भारतीय संचार निगम लिमिटेड [बी एस एन एल] ने घाटे का सौदा बन चुकी टेलीग्राम सेवा से हाथ धोने में सफलता प्राप्त कर ली है| रविवासरीय अवकाश की रात्रि ९ बजे सेवा समाप्ति की ओपचारिकता पूर्ण कर ली जायेगी| बताया जा रहा है के लगातार बढ़ते राजस्व घाटे के कारण टेलीग्राम सेवा बंद करने का फैसला किया गया है । जो आंकड़े दिए जा रहे हैं उसके अनुसार इस सेवा से सालाना खर्चे के मुकाबिले मात्र एक प्रतिशत की ही आय होती है|अर्थार्त ९९% की हनी उठानी पड़ती है|इसके संचालन और प्रबंधन का खर्च 100 करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है|
राजस्व में कमी की वजह से केंद्र सरकारके विभाग बी एस एन एल ने मई, 2011 में टेलीग्राम दरों +इनलैंड टेलीग्राम सेवा शुल्क बढ़ाकर 27 रुपये प्रति 50 शब्द कर दिया |अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी जैसे ईमेल+ मोबाइल फोन+इंटरनेट+ की चकाचौंध के आगे टेलीग्राम सेवा धीरे-धीरे अप्रासंगिक सी होती चली गई|
इसी को आधार बना कर दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने जून माह में कहा था के बहुत गर्मजोशी के साथ इसकी विदाई की जायेगी शायद इसीलिए आखिरी भेजे जाने वाले टेलीग्राम को किसी सरकारी संग्रहालय में दफन कर दिया जाएगा|टेलीग्राम के साथ ही एक आध मशीन भी कही सजाई जा सकती है लेकिन सभी मशीनों और उनके लिए प्रयोग में लाये जा रहे फर्नीचर के डिस्पोजल के विषय में अभी तक किसी भी हलके से कोई घोषणा नही हुई है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार छोटे बड़े शहरों में 75 टेलीग्राम के सेंटर हैं इनमे १० गुना से अधिक स्टाफ है| करोड़ों रुपयों का फर्नीचर भी है|इन कर्मचारियों को तो बीएसएनएल अपनी सेवा में ले लेगा लेकिन मशीनों और उसके फर्नीचर का निस्तारण [डिस्पोजल] कैसे होगा शायद इसके लिए भविष्य में किसी कैग की रिपोर्ट का ही इन्तेजार करना पडेगा|
बी एस एन एल ने घाटे की टेलीग्राम सेवा से हाथ धोये ;अब टेलीग्राफ मशीनों और फर्नीचर का क्या होगा ?
दिल से पत्रकारिता और राजनीती करने वाले बेहद दुर्लभ हैं :एल के अडवाणी के ब्लॉग से
एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार[अब ब्लॉगर] लाल कृष्ण आडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग के पश्च्य लेख[ Tailpiece ] में कहा है कि दिमाग के दिशा निर्देशों पर केवल निजी स्वार्थ पूर्ती के बजाय दिल की पुकार पर पत्रकारिता और राजनीती करने वाले बेहद दुर्लभ हैं | पी पी बालाचंद्रन की पुस्तक ऐ व्यू फ्रॉम रायसीना हिल्स [“A view from the Raisina Hill.”]के अध्याय आर्ट +कल्चर+और मीडिया [“Art, Culture and Media”]. में उल्लेखित कार्टूनिस्ट रंगानाथ [अब स्वर्गीय] की जीवन के उतार चडाव के हवाले से कहा है कि रंग ने पत्रकारिता में अगर नाम कमाया और आज हम रंगा को याद करते हैं उसकी कमी को महसूस करते हैं तो केवल इसीलिए कि रंगा ने जीवन पर्यंत पोलिटिकल कार्टूनों में हमेशा अपने दिल के भावों से पाठकों का दिल जीता|.वर्तमान में क्रिकेटर द्वारा मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग के द्वारा दौलत कमाए जाने के समाचार फ्रंट पेज पर छाते हैं|
किताब में बाते गया है कि महात्मा गाँधी + नेल्सन मंडेला+यास्सेर अराफात+ मोहम्मद अली+मदर टेरेसा+ मारग्रेट थेचर +बिल क्लिंटन +रंगा की अमूल्य २००० कृतियाँ यदि बेच दी जाती तो रंगा भी करोड़ों डॉलर्स का मालिक हो सकता था|दुर्भाग्य से वर्तमान में पत्रकारिता+राजनीती के अलावा दुसरे छेत्रों में भी रंगा जैसे समर्पित लोग बेहद दुर्लभ हैं| रंगा वाकई प्रशंसा के पात्र हैं
