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अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में कच्‍चे तेल की कीमत बढ़ने और रुपए के अवमूल्‍यन के असर से तेल और महँगा हुआ

अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में कच्‍चे तेल की कीमत 04.09.2013 को बढ़कर 112.23 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल हुई | बीते दिन यह कीमत 111.59 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल थी| इसके अलावा डॉलर के मूल्‍य में वृद्धि‍ और रुपए के अवमूल्‍यन के असर से कच्‍चे तेल की कीमत 04.09.2013 को बढ़कर 7522.78 रुपए प्रति बैरल हो गई जबकि ‍यह बीते दिन यह 7464.26 रुपए प्रति बैरल थी।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत पेट्रोलियम नियोजन और विश्‍लेषण प्रकोष्‍ठ (पीपीएसी) के अनुसार भारत के लिए कच्‍चे तेल की अंतर्राष्‍ट्रीय कीमत, 04 सितंबर, 2013 को बढ़कर 112.23 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल हो गई। यह कीमत पि‍छले कारोबारी दिवस अर्थात 03.09.2013 को रही कीमत 111.59 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले अधि‍क है।रूपये के संदर्भ में भी कच्‍चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। कच्‍चे तेल की कीमत 04.09.2013 को बढ़कर 7522.78 रुपए प्रति बैरल हो गई, जबकि ‍यह 03.09.2013 को 7464.26 रुपए प्रति बैरल थी। ऐसा डॉलर के मूल्‍य में वृद्धि‍और रुपए के अवमूल्‍यन के कारण हुआ। 04.09.2013 को रूपये/डॉलर की विनिमय दर 67.03 रुपए/अमरीकी डॉलर रही, जबकि 03.09.2013 को यह दर 66.89 रुपए/अमरीकी डॉलर थी।

रालोद सांसद जयन्त चौधरी ने शहीद हेमराज के गांव में विकास कार्य तेजी से कराने के लिए मुख्य मंत्री को रिमाइंडर भेजा

रालोद सांसद जयन्त चौधरी ने शहीद हेमराज के गांव में विकास कार्य तेजी से कराने के लिए मुख्य मंत्री को अनुस्मारक भेजा |
लांस नायक हेमराज जम्मू-कश्मीर में पुंछ के मेंढर इलाके में शहीद हुए थे |
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] महासचिव एवं मथुरा से लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अनुस्मारक पत्र लिखकर शहीद हेमराज के गांव शेरनगर में विकास कार्य शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री गांव के सम्पूर्ण विकास+ शहीद स्मारक+शहीद के नाम से मार्ग+ प्रवेश द्वार, पार्क+ हाईस्कूल+ परिजनों को नौकरी तथा गांव को लोहिया ग्राम योजना में शामिल करने की घोषणा कर चुके हैं लेकिन जो कार्य शुरू किए गए थे वे आधे-अधूरे छोड़ दिए गए हैं। गांव को लोहिया ग्राम का दर्जा दिया गया था लेकिन उन मानकों पर विकास कार्य नहीं हुए।
रालोद सांसद ने इससे पूर्व भी 14 जनवरी 2013 को प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मथुरा जनपद के गांव शेरनगर में शहीद हेमराज की स्मृति में डिग्री कॉलेज, चिकित्सालय, पशु चिकित्सालय तथा छाता (राष्ट्रीय राजमार्ग 2) से वाया पैगांव-विशम्भरा से गांव शेरनगर तक सड़क निर्माण कराने की मांग की थी।
श्री जयन्त चौधरी ने कहा है कि शेरनगर पिछड़ा गांव है। यह क्षेत्र शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए क्षेत्र के लोगों को 18 किमी दूर कोसीकलां जाना पड़ता है। शेरनगर निवासी लांस नायक हेमराज 08 जनवरी 2013 को जम्मू-कश्मीर में पुंछ के मेंढर इलाके में शहीद हुए थे। उन्होंने कहा है कि ये कार्य साहसी अमर शहीद हेमराज की स्मृति में अर्पित हों तो शहीद को सम्मान, परिवार एवं क्षेत्र को शांति और देशभक्त नौजवानों को प्रेरणा मिलेगी।

मौका है !रुपये में गिरावट का फायदा उठाओ,महंगी हो रही हजयात्रा के लिए सब्सिडी बढाओ और चुनावी वैतरणी पार कर लो


