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कांग्रेस और भाजपा दिल्ली में त्रिकोणीय चुनावी मुकाबिले की “आप” की इच्छा पूरी करने के मूड में नही दिख रहे

आम आदमी पार्टी [आप]के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की राजनीती में बीते दिन जो लंगर घुमा कर विजय गोयल और शीला दीक्षित को चुनाव लड़ने के लिए ललकारा था उसे मीडिया ने तो हाथों हाथ लिया मगर भाजपा और कांग्रेस केजरीवाल की इस महत्त्वकांक्षा को पूरी करते नही दिख रहे|
बीते दिनों आप पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में दिल्ली की मुख्य मंत्री श्री मति शीला दीक्षित के विरुद्ध चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल को भी त्रिकोणीय [भाजपा+कांग्रेस+आप] मुकाबिले में आने को उकसाया|
लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने इस चुनौती को कोई महत्त्व नहीं दिया है|
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने फोन पर हँसते हुए प्रतिक्रिया देते हुए कहा के अरविन्द केजरीवाल ने जो लंगर घुमाया है उस पर हम कोई प्रतिक्रिया नहीं देते|उधर प्रदेश कांग्रेस के पवन खेडा ने बड़े सधे हुए स्टीरियो टाइप शब्दों में कहा के यह तो लोक तंत्र हैं यहाँ हर किसी को कहीं से भी चुनाव लड़ने की आज़ादी है|यह पूछने पर के क्या आप इस चेतावनी का स्वागत करते हैं तो थोड़ा कर्कश स्वर में पुनः कहा गया के स्वागत या विरोध का कोई प्रश्न नही है यह लोक तंत्र हैं कोई भी कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है|
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सलीम ने पुराने आरोप को दोहराते हुए कहा है के साबित हो गया है के आप पार्टी किसके इशारे पर चल रही है|कांग्रेस शुरू से ही अरविन्द केजरीवाल को भाजपा की बी टीम बताती आ रही है|
गौरतलब है के अरविन्द केजरीवाल का यह पहला चुनाव होगा लेकिन फ़िलहाल मीडिया में छाए रहते हैं| दिल्ली विधान सभा के होने वाले चुनाव केजरीवाल के राजनीतिक कद को स्थापित करेंगे | इन चुनावों के नतीजे ही बताएँगे कि उत्साही केजरीवाल का यह कदम आत्मघाती है या राजनीती को बदलने के लिए एक पड़ाव है |

अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करके राजनीती में नया अध्याय खोला

आम आदमी पार्टी [आप]के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की राजनीती में एक नया अध्याय खोलते हुए मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है| यह चुनाव राजनीती में केजरीवाल के कद को स्थापितकरेगा| इन चुनावों के नतीजे ही बताएँगे कि उत्साही केजरीवाल का यह कदम आत्मघाती है या राजनीती को बदलने के लिए एक पड़ाव है राजनीती को नई दिशा देने के लिए फ़िलहाल केजरीवाल ने दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोएल को भी त्रिकोणीय[ भाजपा + कांग्रेस+आप] मुकाबिले में आने की चेतावनी दे दी है| बेशक प्रेस कांफ्रेंस और सोशल साईट ट्विटर पर किये गए ट्विट के अनुसार अरविन्द केजरीवाल ने श्री मति शीला दीक्षित केखिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है|लेकिन पार्टी के नियमो के अनुसार केजरीवाल के बारे में अंतिम फैसला संबंधित विधानसभा क्षेत्र के 100 लोगों के हस्ताक्षर और पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी और राजनीतिक मामलों की समिति के सामने साक्षात्कार के बाद ही होना है |
अरविन्द केजरीवाल का यह पहला चुनाव होगा लेकिन श्री मति शीला दीक्षित तीन बार विधान सभा के चुनाव जीत चुकी हैं [१]1998 के विधानसभा चुनाव में गोल मार्केट सीट से भाजपा के प्रत्याशी कीर्ति आजाद को 5,667 वोटों के अंतर से हराया था | [२]पूनम आजाद को 12,935 वोटों के अंतर से हराया|.
[३] नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया. इस सीट पर उन्होंने भाजपा के विजय जौली को 13,982 वोट से हराकर जीत दर्ज की.