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प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भूटान के पीडीपी नेताओं को चुनाव में जीत पर बधाई के साथ सहयोग का आश्वासन भी भेजा
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भूटान के पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी [पीडीपी] नेताओं को चुनाव में जीत पर बधाई के साथ सहयोग का आश्वासन भी भेजा | भूटान के पीडीपी नेताओं के लिए प्रधानमंत्री के संदेश का अनूदित पाठ इस प्रकार है:
” पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की सफलता के साथ-साथ भूटान में ऐतिहासिक दूसरे लोकतांत्रिक चुनाव में नेशनल असेम्बली में आपके चुने जाने पर मुझे महामहिम को बधाई देते हुए बहुत खुशी हो रही है।
मैं इस अवसर पर आपको उन कदमों के लिए भारत एवं इसकी जनता के अटल और पक्के समर्थन का आश्वासन देता हूं जो भूटान लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थाओं को मजबूत करने के लिए उठा रहा है। भारत सामाजिक-आर्थिक प्रगति एवं विकास में भूटान और वहां की जनता का विशिष्ट सहयोगी है। हमारे द्विपक्षीय संबंध विश्वास , आपसी भरोसे और समझ की बुनियाद पर टिके हैं। मैं इन अनोखे और विशेष पारंपरिक रिश्तों के संरक्षण के लिए भूटान को भारत की कभी कम न होने वाली प्रतिबद्धता फिर दुहराता हूं। भारत भूटान और उसके हितों के प्रति संवेदनशील है और रहेगा।
मैं इस बात पर भी बल देता हूं कि भारत-भूटान संबंध अनुकरणीय हैं तथा ये भूटान के महामहिम ड्रुक ग्यालपोस के मार्गदर्शन और दूरदर्शिता तथा दोनों देशों की सरकारों के रचनात्मक सहयोग से कई दशकों से सावधानीपूर्वक फल-फूल रहे हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि ये रिश्ते और मजबूत हों। मुझे दोनों देशों की जनता के फायदे के लिए अपने सहयोग को और बढ़ाने के लिए आपके और आपके सहयोगियों के साथ काम करने की उम्मीद है। इसलिए मैं अपनी सरकार के अधिकारियों को पहले ही निर्देश दे चुका हूं कि भूटान की सहायता के लिए हमारी योजना पर चर्चा की तैयारी करें।
मैं उम्मीद करता हूं कि आप जल्दी ही भारत आकर अपने स्वागत का अवसर देंगे।
महामहिम कृपया मेरी हार्दिक शुभकामनाएं और तहे दिल से सहयोग का आश्वासन स्वीकार करें। ”
ओत्तावियो क्वात्त्रोची की मृत्यु १९८७ के अनैतिक बोफोर्स काण्ड का तिरस्कारपूर्वक अंत है:आप पार्टी
बोफोर्स तोपों में दलाली को लेकर जिसके नाम के गोले राजीव गाँधी [अब स्वर्गीय]पर चलाये जा रहे थे उस ओत्तावियो क्वात्रोची [ Ottavio Quattrocchi ] का शनिवार को इटली के मिलान में हार्ट अटैक से निधन हो गया है | इससे १९८७ के बोफोर्स दलाली के एक निंदनीय अध्याय का अंत हो गया है|इस पर टिपण्णी करते हुए आम आदमी पार्टी[आप]ने क्वात्त्रोची की मृत्यु को अनैतिक बोफोर्स काण्ड का तिरस्कारपूर्वक अंत बताया हैआप पार्टी का कहना है कि इस अकेले केस में केंद्र सरकार द्वारा लगातार पर्दा डाले रखने के बावजूद इसी केस के आधार पर स्विस बैंक से पहली बार इसकी डिटेल्स निक्लावाई जा सकी थी लेकिन इसके बावजूद अभी तक किसी को सजा नहीं हुई है|आठवें दशक से लगातार सी बी आई + तत्कालीन फॉरेन मिनिस्टर + नयायालय +के हस्तक्षेप और फिर क्वात्त्रोची को देश छोड़ने की इजाजत देकर केस को रिश्वत के बजाय धोखा धडी का केस बना दिया गया|पहले उसे देश से बाहर जाने दिया गया फिर उसके वापिसी के लिए नाटक किये गए| अब दलाली के क्यू [ Q ] नाम से कुख्यात इस मुख्य आरोपी की मृत्यु से केस की सभी गोपनीय जानकारी भी दफन हो गई है|