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी आम नागरिक

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है ?ओये भारतीय रुपये में आई गिरावट का असर दिखने लग गया है |जेट एयरवेज और स्पाईस जेट जैसी हवाई कंपनियों में हवाई यात्रा का किराया बढाने की प्रतियोगिता शुरू हो गई हैइसके अलावा |हज यात्रा का खर्च १५ हज़ार से भी ज्यादा बढ़ गया है। कई श्र्धालू मुसलमानों को पवित्र हज यात्रा तक टालने को बाध्य होना पड़ रहा है|
केंद्रीय हज समिति द्वारा घोषित की गई लिस्ट में शामिल होने के बावजूद लोग अपना नाम वापिस ले रहे हैं|

झल्ला

वाकई रुपये में आई गिरावट का असर चहुँ और पड़ना स्वाभाविक ही है|एयर लाइन्स का तो राम जाने लेकिन हुकुमरानों को सबाब [पुण्य] कमाने का मौका जरूर मिल जाएगा| क्या कहा कैसे अरे भाई इस साल सवा लाख से ज्यादा भारतीय मुसलमानों ने हज यात्रा करने की नियत की है और सर्व विदित है कि ज्यादातर भारतीय केंद्रीय हज समिति के जरिए हज की यात्रा करते हैं,
, एयर इंडिया ने हज यात्रियों से पिछले साल के 20,000 रुपये के मुकाबिले 28,000 रुपए किराया वसूलने की ठानी हैं |एयर इंडिया तो वैसे ही सरकारी इमदाद पर टिकी है हज यात्रियों के लिए किराया कम करने से एयर इंडिया को थोड़ी और इमदाद मिल ही जायेगी| इस यौजना को लोक लुभावन बता कर रुपये को थोड़ा और नीचे धकेल जा सकता है मगर वित्त मंत्री ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबिले भारतीय रुपये में ७२/= तक की गिरावट की भविष्य वाणी पहले ही की हुई है सो ऐसे में हज की जियारत पर जाने वाले सवा लाख धार्मिक लोगों की मदद के लिए महज आठ हज़ार प्रति की सब्सिडी देकर चुनावी वैतरणी को पार जरूर किया जा सकता है|क्यों ठीक है ना ठीक ???

हाईकोर्ट बेंच के लिए वकीलों ने जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए सरकारी वाहन में तोड़फोड़ की तो पोलिस ने लाठी चलाई

[मेरठ] वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना कराने के लिए आज बुधवार की सुबह भी वकीलों ने जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुए कलक्ट्रेट परिसर में हंगामा किया।रजिस्ट्री कार्यालय बंद कराया गया । एक सरकारी वाहन में तोड़फोड़ की गई जिससे उत्तेजित हुए डीएम नवदीप रिणवा के आदेश पर पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज किया और मेरठ बार संघ +मेरठ बार एसोसियेशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित 12 वकीलों को हिरासत में ले लिया।

 प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों में आपस में भी नोकझोंक

प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों में आपस में भी नोकझोंक


व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों में आपस में भी नोकझोंक होती देखी गई|
वेस्ट यूपी हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले वकील प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए सुबह रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचे। रजिस्ट्री कार्यालय बंद कराकर उन्होंने गेट पर प्रदर्शन किया इसी दौरान उधर से गुजर रहा एक सरकारी वाहन बीच में आ गया। हडताली वकीलों ने उसमें तोड़फोड़ शुरू कर दी। कार की विंड स्क्रीन को भी तोड़ा गया| प्राप्त जानकारी के अनुसार डीएम ने एसपी सिटी ओम प्रकाश को लचर सुरक्षा व्यवस्था के लिए लताड़ा। एसपी सिटी के आदेश पर पुलिस ने प्रदर्शन व तोड़फोड़ कर रहे वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया और बार संघ के नेता उदयवीर सिंह+ रामकुमार+ मुकेश वालिया समेत 12 वकीलों को हिरासत में ले लिया| दोपहर लगभग डेढ़ बजे हिरासत में लिए गए सभी वकीलों को छोड़ भी दिया गया। इसके बाद वकील कचहरी के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए और डीएम व एसपी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दोनों अधिकारियों को हटाने की मांग की।
सरकारी वाहन में तोड़फोड़