भाजपा के अनुराग ठाकुर ने भ्रष्टाचार और मुद्रा स्फूर्ति रोकने के लिए भ.जा.यु.मो. की कमेटियों का गठन किया

भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा के युवा सांसद अनुराग ठाकुर बी सी सी आई के संयुक्त सचिव भी हैं |२ जून को दिल्ली में पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करके इन्होने भ्रष्टाचार और मुद्रास्फूर्ति की रोकथाम करने के लिए कुछ कमेटियों का गठन भी किया| भाजपा ने अपनी वेब साईट पर बताया है कि भारतीय जनता युवा मोर्चा की सदस्यता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम बनाने पर भी जोर दिया गया|इस मीटिंग में अच्छे शासन संचालन के लिए सन्देश दिए गए|[१] आई टी +[२]सोशल मीडिया+लीगल आदि कार्यों के लिए कमेटियों का गठन किया गया | भाजपा के अनुसार १८ से २५ साल तक के युवाओं को सदस्य बना कर २०१४ में चुनावी वैतरणी पार की जा सकेगी|

शरीर की प्रयोगशाला में ध्यान के फार्मूले से ईश्वर को पाया जा सकता है: संत राजेंद्र सिंह जी महाराज

संत कृपाल रूहानी मिशन SKRM की अध्यात्मिक गद्दी के मौजूदा वारिस संत राजेंद्र सिंह जी महाराज अध्यात्मिक विज्ञानं की गंगा केवल अपने देश में ही नहीं वरन अमेरिका+कनाडा+और यूरोप में भी बहा रहे हैं|महाराज का मानना है कि ईश्वर को बाह्य भौतिक संसार के बजाय ध्यान +तप से अपने अन्दर ही तलाशना होगा| संत राजेंद्र सिंह जी महाराज ने नवीनतम उपदेश में अपने ही शरीर रुपी प्रयोगशाला में ध्यान का प्रयोग के फार्मूले भी बताये हैं |महाराज ने बताया है कि उनसे अक्सर ईश्वर के विषय में प्रश्न किये जाते हैं|आत्मा+रूह+जीवन के विषय में जिज्ञासू पूछते रहते हैं| परमाणु [ATOM] में से सूक्ष्म को तलाशने के लिए सभी यत्न किये जा रहे हैं|बेशक आज कल ईश्वरीय पदार्थ की खोज के लिए भौतिक वादी संसार में नित नए प्रयोग किये जा रहे हैं| शक्तिशाली टेलेस्कोप+और स्पेस शिप भी बना लिए गए हैं| ईश्वर की खोज की सफलता के प्रति विश्व में अभी भी प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है| लेकिन अबी तक हम लोग भौतिक वादी बाह्य संसार में ईश्वर के अस्तित्व को ढूंढ नही पाए हैं|इसीलिए प्रक्रति के रचियेता को को अपने अन्दर ही तलाशना होगा| इसके लिए संत+ महापुरुष सदियों से मार्ग दर्शन करते आ रहे हैं| संतो महापुरुषों ने ध्यान तप[ meditation ]से इष्ट देव को प्राप्त भी किया है|
संत राजेंद्र सिंह जी महाराज ने ध्यान +तप के विषय में ज्ञान देते हुए बताया कि कुछ लोग ध्यान को अपने शरीर और दिमाग की तंदरुस्ती के लिए केवल व्यायाम ही मानते हैंलेकिन संतों के अनुसार ध्यान ईश्वर की प्राप्ति का साधन है|
कुछ संतों के अनुसार शरीर रुपी मंदिर में ईश्वर का वास है| इसकी व्याख्या करते हुए संत महाराज ने बताया है कि चूंकि मानव शरीर में वास कर रही आत्मा स्वयम ईश्वर का ही सुक्ष स्वरुप है इसीलिए प्रत्येक जीव में ईश्वर का वास है जिसे देखने के लिए स्वयम के अन्दर ध्यान के माध्यम से झांकना होगा|
ध्यान प्रक्रियाको बेहद आसान बताते हुए संत राजेंद्र सिंह जी ने बताया कि सुविधाजनक एकांत स्थान पर अपनी ऑंखें बंद करके अपने अन्दर झांकना है |इस प्रक्रिया में दिमाग हमें अनेक विचारों से भटकाता है इसीलिए इस भटकाव से बचने के लिए आध्यामिक शब्दों [ spiritually charged words]को बार बार दोहराना होता है|प्रारम्भिक जिज्ञासूं को ज्योति ध्यान [Jyoti Meditation,]जरुरी है|इसके अंतर्गत अपने ईष्ट देव के नाम को दोहराना होता है|इस प्रक्रिया को रोजाना करने से इच्छा की पूर्ती होती है|
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बी सी सी आई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने सारी जाती देख आधी बाँट लीजिये के आधार पर मीटिंग मैच फिक्स करा कर अपनी कुर्सी बचा ही ली