इससे एक बात तो साफ़ हो गई है कि देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को धनवान और शक्तिशाली के हित में अपराधिक रूप में उपयोग किया जा रहा है|
इसी परिपेक्ष्य में आप पार्टी ने लोक पल के गठन की मांग को पुनः उठाते हुए जुडिशियल सिस्टम में सुधार को आवश्यक बताया है|
भाजपा ने रायबरेली में खुलने वाली महिला यूनिवर्सिटी को लेकर कांग्रेस को इतिहास पढ़ाया और महाराष्ट्रियन भावनाओं को भी उकसाया
भाजपा ने आज राय बरेली में खुलने वाली महिला यूनिवर्सिटी को लेकर कांग्रेस को महिला शिक्षा का इतिहास पढ़ाया +महाराष्ट्रीय भावनाओं को उकसाया | भाजापा ने बताया कि श्री मति सोनिया गाँधी के संसदीय छेत्र राय बरेली में ५०० करोड़ रुपयों की लागत से पूर्व प्रधानमंत्री श्री मति इंदिरा गांधी के नाम पर खुलने वाला महिला विश्वविद्यालय पहला महिला विश्वविद्यालय नहीं है बल्कि पुणे की एसएनडीटी[SNDT] यूनिवर्सिटी है | इसे भारत रत्न डॉ केशव डी कर्वे ने १९१६ में दी इंडियन वुमन यूनिवर्सिटी के नाम से स्थापित किया था| यहाँ के वार्षिकोत्सव में महात्मा गाँधी ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई थी| इसके पश्चात डॉ राधा कृष्णन +डॉ शंकर दयाल शर्मा+पंडित जवाहर लाल नेहरू+ श्री मति इंदिरा गाँधी आदि जैसी विभूतियों द्वारा यहाँ के अनेकों महत्वपूर्ण फंक्शन अटैंड किये गए हैं|
पूर्व केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री नाइक ने कहा कि सरकार की यह घोषणा भारत में शैक्षणिक इतिहास के बारे में उसकी अज्ञानता को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए अपने संसदीय छेत्र में यह यूनिवर्सिटी खोली जा रही है और इसे पहली महिला यूनिवर्सिटी कहा जा रहा है|
भाजपा के राम नाईक ने इस अवसर पर महाराष्ट्र के भारी भरकम नेता केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी उलाहना देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के ये नेता भी दिल्ली की सत्ता सुख में अपने छेत्र के सुनहरे इतिहास को भी भुला चुके हैं|
श्री नाईक ने बताया कि पुणे की पहली महिला यूनिवर्सिटी से महिलाओं का सशक्तिकरण शुरू हो गया था|चूंकि श्री मति इंदिरा गाँधी के नाम पर अनेको संस्थाएं हैं इसीलिए राय बरेली में खुलने वाली यूनिवर्सिटी को श्री मति सावित्री बाई फुले ,भागिनी निवेदिता,डॉ अन्दिता जोशी, श्रीमती रमाबाई रानाडे जैसी महिलाओं के नाम दिए जाने चाहिए| इन्होने भी महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है |
गौर तलब है कि गुरुवार को केंद्र सरकार ने रायबरेली में दो विश्वविद्यालयों को खोलने की मंजूरी दी थी। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर एक महिला विश्वविद्यालय है इसे पहला महिला विश्व विद्यालय बताया गया है| ।
राम नाईक भाजपा के वरिस्थ नेता हैं और भाजपा नीत एन डी ऐ की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रहे हैं लेकिन फ़िल्मी एक्टर गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर इन्हें हराया था |
अमेरिकी आव्रजन नीति में सुधार की कवायद , क्या भारत पर दबाब की राजनीती है?