सरकारी वाहन में तोड़फोड़


गौरतलब है कि केंद्रीय संघर्ष समिति ने शनिवार के साथ ही बुधवार को भी हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया है। मंगलवार को बैठक कर निर्णय को सख्ती के साथ लागू करने की रणनीति भी बनाई गई। हड़ताल के चलते कचहरी परिसर में रजिस्ट्री कार्यालय सहित सभी दुकानें भी बंद रखने का निर्णय लिया गया
उधर पोलिस ने भी अपनी तरफ से तैयारी कर रखी थी| सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार आधी रात के बाद तमाम सीओ और थानेदारों को भूमिया पुल पर बुलाकर दंगा रिहर्सल कराया। सड़क पर पुलिस फोर्स को देख लोगों में अफरातफरी भी मच गई।इस पर एसएसपी ने लोगों से शांति बनाने की अपील की। रबर की गोलियां बरसाकर खुद को दंगे से बचने का रिहर्सल पुलिसकर्मियों को कराया गया । इस सब के बावजूद वकीलों द्वारा वाहन में तोड़ फोड़ की घटना से सब तैयारी धरी की धरी रह गई|प्रशासन और पोलिस में भी तालमेल नही बैठाया जा सका| इससे स्थिति पर नियंत्रण करते समय कई अवसरों पर हास्यास्पद द्रश्य देखने को मिले

छात्रा से छेड़छाड़ के आरोपी के पक्षधर महाविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध छात्रों ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को ज्ञापन दिया

[अलीगढ़]छात्रा से छेड़छाड़ के आरोपी के पक्षधर महाविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध छात्रों ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को ज्ञापन दिया |
टीकाराम कन्या महाविद्यालय के छात्रा से छेड़ छाड़ के आरोपी सहायक लेखाकार एलबी गुप्ता के निलंबन की घोषणा करने के बावजूद कालेज प्रशासन द्वारा आरोपी श्री गुप्ता का पक्ष लिया जा रहा है| समस्या निवारण समिति ने ये आरोप लगाते हुए मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक से आरोपी के निलंबन की पुष्ठी और जांच की मांग की |संयोजक प्रवीर सक्सेना ने कहा के इस कदम से दुष्कर्मियों को सबक मिलेगा|

अलीगढ छात्र नेता मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को ज्ञापन देने जाते हुए

अलीगढ छात्र नेता मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को ज्ञापन देने जाते हुए


.इससे पूर्व २-९-१३ को समस्या निवारण समिति+ट्रैप ग्रुप + छात्र रालोद ने प्राचार्या अनुराधा वत्स को भी घेर कर आरोपी बाबू के निलंबन का आश्वासन लिया था|
कॉलेज प्रशासन पर आरोपी बाबू का पक्ष लेने का आरोप लगाया गया है,
समस्या निवारण समिति द्वारा जल्द ही अलीगढ जिलाधिकारी से मिलकर प्रत्येक कालेज में छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कन्या महाविद्यालयों में महिला स्टाफ की नियुक्ति के सम्बन्ध में भी मांग पर जोर दिया जायेगा।
गौरतलब है के टीकाराम कन्या महाविद्यालय के सहायक लेखाकार एलबी गुप्ता पर छात्रा से अपने ही घर में छेड़छाड़ करने का आरोप है |प्रदर्शन के दौरान एक शिक्षिका ने छात्राओं से जब कहा कि यह सब तुम्हारे साथ तो नहीं हुआ, तुम क्यों इतना शोर मचा रहे हो। इस पर स्थिति ज्यादा बिगड़ गई| शिक्षिका के माफी मांगने पर स्थिति संभली|
इस दौरान सीओ और इंस्पेक्टर से भी छात्र-छात्राओं की तीखी नोकझोंक हुई। इस मौके पर एनएसयूआई नेता अजय शर्मा+ कांग्रेस नेता संजय शर्मा+रालोद छात्र नेता जियाउर्रहमान+ अमित गोस्वामी+ विवेक कश्यप+ चंद्रकिशोर+ पंकज अग्रवाल+केके शर्मा,+ विकास चेतन+ सागर सिंह तोमर+ सोनू कुमार+ विनय कनौतिया+ देवेंद्र सूर्यवंशी+ प्रशांत गौतम+ प्रशांत तोमर+, टीना शेखावत+ रोहित कपूर आदि उपस्थित थे|