सारी जाती देख आधी बाँट लीजिये के आधार पर मीटिंग मैच फिक्स करा कर बी सी सी आई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने अपनी कुर्सी बचा ही ली| भारतीय क्रिकेट के ३१ मालिकों की संस्था बी सी सी आई नामक क्लब की चेन्नई में हुई मीटिंग में एन सी पी सुप्रीमो और पूर्व अध्यक्ष शरद पवार के आगमन के डर से दो पुराने शत्रु [१]जगमोहन डालमिया +[२] एन श्रीनिवासन में सत्ता बाँट ली गई|प्राप्त जानकारी के अनुसार स्पॉट फिक्सिंग की जांच से श्रीनिवासन अलग रहेंगे और जग मोहन डालमिया बोर्ड का दैनिक काम काज देखेंगे| इंग्लैंड में चल रहे चैम्पियन ट्रौफी में आई सी सी के साथ संवाद स्थापित करने की जिम्मेदारी कौन संभालेगा यह यक्ष प्रश्न अभी भी अनुत्तरित ही है|
इसके साथ ही दिल्ली की राजनीती में अपने छत्रप होने का दम्भ भरने वाले और क्रिकेट के समस्त घटना क्रम की आलोचना करते फिर रहे केन्द्रीय संसदीय कार्यों के [१]राज्य मंत्री राजीव शुक्ला +[२]भाजपा के नेता अरुण जेटली+[३]भाजपा के ही अनुराग ठाकुर+[४]कांग्रेस के ज्योतिर्मय सिंधिया आदि ने मीटिंग से अलग रह कर बी सी सी आई रूपी जन्नत में अपनी मेंबर शिप कायम रखी है|
बीसीसआई की चेन्नई में हुई बैठक की पठकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी जिसके आधार पर मीटिंग मैच को फिक्स कराया गया|प्राप्त जानकरी के अनुसार रविवार को बैठक से पहले भी श्रीनिवासन ने खुद दो घंटे तक डालमिया से बात की। इसके बाद श्रीनिवासन की ही चली|
चुनावी साल में अरुण जेटली खुद सीधे सीधे इस लड़ाई में नहीं कूदना चाहते थे। जिस शशांक मनोहर के नाम पर थोड़ी बहुत सहमति बन रही थी वो खुद ही पीछे हट गए थे। अपने पत्ते कमजोर पड़ते देख जेटली गुट ने एक कदम और पीछे खींचा। सुबह के करीब 9 बजे ये तय हो गया कि ना तो जेटली, ना ही शुक्ला और ना ही ठाकुर बैठक में शामिल होने के लिए चेन्नई जाएंगे। तीनों ने ही फेस सेविंग के जरिये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लिया|अर्थार्त रिंद के रिंद रहे और जन्नत भी हाथ से ना गई|शरद पवार का महाराष्ट्रियन गुट अब अलग थलग दिखाई देने लगा है इसीलिए निकट भविष्य में किसी प्रभावी कदम से इनकार नहीं किया जा सकता|
बीसीसीआई की आज की बैठक से पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी ने ट्वीट किया है कि क्रिकेट हमारे देश में धर्म है। लेकिन इसे श्रीनिवासन,राजीव शुक्ला, अरुण जेटली और अनुराग ठाकुर जैसे लोगों ने हाईजैक कर लिया है। ये देश और क्रिकेट प्रेमियों के साथ धोखा है। क्रिकेट में ये अब तक का सबसे बड़ा कवरअप है। श्रीनिवासन, जेटली और शुक्ला मिलकर साजिश रच रहे हैं। स्पॉट+मैच फिक्सिंग को लेकर मीडिया लागातार आवाज उठाता रहा है वरिष्ठ खेल विश्लेषक के अनुसार मीडिया ने इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर १०० घंटे की कवरेज और टन प्रिंट मीडिया का इस्तेमाल हुआ है लेकिन यह दबाब बी सी सी आई को लेकर अभी तक बेकार ही गया है |अब सवाल यह उठता है कि क्या अब मीडिया को अपनी हार मान कर बैठ जाना चाहिए शायद नही मीडिया का काम ही गलत के विरुद्ध आवाज उठाना और जनता तक हकीकत को पहुँचाना है |