नई आव्रजन नीति क्या भारत पर अमेरिकी दबाब की राजनीती है?भारतीय वित्त मंत्री पी चिन्द्रम +वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा रतन टाटा आदि ने आज कल अमेरिका में डेरा डाला हुआ है।
इन्होने बेहद आशावान होकर अपने काउंटर पार्ट्स से मांग की है कि इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी और हाइली स्किल्ड प्रोफेशनल को नई आव्रजन नीति से अलग रखा जाये वर्ना इससे भारतीय प्रतिभाओं को हानि होगी ।
इसके ठीक विरुद्ध अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा ने आज फिर कांग्रेस से आग्रह किया है कि उनकी नई महत्त्व कांक्षी आव्रजन नीति को तत्काल मंजूरी दे दी जाये ताकि इसे कानून की शक्ल दी जा सके ।
अमेरिकन व्हाईट हाउस और भारतीय सूचना विभाग द्वारा जारी दो प्रेस रिलीज इस प्रकार निम्न है :
अपने साप्ताहिक संबोधन में बराक ओबामा ने कहा कि दो सप्ताह पूर्व द्विदलीय सीनेट ने बड़ी संख्या में अप्रवासन नीति[ commonsense imm igration reform, ] को मजूरी देकर इसे कांग्रेस को भेजा थाi इस नीति से देश की आर्थिक स्थिति +सामाजिक सुरक्षा में सुधर तो आयेगा ही इसके साथ ही अप्रवासन कानून को हमारे सिद्धांतों के अनुरूप आधुनिक जामा पहनाया जा सकेगा| इसीलिए ब्रोकन अप्रवासन नीति के सुधारों के लिए कांग्रेस को भी अब तत्काल अपनी मंजूरी दे देनी चाहिए| यह अमेरिका के उज्जवल भविष्य के लिए जरुरी भी है|
उन्होंने बताया कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों की संख्या ११ मिलियन पर पहुँच गई है|इन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने से चौमुखी विकास होगा| राष्टपति ने बीते दिनों जारी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि सीनेट का यह प्लान कानून बन जाता है तो देश कि इकोनोमी में ५% की वृद्धि होगी और मात्र दो दशकों में ही १.४ ट्रिलियन डॉलर्स की अतिरिक्त आय होगी |उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि अमेरिका हमेशा से ही आप्रवासियों का देश रहा है| इन सब ने मिल कर अमेरिका को विश्व का सिरमौर देश बनाया है लेकिन वर्तमान में ऐसी अनेको प्रतिभाओं को राष्ट्र की मुख्य धारा से दूर रखा जा रहा है|इन्हें कानूनी अधिकार देने से ये लोग भी देश के विकास में यौग्दान दे सकेंगे|उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जब पूर्व प्रेजिडेंट बुश और वोह[बराक ओबामा ] इस मसले पर सहमत हो सकते हैं तब कांग्रेस के डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स को एक जुट होकर राष्ट्र हित में अप्रवासन बिल को मंजूरी दे देनी चाहिए ताकि इसे कानून बनाने के लिए उन्हें [ओबामा]को हस्ताक्षर करने का सुअवसर मिल सके|
[२]भारत के केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने अमरीकी वाणिज्य मंत्री से प्रस्तावित अमरीकी आव्रजन कानून के प्रतिबंधात्मक प्रावधानों पर चिंता प्रकट कीहै
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री शर्मा ने बीते दिन अमरीका की वाणिज्य मंत्री से वाशिंगटन में मुलाकात की। श्री शर्मा ने अमरीकी वाणिज्य मंत्री सुश्री पैनी प्रित्ज्कर[ Ms. Penny Pritzker] को अमरीकी वाणिज्य मंत्री नियुक्त होने के लिए बधाई दी। इस बैठक के दौरान श्री आनंद ने सुश्री प्रित्ज्कर से कहा कि प्रौद्योगिकीय सेवाएं देने वाले अत्यधिक प्रशिक्षित प्रोफेशनल को आव्रजक नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने अमरीकी कांग्रेस में फिलहाल विचाराधीन अमरीकी आव्रजन कानून में कुशल प्रोफेशनल के आवागमन पर प्रतिबंधात्मक प्रावधान शामिल करने संबंधी भारतीय आईटी उद्योग की चिंताएं प्रकट की।