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह अपने सुधारों का पिटारा लेकर जी-20 के सदस्य देशों को इन्वेस्टमेंट के लिए रिझाने रूस पहुंचे

प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह अपने सुधारों का पिटारा लेकर जी-20 के सदस्य देशों को इन्वेस्टमेंट के लिए रिझाने रूस पहुँच गए हैं|
,आठवें जी-20 शि‍खर सम्‍मेलन में भाग लेने के लि‍ए रूस के लि‍ए प्रस्‍थान करने से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने विचार भी व्यक्त किये|
जी-20 वैश्‍वि‍क आर्थि‍क मुद्दों पर वि‍चार-वि‍मर्श करने के लि‍ए प्रमुख अन्‍तर्राष्‍ट्रीय मंच के रूप में सामने आया है। इसका आठवां शि‍खर सम्‍मेलन वैश्‍वि‍क अर्थव्‍यवस्‍था में आ रही लगातार चुनौति‍यों और कमजोरि‍यों की पृष्‍ठभूमि‍ में आयोजि‍त कि‍या जाएगा। औद्योगि‍क देशों में वि‍कास के उत्‍साहजनक संकेत मि‍ल रहे हैं, लेकि‍न उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं में मंदी का दौर भी है, जो महत्‍वूपर्ण पूंजी के बाह्यप्रवाह के प्रति‍कूल प्रभाव का सामना कर रही है। मैं सेंट पीटर्सबर्ग में वि‍कसि‍त देशों द्वारा पि‍छले कुछ वर्षों से अपनाई जा रही गैर-परम्‍परागत मौद्रि‍क नीति‍यों से बाहर नि‍कलने की आवश्‍यकता पर जोर दूंगा, ताकि‍ वि‍कासशील देशों की वि‍कास संभावनाओं को नुकसान पहुंचने से रोका जा सके।
यह भी महत्‍वपूर्ण है कि‍ जी-20 प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍थाओं में नीति‍ समन्‍वय को इस तरीके से प्रोत्‍साहन और बढ़ावा देती है जि‍ससे मजबूत आधार और सतत् वैश्‍वि‍क आर्थि‍क सुधार और वि‍कास प्राप्‍त कि‍या जा सके। भारत ”मजबूत, सतत् और संतुलि‍त वि‍कास के ढांचे” पर कार्यकारी समूह के सह अध्‍यक्ष के रूप में अपने प्रयास में सक्रि‍य भागीदार रहा है। इस शि‍खर सम्‍मेलन में मैं एक बार फि‍र इस बात पर जोर दूंगा कि‍ जी-20 को अपने वि‍चार-वि‍मर्श में रोजगार सृजन पर ध्‍यान केन्‍द्रि‍त करने+ वैश्‍वि‍क वि‍कास को प्रोत्‍साहि‍त करने के माध्‍यम के रूप में बुनि‍यादी ढांचे में नि‍वेश को प्रोत्‍साहि‍त करने +मध्‍यावधि‍ में सतत् उच्‍च वि‍कास के लि‍ए वि‍कासशील देशों में संभावनाओं का सृजन करने के लि‍ए वि‍कास आयाम की प्रधानता को सुनि‍श्‍चि‍त करना चाहि‍ए।

रूस में भारत के राजदूत अजय मल्हौत्रा पुलकोवो एयर पोर्ट पर प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह की अगवानी करते हुए उनके साथ उनकी पत्नी श्री मति इरा

रूस में भारत के राजदूत अजय मल्हौत्रा पुलकोवो एयर पोर्ट पर प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह की अगवानी करते हुए उनके साथ उनकी पत्नी श्री मति इरा