महंगी ब्याज दरों से छुटकारे के लिए पुनर्वित्तीयन सुविधा देने से आर्थिक स्थिति सुधरेगी Weekly Address of Barack Obama

अमेरिकन प्रेजिडेंट बराक[एच]ओबामा ने आज कहा कि बेशक अमेरिका कि इकोनोमी विकास के सही दिशा में अग्रसर है लेकिन अभी भी भी बहुत कुछ किया जाना है| ओबामा ने कांग्रेस को संबोधित किया और कमजोर होते जा रही आधार भूत संरचना [ crumbling infrastructure,] और अप्रवासन नीति [broken immigration ] की खामियों को दूर करने के लिए सुझाव भी दिए |प्रेजिडेंट ओबामा ने कहा कि कांग्रेस को स्वयम आगे आ कर भारी ब्याज दरों में दबे उत्तरदायित्वपुर्ण मकान मालिकों को राहत देनी होगी|इसके लिए मकान मालिकों को महगे ऋणों से मुक्ति दिलानी होगी|गिरवी[ mortgage ] पड़े मकानों पर सस्ती ब्याज दरों पर लोन ट्रांस्फर कराने के लिए पुनर्वित्तीयन[ refinancing ] की सुविधा दी जानी जरुरी है| ऐसा करने से ना केवल आम नागरिक की आर्थिक स्थिति सुधरेगी वरन आधार भूत संरचना+अप्रवासन नीति को सुधार जा सकेगा| मध्य वर्गीय नौकरियों को भी क्रियेट किया जा सकेगा|
White House Press Release

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया
समाजवादी सरकार की बिजली के बिलों में बढोत्तरी के निर्णय के खिलाफ आज विपक्ष ने उ प्र. सरकार को बिजली के झटके दिए |प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के
प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई
ने लखनऊ में सरकार को बिजली के झटके देते हुए बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की अपील की है |पार्टी ने प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करके बिजली नीति को बदले जाने की मांग की है|डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई के न्रेतत्व में भाजपाईयों ने पावर महानिदेशक ऐ पी मिश्रा का घेराव किया |
डा. वाजपई के अनुसार विद्युत नियामक आयोग और उ प्र. पावर कारपोरेशन के सलाहकार एक ही हैं|फर्म बेशक दो हैं मगर उनका मालिक एक ही है|मुलजिम और मुंसिफ दोनों एक ही हैं|उन्होंने मामले को राष्ट्रीय विद्युत नियामक आयोग के समक्ष यह मुद्दा ले जाने की घोषणा करते हुए कहा है कि जब तक भारतीय नियामक से कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक बीजी के बिलों का भुगतान रोक दिया जाना चाहिए और अगर किसी उपभोक्ता की बिजली काटी जाती है तो भाजपा उसकी बिजली कनेक्शन जोड़ने आयेगी |