श्री शर्मा ने अमरीकी वाणिज्य मंत्री को भारत की पेटेंट व्यवस्था की भी जानकारी दी जो पूरी तरह टीआरआइपीएस के अनुकूल कानून पर आधारित है तथा उसे लागू करने की ठोस व्यवस्था है।
श्री शर्मा ने विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर उदार रवैया अपनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने भारत-अमरीकी व्यापार एवं आर्थिक सहयोग में वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में इन मुद्दों पर विचार करने पर बल दिया।
श्री शर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय विनिर्माण नीति में अमरीकी कारोबारियों के लिए अवसरों की भी जानकारी दी। उन्होंने अमरीकी वाणिज्य मंत्री से कहा कि भारत ने राष्ट्रीय निवेश एवं विनिर्माण के 13 क्षेत्रों की स्थापना को मंजूरी दे दी है जिनमें से आठ को दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के पास अनुमोदित किया गया है।
श्री शर्मा और अमरीकी वाणिज्य मंत्री ने दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय संवाद बनाए रखने पर भी सहमति प्रकट की। सुश्री प्रित्ज्कर ने भारत आने का श्री शर्मा का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया।श्री शर्मा ने वॉलमार्ट एशिया के सीइओ श्री स्कॉट प्राइस से भी मुलाकात की तथा मल्टी-ब्रैंड खुदरा व्यापार संबंधी विभिन्न
मुद्दों पर चर्चा की। श्री शर्मा ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी के लिए अमेज़न डॉट कॉम के उपाध्यक्ष श्री पॉल मिजेनर से भी मिले तथा ई-कॉमर्स सेंबंधी मुद्दों पर चर्चा की
उपरोक्त के मध्य नजर अब सवाल यह उठाया जा रहा है कि बेशक अमेरिका द्वारा अपने हित में यह कार्यवाही की जा रही हैइससे वहां मात्र दो दशकों में ही १.४ ट्रिलियन डालर की अतिरिक्त आय होगी अवैध अप्रवासी मुख्य धारा में आ जायेंगे लेकिन इसके साथ ही भारत की प्रतिभाओं को वहां अप्रवासी की तरह ट्रीट किया जाएगा, जिसके फलस्वरूप भारतीय हाईली स्किल्ड प्रतिभाओं को भी हानि होगी |इससे अनेकों प्रश्न उठ रहे हैं
।[१]पहला प्रश्न यह उठता है कि अमेरिका में कार्यरत भारतीय कंपनियों और उनके प्रोफेशनल्स का क्या होगा ?
[२]क्या यह भारत पर अपनी बहु राष्ट्रीय कम्पनियों के लिए अमेरिकी दबाब की राजनीती है?
[३] वाल मार्ट जैसी अमेरिकन कंपनियों को भारत में व्यापार की इजाजत देने से क्या अमेरिका के रुख में कुछ सकारात्मक परिवर्तन हो पायेगा ?अमेरिका के उज्जवल भविष्य के लिए अप्रवासन बिल पर कांग्रेस को तत्काल मंजूरी दे देनी चाहिए:बराक ओबामा|
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उपराष्ट्रपति ने गरिमा संजय लिखित ,बीती स्मृतियों को संजोये, पुस्तक “स्मृतियाँ” का लोकार्पण किया
उपराष्ट्रपति श्री एम. हामिद अंसारी ने आज यहाँ अपने निवास पर लेखिका एवं वृतचित्र निर्मात्री श्रीमती गरिमा संजय द्वारा लिखित पुस्तक “स्मृतियाँ” का लोकार्पण किया . इस अवसर पर उन्होंने लेखिका को एक उत्कृष्ट पुस्तक लिखने के लिये बधाई दी और उनके बेहतर रचनात्मक भविष्य के लिये शुभकामनाएँ दीं.