वैश्‍वि‍क राजनीति‍क और आर्थि‍क शासन के संस्‍थानों में सुधार लाये जाने की भी तत्‍काल आवश्‍यकता है। मुझे खुशी है कि‍ रूसी प्रेजीडेंसी ने नि‍वेश पहल के लि‍ए नए वि‍त्‍त पोषण के माध्‍यम से इस वर्ष जी-20 के एजेंडे में इन मुद्दों पर वि‍शेष ध्‍यान दिया है। मैं सेंटपीटर्सबर्ग शि‍खर सम्‍मेलन के दौरान इन मुद्दों पर रचनात्‍मक वि‍चार-वि‍मर्श और नि‍र्णय लि‍ए जाने के लि‍ए तत्‍पर हॅूं।
उन्होंने कहा कि सेंटपीटर्सबर्ग वह स्‍थान भी है जहां ब्रि‍क्‍स वि‍चारधारा ने जुलाई 2006 में जन्‍म लि‍या था। पि‍छले कई जी-20 शि‍खर सम्‍मेलनों के दौरान अपनाई गई प्रक्रि‍या के अनुसार ब्रि‍क्‍स नेताओं की एक अनौपचारि‍क बैठक शि‍खर सम्‍मेलन के एजेंडे पर ‍वि‍चारों के आदान-प्रदान के लि‍ए जी-20 बैठक से हटकर आयोजि‍त की जाएगी। इससे डरबन में 27 मार्च, 2013 को आयोजि‍त पांचवें ब्रि‍क्‍स शि‍खर सम्‍मेलन में लि‍ए गए महत्‍वपूर्ण नि‍र्णयों को लागू करने में हुई प्रगति‍की समीक्षा और वैश्‍वि‍क गति‍वि‍धि‍यों की समीक्षा करने का अवसर भी उपलब्‍ध होगा।
यह शि‍खर सम्‍मेलन ऐसे समय पर आयोजि‍त कि‍या जा रहा है, जब हमने भारत में अनेक सुधार कार्यक्रम शुरू कि‍ए हैं और बृहद आर्थि‍क स्‍थि‍रता को मजबूत करने, रुपए को स्‍थि‍र करने और नि‍वेशकों में अनुकूल वातावरण का सृजन करने के लि‍ए कदम उठाए गए हैं। इस समय आर्थि‍क वि‍कास को पुनर्जीवि‍त करने के लि‍ए एक स्‍थि‍र और सहायक बाहरी आर्थि‍क वातावरण तैयार करने की भी आवश्‍यकता है। इसलि‍ए जी-20 शि‍खर सम्‍मेलन अन्‍तर्राष्‍ट्रीय वातावरण तलाशने के लि‍ए एक महत्‍वपूर्ण मंच है, जो सभी देशों के लि‍ए लाभदायक है।
मैं इस शि‍खर सम्‍मेलन से हटकर अन्‍य जी-20 नेताओं के साथ द्वि‍पक्षीय बैठकों के लि‍ए तत्‍पर हॅूं। ”
फोटो कैप्शन :प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह जी २० शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए रूस के पुलकोवो एयर पोर्ट[ Pulkovo Airport, ] पर उतरते हुए ४ सितम्बर

खेल मंत्रालय ने कुश्‍ती को ओलंपि‍क खेलों में बनाए रखने के लि‍ए आईओसी से गुहार लगाईं

खेल मंत्रालय ने कुश्‍ती को ओलंपि‍क खेलों में बनाए रखने के लि‍ए आईओसी से गुहार लगाईं है|
खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ओलंपि‍क समि‍ति‍ (आईओसी) से अर्जेन्‍टीना के ब्‍यूनस आयर्स में होने वाली 125वीं बैठक में कुश्‍ती को ओलंपि‍क खेलों की मुख्‍य खेल श्रेणी में बनाए रखने का अनुरोध कि‍या है।
खेल वि‍भाग के सचि‍व पी.के. देब ने आईओसी के सभी सदस्‍यों को पत्र लिख कर कहा है कि ‍ 1886 में एथेंस में हुई आधुनि‍क ओलंपि‍क के उद्घाटन से ही कुश्‍ती एक स्‍पर्धा रही है। प्राचीन ओलंपि‍क में भी कुश्‍ती शामि‍ल थी। ओलंपि‍क खेलों की मुख्‍य श्रेणी से इसे बाहर रखना परम्‍परा के वि‍रुद्ध है। पत्र में कहा गया है कि ‍आज के समय में कुश्‍ती की लोकप्रि‍यता पूरी दुनि‍या में है। इसकी लोकप्रि‍यता का अनुमान इस तथ्‍य से लगाया जा सकता हैं कि 2012 की लंदन ओलंपि‍क में कुश्‍ती स्‍पर्धा में 71 देशों ने भागीदारी की थी। उन्‍होंने कहा कि ‍आईओसी द्वारा कुश्‍ती को 2020 ओलंपि‍क से अलग रखने से कुश्‍ती पर प्रति‍कूल प्रभाव पड़ेगा।
पत्र में श्री देब ने कहा कि ‍भारत सरकार का मानना है कि ‍कुश्‍ती को ओलंपि‍क स्‍पर्धा के 25 प्रमुख खेलों से बाहर रखने पर फि‍र से वि‍चार कि‍या जाना चाहि‍ए, क्‍योंकि इस खेल के प्रति सार्वभौमिक रुझान है और खर्च की दृष्टि से ये वहन योग्‍य भी है।