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

डा. वाजपई ने केंद्र और प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि डीजल पेट्रोल के बाद ग्रामीण इलाकों में भी बिजली की दरों में बढोत्तरी से किसान हितैषी होने के दावों की हकीकत सामने आ गई है|

रालोद के प्रदेश अध्यक्षमुन्ना सिंह चौहान

ने इस नीति के पीछे उद्योग और सरकार में सांठ गाँठ का आरोप लगाया है| उन्होंने बताया कि आज अखिलेश यादव सरकार के पुतले जलाए हैंऔर
प्रदेश स्तर पर ६ जून को आंदोलन चलाया जाएगा|

बहुजन समाजवादी प्रदेश अध्यक्ष एस पी मौर्य

ने भी विरोध दर्ज़ कराया है|
इससे पूर्व प्रदेश नियामक बोर्ड ने बिजली कि दरों में लगभग ४०% तक बढोत्तरी करने की घोषणा की है|यह राज्य में अब तक कि सबसे बड़ी बढोत्तरी है|डोमेस्टिक में ३५% और रूरल एरिया में ४५% तक बढोत्तरी है|किसानो को प्रति हार्स पावर पर १००/=अतिरिक्त देने होंगे| लेकिन उद्योगों को इस बढोत्तरी से अलग रखा गया है|डोमेस्टिक उपभोक्ताओं को ०.५५ /=की वृद्धि के साथ ४/= प्रति यूनिट देने होंगे |हापुड़ में भाजपा सांसद राजेंदर अग्रावल केन्रेत्त्व में प्रदर्शन किया गया |
गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली की दोष पूर्ण आपूर्ति नीति का विरोध आये दिन होता रहता है इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अपने वोट बैंक एरिया में बिजली की खुले आम लीकेज की आलोचना होती रहती है|ऐसे में बिजली कि दरों में यह बेतहाशा बढोत्तरी जले पर नमक का काम कर रही है|विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा हाथ लग गया है | दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार की भी राजनीतिक बिजली खतरे में पड़ती नज़र आने लगी है| बेशक भाजपा का बिजली के बिलों के भुगतान सम्बन्धी एलान को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एलान के साथ जोड़ा सकता है मगर इससे भाजपा को जनता से सीधे जुड़ने का एक अवसर जरूर मिल गया है जिससे २०१४ में होने वाले लोक सभा के चुनावों पर नज़र गडाए एस पी को अपने प्रदेश में राजनीतिक नुक्सान उठाना पड़ सकता है|

शरद पवार की धुआंधार बालिंग के सामने बोर्ड के सचिव शिर्के और कोषाध्यक्ष जगदाले पेवेलियन लौटे

