या फिर जो तेज गति से होते शहरीकरण से प्रभावित हुए हैं, उन्हें भी लेखा परीक्षण दल द्वारा विलुप्त हो चुके स्मारकों के तौर पर दर्शाया गया है। एएसआई द्वारा प्रमाणन किये जाने के बाद 92 स्मारकों/स्थलों की स्थिति निम्नलिखित है –
(i) स्मारक मौजद हैं====================================39
(ii) स्मारक जो बांधों/जलाशयों में डूब गए हैं=====================12
(iii) जिन स्मारकों पर अतिक्रमण हो चुका है======================08
(iv) जिन स्मारकों पर शहरीकरण का प्रभाव पड़ा है=================06
(v) जिन स्मारकों का क्षेत्र कार्यालयों द्वारा प्रमाणन किया जाना बाकी है==06
(vi) प्रमाणन के बाद जिन स्मारकों का पता नहीं चल सका=============21
मुजफ्फरनगर के हिंसा प्रभावित छेत्रों में रालोद सुप्रीमो अजित सिंह और भाजपा सांसदों की एंट्री पर रोक : मरने वालों की संख्या ३१ तक पहुंची
मुजफ्फरनगर में हिंसा प्रभावित छेत्रों में रालोद सुप्रीमो अजित सिंह और भाजपा सांसदों की एंट्री पर रोक :
मरने वालों की संख्या ३१ तक पहुंची उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार को भड़की हिंसा से सोमवार तक मरने वालों की संख्या ३१ तक पहुंच गई है।सेना की तैनाती के बावजूद साम्प्रदायिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।रालोद सुप्रीमो और सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ.अजित सिंह के साथ ही भाजपा के सांसदों पर भी दंगा प्रभावित छेत्रों में जाने से रोक लगा दी गई है| इसके अलावा पुलिस द्वारा 200 लोगों को गिरफ्तार किया है और चार भाजपा विधायकों + कांग्रेस के एक पूर्व सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।प्रदेश में हाई अलर्ट है |
सोमवार को जिले के प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में भी सेना का फ्लैग मार्च और पुलिस की गश्त जारी रही | पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में साम्प्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद तनावपूर्ण हालात के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र बताते हुए कहा कि हिंसा पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। इस मामले में आज उनकी प्रधानमंत्री और राज्यपाल से बात हुई है। जो लोग माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं, उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा। सरकार जांच में जुटी हुई है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
भारत निर्माण अभियान की जानकारी १३ भाषाओं में देने के लिए वेब पोर्टल और आकाशवाणी निःशुल्क एसएमएस सेवा शुरू
भारत निर्माण अभियान की जानकारी १३ भाषाओं में देने के लिए वेब पोर्टल और आकाशवाणी निःशुल्क एसएमएस सेवा शुरू|सूचना एवं प्रसारण युवा मंत्री मनीष तिवारी ने आज भारत निर्माण अभियान की ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की।
इस ऑनलाइन पोर्टल द्वारा भारत निर्माण अभियान की विभिन्न परियोजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म अंग्रेजी, हिन्दी और 11 क्षेत्रीय भाषाओं में प्रदान की जाएगी। इस सुविधा के शुरू हो जाने से उपयोगकर्ता को सभी जानकारियां एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। इसके जरिये फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब को भी जोड़ गया है।
इसके अलावा मोबाइल फोनों और टैब्लेट के लिये भी पोर्टल से संबंधित एप्लीकेशन्स दिये गए हैं।
समग्र मल्टी मीडिया अभियान 2013 के दूसरे चरण की शुरुआत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 14 अगस्त, 2013 को की थी। इस मल्टी मीडिया अभियान को आठ जन सूचना अभियानों के जरिये मजबूत मीडिया तंत्र का समर्थन प्राप्त है। ग्रामीण इलाकों में यह काम पत्र सूचना कार्यालय कर रहा है, जिसे डीएवीपी, डीएफपी और गीत एवं नाटक डीविजन का समर्थन प्राप्त है। अब तक चार जन सूचना अभियानों को ‘जमुनिया’ ध्वनि एवं प्रकाश शो का समर्थन प्राप्त है।
श्री तिवारी ने आज ही आकाशवाणी का ‘आकाशवाणी समाचार निःशुल्क एसएमएस सेवा’ की भी शुरुआत की। उपभोक्ताओं को मोबाइल टेलीफोन पर आकाशवाणी समाचार निशुल्क एसएमएस द्वारा प्रदान की जाएगी।मंत्रालय ने दावा किया है कि अब तक दो लाख लोग इस सेवा से जुड़ चुके हैं।
फोटो कैप्शन
[१]The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari addressing at the launch of the Bharat Nirman Online Portal and AIR Free News SMS Service, in New Delhi on September 09, 2013.
The Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and other dignitaries are also seen.
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री से राज्य में हुई हिंसा की भर्त्सना की और सहायता का आश्वासन दिया
प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री से राज्य में हुई हिंसा के बारे में बात की और स्थिति पर काबू पाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया|
डॉ0 मनमोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री आखिलेश यादव से क्षेत्रों में हुई हिंसा के निवारण के लिए उठाये जा रहे कदमों के बारे में बात की।
प्रधान मंत्री ने हिंसा की भर्त्सना की तथा मासूम जानों के नुकसान पर गहरा शोक जताया। उन्होंने मुख्य मंत्री को यह आश्वासन दिया किे केंद्र स्थिति से निपटने में राज्य सरकार की पूरी सहायता करेगा। गौरतलब है कि बीते दिनों मुजफ्फर नगर में हिंसा भड़की है जिसके फल स्वरुप मुजफ्फर नगर के तीन थानों में कर्फ्यू और प्रदेश में रेड अलर्ट घोषित किया जा चुका है|रालोद सुप्रीमो अजित सिंह ने भी प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग की है|
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