Raghuram Rajan has taken over charge of Reserve Bank Of India With Many Economic Problems

Raghuram Rajan has taken over charge of Reserve Bank Of India as 23rd Governor
Raghuram Rajan and D Subbarao shook hands warmly & hugged after Rajan signed papers taking over as 23rd Governor of central bank.
Raghuram Rajan, is a former International Monetary Fund chief economist
He takes charge Of many economical problems also.[1] central bank grapples with a weakening rupee,
[2]widening current account deficit and
[3] slowdown in economic growth.
[4]India’s currency has declined 20% against the US dollar since May

भाजपा ने सुन्दर गढ़ में कोयला दुर्घटना की जांच और पीड़ितों को मुआवजे की मांग राज्य सभा में उठाई

भाजपा के राष्ट्रीय महा सचिव और राज्य सभा सदस्य धर्मेन्द्र प्रधान ने सुन्दर गढ़ में कोयला दुर्घटना की जांच और पीड़ितों को मुआवजे की मांग राज्य सभा में उठाई | इस दुर्घटना में १२ शव बरामद हो चुके हैं| ये सभी ट्राईबल जाति के हैं | मलबे में अभी और शव बरामद होने की संभावना जताई जा रही है|सांसद प्रधान ने कोयला मंत्री और श्रम विभाग के साथ ही राज्य सरकार को ११ अगस्त को घटी इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया| भाजपा नेता ने राज्य सभा में बताया कि उन्होंने स्वयम कोयला मंत्री को घटना कि सूचना देते हुए जाँच की मांग की लेकिन कोयला मंत्री ने साफ इनकार करते हुए अपनी जिम्मेदारियों से किनारा कर लिया|उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दुर्घटना की ऍफ़ आई आर दर्ज़ कराई जा चुकी है मगर अभी तक इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई है|