बी सी सी आई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार धुआंधार बालिंग को देखते हुए अब बोर्ड की कई विकेट्स खुद ही गिरने लगी हैं | बोर्ड के सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। श्रीनिवासन को भेजे इनके इस्तीफे में कहा गया है कि क्रिकेट में हाल ही के घटनाक्रम से वे लोग बेहद आहत हैं।इसके अलावा पवार की घोषणा के बाद सचिन तेंदुलकर ने भी स्वयम के आहत होने की बात कह दी है|
जॉइंट सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर जो अभी तक एन श्रीनिवासन के लिए एम्पायरिंग करते फिर रहे थे उन्होंने भी अब बोर्ड की इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की जरुरत स्वीकार कर ली है| भाजपा के नेता अरुण जेटली[नार्थ] और आई पी एल के चेयर मैन केन्द्रीय सरकार में संसदीय कार्यों के राज्य मंत्री राजीव शुक्ला अभी भी श्रीनिवासन को पेवेलियन लौटाने के लिए अपनी उंगली उठाने को तैयार नही दिख रहे|लेकिन प्रधान मंत्री डा. मन मोहन सिंह ने जब से खेल और राजनीती को अलग रखने की बात कही है और कांग्रेस पार्टी अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी पार्टी की इमेज सुधारने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रही हैं|ऐसे में दागी आई पी एल के चेयर मैन पद से चिपके हुए राजीव शुक्ला के मंत्री पद जरूर खतरे में पड़ सकता है|
श्री जगदाले उस तीन सदस्यीय इनक्वायरी कमिटी से भी बाहर हो गए हैं, जो मयप्पन के खिलाफ आईपीएल में सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए बनाई गई है।हर तरफ से दबाव को देखते हुए श्रीनिवासन ने वर्किंग कमिटी की इमरजेंसी मीटिंग शनिवार को बुलाने की घोषणा की है लेकिन अविश्वास प्रस्ताव केवल आम सभा में ही लाया जा सकता है|

दिल्ली में लगभग निष्क्रिय हो चुके भजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल को पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी नजर अंदाज किया

[नई दिल्ली]आम आदमी पार्टी [आप] के आन्दोलनों के समक्ष लगभग निष्क्रिय हो चुके , भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, विजय गोयल को पार्टी में ही नजर अंदाज किया जाने लगा है|विजय गोयल के पार्टी में घटते कद का सत्य बुधवार की रात सामने आया जब भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में केंद्रीय मंत्री श्री मति आरती मेहरा की ओर से दिए गए एक भोज में गोयल और उनके कुछ समर्थक आमंत्रितों में नही थे| इसे लेकर कई अर्थ निकाले जा रहे हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार इस भोज में कई विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल और उनसे जुड़े कुछ खास लोगों को विशेष कारणों से नजरअंदाज किया गया| कहा जा रहा है कि गोयल की कार्यपद्धति से पार्टी का एक बड़ा तबका गोयल से नाखुश है ।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार मल्होत्रा+ डॉ. हर्षवर्धन+ पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा[अब स्वर्गीय] के पुत्र प्रवेश वर्मा+ विजय जौली, सुभाष आर्या, महेंद्र नागपाल, राम किशन सिंघल, आदि विधायकों सहित पार्टी के अनेकों कद्दावर लोग उपस्थित थे।
आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह के भोज आयोजन के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष गोयल को प्रदेश अध्यक्ष बने अभी चार महीने ही बीते हैं और नवंबर में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी दावेदारी प्रचारित करनी शुरू कर दी है जिसे अधिकाँश लोग स्वीकार करने के मूड में नहीं है |इस दौरान उन्होंने ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर प्रदेश कार्यकारिणी तक का गठन किया है। ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा के दिन से ही पार्टी में नाराजगी शुरू हो गई थी। असंतुष्ट नेताओं का कहना था कि ब्लॉक अध्यक्ष+प्रदेश कार्यकारिणी के चयन में वरिष्ठता व जमीनी कार्यकर्ताओं का ध्यान नही रखा गया
इस भोज ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा प्रदेश इकाई में विजय गोयल थोपे गए अध्यक्ष हैं और यदि समय रहते इसका हल नहीं किया गया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को स्वाभाविक नुकसान उठाना पड़ सकता है।दिल्ली[MCD ]की मेयर रह चुकी श्री मति आरती मेहरा से पूछने पर उन्होंने बताया कि पार्टी में राष्ट्रीय मंत्री बनाये जाने पर उन्होंने यह पार्टी दी थी और यह उनकी निजी पार्टी थी |उन्होंने विजय गोयल के प्रति अपने विचारों के पत्ते तो नहीं खोले उन्होंने गोयल अच्छा अध्यक्ष बताते हुए यह भी जरूर कहा कि अभी तक पार्टी ने दिल्ली के मुख्य मंत्री पद के लिए किसी के नाम को फायनल नहीं किया है| प्रयास करने पर भी विजय गोयल से संपर्क नही हो पाया |हमेश फोन उनके समर्थकों द्वारा ही उठाया गया|