बीते जीवन की स्मृतियाँ ही मानव की सबसे बड़ी धरोहर होती हैं. अपनी खुशनुमा स्मृतियों में व्यक्ति विकट वर्तमान को भी भूल जाता है. स्मृतियों के ऐसे ही तानों-बानों से बुना है मर्मस्पर्शी उपन्यास “स्मृतियाँ”. पुस्तक इस तथ्य पर प्रकाश डालती है कि ज़िंदगी में हम व्यावसायिक स्तर पर अक्सर काफ़ी तरक्की कर लेते हैं, व्यावसायिक चुनौतियों का सामना भी डटकर करते हैं, लेकिन रिश्तों के मामले में अक्सर कमज़ोर पड़ जाते हैं। इन कमज़ोरियों को हम कभी किस्मत का नाम दे देते हैं, तो कभी अपनी हार का कारण फ़िल्मी कहानियों के ‘ख़लनायकों’ को बना देते हैं। जबकि हमारी भावनात्मक हार का कारण केवल हमारी अपनी ही भावनाओं को न स्वीकार कर पाने की कमज़ोरी होती है।
वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने अत्यधिक प्रशिक्षित प्रोफेशनल को अमेरिका में आव्रजक मानने पर आपत्ति दर्ज़ कराई
भारत के केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने अमरीकी वाणिज्य मंत्री से प्रस्तावित अमरीकी आव्रजन कानून के प्रतिबंधात्मक प्रावधानों पर चिंता प्रकट की
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री शर्मा ने बीते दिन अमरीका की वाणिज्य मंत्री से वाशिंगटन में मुलाकात की। श्री शर्मा ने अमरीकी वाणिज्य मंत्री सुश्री पैनी प्रित्ज्कर[ Ms. Penny Pritzker] को अमरीकी वाणिज्य मंत्री नियुक्त होने के लिए बधाई दी। इस बैठक के दौरान श्री आनंद ने सुश्री प्रित्ज्कर से कहा कि प्रौद्योगिकीय सेवाएं देने वाले अत्यधिक प्रशिक्षित प्रोफेशनल को आव्रजक नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने अमरीकी कांग्रेस में फिलहाल विचाराधीन अमरीकी आव्रजन कानून में कुशल प्रोफेशनल के आवागमन पर प्रतिबंधात्मक प्रावधान शामिल करने संबंधी भारतीय आईटी उद्योग की चिंताएं प्रकट की।
श्री शर्मा ने अमरीकी वाणिज्य मंत्री को भारत की पेटेंट व्यवस्था की भी जानकारी दी जो पूरी तरह टीआरआइपीएस के अनुकूल कानून पर आधारित है तथा उसे लागू करने की ठोस व्यवस्था है।
श्री शर्मा ने भारतीय राष्ट्रीय विनिर्माण नीति में अमरीकी कारोबारियों के लिए अवसरों की भी जानकारी दी। उन्होंने अमरीकी वाणिज्य मंत्री से कहा कि भारत ने राष्ट्रीय निवेश एवं विनिर्माण के 13 क्षेत्रों की स्थापना को मंजूरी दे दी है जिनमें से आठ को दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के पास अनुमोदित किया गया है।
श्री शर्मा और अमरीकी वाणिज्य मंत्री ने दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय संवाद बनाए रखने पर भी सहमति प्रकट की। सुश्री प्रित्ज्कर ने भारत आने का श्री शर्मा का निमंत्रण भी स्वीकार कर लिया।
श्री शर्मा ने वॉलमार्ट एशिया के सीइओ श्री स्कॉट प्राइस से भी मुलाकात की तथा मल्टी-ब्रैंड खुदरा व्यापार संबंधी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। श्री शर्मा ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी के लिए अमेज़न डॉट कॉम के उपाध्यक्ष श्री पॉल मिजेनर से भी मिले तथा ई-कॉमर्स सेंबंधी मुद्दों पर चर्चा की।
डॉ मन मोहन सिंह ने :प्राण: के नाम से मशहूर फिल्म एक्टर प्राण किशन सिकंद के निधन पर शोक प्रकट किया
प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने प्राण के नाम से मशहूर फिल्म एक्टर प्राण किशन सिकंद के निधन पर शोक प्रकट किया है
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राण ने फिल्मों में हज़ारों भूमिकाओं में अपने आकर्षक अभिनय से भारतीयों की कई पीढ़ियों का मनोरंजन किया। उनका बहुमुखी अभिनय सिनेमा प्रेमियों के दिमाग में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने तक उत्कीर्ण होता रहा। प्रधानमंत्री ने कहा, ” उन्होंने फिल्म उद्योग में वरिष्ठ अभिनेताओं के साथ काम किया जिनके वह आदर्श थे। दुख की इस घड़ी में मैं प्राण के दुखी परिजनों और उनके असंख्य प्रशंसकों एवं समर्थकों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। ”
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