सिर्फ भगवान ही हमारी अर्थव्यवस्था की सहायता कर सकता है; सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण आडवाणी ने अपने नए ब्लॉग में भारत की बिगड़ी अर्थव्यवस्था पर नेताओं की अकर्मण्यता पर निशाना साधा और अर्थ व्यवस्था को बहग्वान के भरोसे बताया | ब्लागर अडवाणी ने स्तम्भकार तवलीन सिंह के लेख (आइए, सोनिया के बारे में बात करें) का हवाला दिया और यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी को असली प्रधान मंत्री बताते हुए समृध्द भारत के सपने के धवस्तीकरण के लिए श्रीमती गाँधी को जिम्मेदार ठहराया|
”निराशा के इतने घने बादल छाए हुए हैं इन दिनों दिल्ली के राजनीतिक आकाश में कि याद करना मुश्किल है कि सोनिया गांधी की सरकार जब बनी थी एक दशक पहले तो मौसम बहारों का था….
उस समृध्द भारत के सपने को सोनिया गांधी की आर्थिक नीतियों ने खत्म कर दिया है, प्रधानमंत्री को दोष देना बेकार है क्योंकि पिछले दशक से इस देश का असली प्रधानमंत्री कौन रहा है, हम सब जानते हैं।”इसी समाचारपत्र के उसी पृष्ठ पर एक और अन्य स्तम्भकार मेघनाद देसाई की टिपण्णी का उल्लेख किया जिसमे कहा गया है के” गरीबी और भ्रष्टाचार भारतीय लोकतंत्र के दो स्तम्भ हैं। ये पवित्र हैं। यदि इन्हें धन्यवाद दिया जाए तो अर्थव्यवस्था ठप्प होती है, कठिन भविष्य कठिनाइयों है।
प्रस्तुत है सीधे एल के अडवाणी के ब्लॉग से :
संसद और मीडिया में पिछले एक महीने से देश के सम्मुख मौजूद गंभीर आर्थिक संकट की चर्चा मुख्य रुप से हो रही है। डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत भयावह गति से नीचे जा रही है! इन दिनों टिप्पणीकार बार-बार सन् 1991 के उस संकट की तुलना वर्तमान स्थिति से कर रहे हैं जब पी.वी. नरसिम्हा राव सरकार को अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भारत को 67 टन सोना गिरवी रख 2.2 बिलियन डॉलर का आपात कर्जा लेने को बाध्य होना पड़ा था।
दो दिन पूर्व दि इक्नॉमोक्सि टाइम्स (31 अगस्त) ने प्रकाशित किया है: ”सभी प्रयासों के बावजूद रुपए की गिरावट को रोकने में असफल रहने के बाद, अब नीतिनिर्माताओं ने मंदिरों के द्वार खटखटाने की योजना बनाई है।
आंध्र का तिरुपति मंदिर, महाराष्ट्र में शिरडी मंदिर, मुंबई में सिध्दिविनायक और केरल में पद्मानाभास्वामी मंदिर, देश के उन सर्वाधिक अमीर मंदिरों में से हैंजिनके पास सोने का अकूत भण्डार है, से केंद्रीय रिजर्व बैंक उनसे उनके सोने को नकद में परिवर्तित करने को कहेंगे।
arun-jaitleysushma-swarajदोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं सहित संसद में भाजपा के दस नेताओं और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष 30 अगस्त को राष्ट्रपति से मिले और उन्हें, वर्तमान आर्थिक संकट के बारे में एक ज्ञापन सौंपा जिसमें हमने कहा है:
”सदैव की भांति भारत सरकार सच्चाई से मुंह मोड़ रही है। इतने भर से वह संतुष्ट नहीं है और वर्तमान संकट के लिए खुद को छोड़कर बाकी सभी पर आरोप लगा रही है। यह विपक्ष, राज्य सरकारों, भारत के रिजर्व बैंक और वैश्विक कारणों पर दोषारोपण कर रही है। गैर-जिम्मेदारी की हद तब पार हो गई जब वित्त मंत्री ने इसका ठीकरा अपने पूर्ववर्ती (वित्त मंत्री) पर थोप दिया और प्रधानमंत्री मौन साधे रहे। महोदय, अर्थव्यवस्था और देश पर छाया वर्तमान संकट मुख्य रुप से विश्वास का संकट है। यहां एक ऐसी सरकार है जो निर्णय लेने, नेतृत्व प्रदान करने या भविष्य के लिए आशा की एक किरण दिखाने में अक्षम है। यह भयंकर भ्रष्टाचार में फंसी है। यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय को भी अब संदेह है कि सरकार महत्वपूर्ण फाइलों को गायब कर साक्ष्यों को नष्ट करने का प्रयास कर रही है।
rajnath_singसंकट के इस मौके पर एक लकवाग्रस्त सरकार है, जो कभी नहीं बोलने वाले प्रधानमंत्री, एक ऐसा वित्त मंत्री जो गलत तरीके से अपने उस पूर्ववर्ती पर दोषारोपण करता है जो अपना बचाव नहीं कर सकता, एक ऐसी सर्र्वोच्च नेता जिसे इसकी चिंता नहीं है कि पैसा कहां से आएगा और एक जड़वत नौकरशाही जो अक्षम है, को देश वहन नहीं कर सकता। इस सरकार के मंत्री बेलगाम हैं और परस्पर विरोधी उद्देश्यों के लिए काम कर रहे हैं। भारत सरकार का राज्य सरकारों, विशेष रुप से गैर-यूपीए शासित राज्यों तथा विपक्षी दलों वाले राज्यों से सम्बन्ध निचले स्तर पर है। इसलिए, हम आप से अनुरोध करने आए हैं कि इस अनिश्चितता को समाप्त करने के लिए इस सरकार को शीघ्रातिशीघ्र नया जनादेश लेने की सलाह दें और अगामी तीन महीनों में होने वाले राज्य विधानसभाई चुनावों के सा