फ़ेडरल एजुकेशन लोन रेट्स को डबल नही किये जाने के लिए बराक ओबामा की २०१२ की तरह आन्दोलन छेड़नेकी भावुक अपील

अमेरिका में संघीय छात्रों के एजुकेशन लोन रेट्स को सस्ता रखे जाने की मुहीम फिर से बीते वर्ष की तरफ लौट रही है अगर अमेरिकन कांग्रेस ने कोई सकारात्मक निर्णय नही लिया तो मात्र ३० दिनों के पश्चात[एक जुलाई से] सात मिलियन हायर एजुकेशन स्टूडेंट्स को १०००$ अतिरिक्त का भुगतान करना होगा|इसकी रोक थाम के लिए प्रेजिडेंट बराक [एच]ओबामा ने छात्रों से अपील की है कि अपने राजनितिक प्रतिनिधियों और कालेज प्रशासन पर दबाब बना कर यह पूछा जाये कि अब ऐसा कौन सा बदलाव आ गया है जिसके कारण फ़ेडरल लोन रेट्स को डबल किये जाने से रोका नही जा रहा| रोज गार्डन में छात्र और युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि बीते वर्ष की भांति फिर से कालेज प्रशासन पर दबाब बनाने के लिए आगे आयें| ओबामा ने स्मरण करते हुए कहा कि बीते वर्ष छात्र और युवाओं के आन्दोलन से हाउस[186] & सिनेट[२४] रिपब्लिकन्स भी डेमोक्रेट्स[सत्तारुड] के साथ सहयोग करने के लिए राजी हो गए थे और स्टूडेंट लोन रेट्स को बढाने नहीं दिया गया द्विदलीय प्रणाली में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स का एक साथ एक प्लेटफार्म पर आना लाज़मी है और यदि इसके लिए किसी भी सदस्य की सोच में आपके विरुद्ध कोई बदलाव दिखाई देता है तो उसे अपने पक्ष में बदलने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से भी दबाब बनाया जाना चाहिए |
व्हाईट हाउस से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रसीडेंट ओबामा ने इस संवाद को कालेज प्रशासन तक लेजाने पर भी जोर दिया है|ओबामा के अनुसार सस्ता एजुकेशन लोन केवल स्टूडेंट के फेवोर में नहीं है वरन यह राष्ट्र हित में भी है| हायर एजुकेशन कुछ लोगों के लिए केवल लग्जरी नही है वरन आर्थिक विकास के लिए आवश्यकता है इसीलिए उच्च शिक्षा को प्रत्येक परिवार की हैसियत में होना चाहिए|
गौरतलब है कि २००९ में देय कर्ज़दार छात्रों में से १३% को मात्र तीन सालों में ही दिवालिया[ defaulted ] का अभिशाप झेलना पड़ा|एजुकेशन लोन रेट्स महँगा होने के कारण प्रोफेशनल्स डॉक्टर्स+ टेक्नोक्रेट्स आदि की बेहद कमी है|जिनकी पूर्ती के लिए दूसरे मुल्कों पर निर्भरता है| कांग्रेस के रुख से संभवत निराश होकर राष्ट्रपति बराक ओबामा ने छात्रों और युवाओं के यह भावुक अपील की है| बीते वर्ष भी इसी तरह के आन्दोलन के पश्चात हायर एजुकेशन लोन रेट्स पर नियंत्रण रखा जा सका था|