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संजय दत्त ने हीरो की तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जेल की सजा को सहर्ष काटने का एलान किया :माफी नहीं मांगेंगे

अवैध हथियार रखने के दोष में सजा पाए फिल्म स्टार संजय दत्त ने आज हीरो की तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई [और] साडे तीन साल की जेल की सजा को सहर्ष काटने का एलान कर दिया | 1993 मुंबई ब्लास्ट के संबंध में अविध हथियार रखने के दोष में सुप्रीम कोर्ट से 5 साल की जेल की सजा पाने के बाद बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त आज पहली बार मीडिया के सामने आए| अपना स्टेटमेंट देते समय संजय दत्त इतने भावुक हो गए कि वो रो पड़े और उनके साथ उनकी बहन सांसद प्रिय दत्त ने उन्हें कंधे का सहारा दिया|

संजय दत्त ने हीरो की तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जेल की सजा को सहर्ष काटने का एलान किया :माफी नहीं मांगेंगे

संजय दत्त ने हीरो की तरह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जेल की सजा को सहर्ष काटने का एलान किया :माफी नहीं मांगेंगे


मीडिया को एड्रेस करते हुए संजय दत्त ने कहा है कि वोह [संजय] टूट चुके हैं उनका परिवार टूट चूका है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और जेल जाने के लिए निश्चित अवधि में ही सरेंडर करेंगे |सजा से माफी के लिए कोई अपील नहीं करेंगे| कोर्ट का सम्मान करते हैं और अपने देश से प्यार करते हैं| इसके साथ उन्होंने यह भी साफ किया कि वह दिए हुए वक्त के अंदर सरेंडर करेंगे|
संजय दत्त ने अंग्रेज़ी में मीडिया से कहा कि यह मेरे [संजय]लिए काफी मुश्किल वक्‍त है. मैंने माफी की अपील नहीं की है और ना ही करूंगा.
उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मेरा साथ दिया. मैं अपने देश और यहां के लोगों से बेहद प्यार करता हूं. इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि मुझे जेल जाने से पहले अपना काम खत्म करना है इसलिए मैं शांति चाहता हूं.|उन्‍होंने रूंधे गले से कहा, ‘मैं मीडिया से कहना चाहूंगा कि मेरे जेल जाने में कुछ ही दिन बाकी बचे हैं. मुझे बहुत से काम करने हैं जो आधे पड़े हैं. मुझे अपनी फिल्‍में पूरी करनी हैं. मुझे परिवार के साथ भी वक्‍त गुजारना है. तो मैं हाथ जोड़कर गुजारिश करना चाहूंगा कि मुझे थोड़ा वक्‍त शांति से गुजारने दें.| इसी के साथ संजय दत्त ने मीडिया से भी अपील की कि उनकी सजा को माफ किए जाने पर बहस नहीं की जाए.
इसके पश्चात संजय दत्त कमालिस्तान[कमल अमरोही स्टूडियो] फिल्म स्टूडियो में पुलिसिया फिल्म की शेष शूटिंग करने चले गए|स्टूडियो में भी भावुक नज़ारा था वहां कम करने वाले कर्मियों ने अपनी बाजु पर सफ़ेद पट्टी बाँध कर अपने नायक को समर्थन दिया|इसी बीच रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू का ब्यान भी आया है उन्होंने कहा है कि संजय दत्त को माफी के लिए अपील करने की कोई जरुरत नहीं है संजय की शेष सजा माफी के लायक है और उसके लिए जरुर प्रयास किये जायेंगे|
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 1993 के मुंबई ब्‍लास्‍ट मामले में संजय दत्त को हथियार रखने का दोषी पाया है.| उन्‍हें आर्म्‍स एक्‍ट के तहत पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है|12 मार्च 1993 को सिलसिलेवार 12 धमाके हुए थे, जिसमें 257 लोगों की मौत हुई थी|
संजय पहले ही 18 महीने जेल में रह चुके हैं और १८ साल तक उनके माथे पर आतंकवादी का काला टीका लगा कर सजा दी जा चुकी है|इसके बावजूद भी उन्‍हें अब करीब साढ़ तीन साल और सजा काटनी होगी|इस अवधि में अच्छे आचरण के लिए उनकी साल भर की सजा जेल प्रशासन द्वारा कम करने की सिफारिश की जा सकती है|ऐसे में उन्हें केवल ढाई साल और जेल में गुजारने होंगे | अब ढाई साल की सजा के लिए माफ़ी की दी जानी है| उन्‍हें चार हफ्तों के अंदर खुद को सरेंडर करना है|कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी माफ़ी के लिए आवाज उठा चुके हैं|
राज्यसभा सांसद अमर सिंह और जया प्रदा ने भी २६ मार्च मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल के शंकर नारायणन से मुलाकात की थी.
बीजेपी + शिवसेना +अन्ना हजारे ने इसका विरोध किया है|.उल्लेक्नीय है के [१]संजय दत्त की फिल्मो पर इंडस्ट्री का लगभग २५० करोड़ रूपया लगा हुआ है|
[२] संजयदत्त ने १८ साल तक उस अपमान को पीया है जिसके वोह दोषी नही थे [३] जो अपराध उन्होंने किया नहीं था उसके लिए डेड साल की सजा काट चुके हैं[४]अब वोह सुधर चुके हैं और सजा भी मात्र ढाई साल की बचती है ऐसे में माफी की मांग उठना स्वाभाविक ही है|

परवेज मुशर्रफ ने हारे हुए कारगिल युद्ध पर गर्व करके चुनावी रणनीति का ऐलान किया

परवेज मुशर्रफ ने हारे हुए कारगिल युद्ध पर गर्व करके चुनावी रणनीति का ऐलान किया

परवेज मुशर्रफ ने हारे हुए कारगिल युद्ध पर गर्व करके चुनावी रणनीति का ऐलान किया

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की पाकिस्तान में वापिसी को विश्व मीडिया हाथों हाथ ले रहा है| भारतीय मीडिया भी इसका अपवाद नहीं है|इसका फायदा उठा कर जनरल परवेज भारत के खिलाफ जहर घोल कर वहां की अवाम के एक विशेष वर्ग की सहानुभूति हासिल करने में लगे हैं तो अमेरिकाके साथ संबंधों की वकालत करके पावर फुल बैकिंग भी हासिल करने में लगे हुए हैं|ऐसा नहीं की यह उन्होंने अभी शुरू किया है वरन पाकिस्तान में आने से पहले ही यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी |उनके एक पूर्व सिपह सालार ने अपनी एक किताब के जरिये इसकी भूमिका बनानी शुरू कर दी थी|
दरअसल पाकिस्तान के एक[पूर्व] जनरल ने यह कह कर सबको चौंका दिया था कि जनरल परवेज मुशर्रफ बावर्दी भारतीय सीमा में घुसे और एक रात भी बिता कर लौट गए| इस चौंकाने वाली खबर का स्वयम जनरल परवेज ने खंडन नहीं किया था बल्कि इसे बार्डर पर एक स्वाभाविक घटना बताया था|भारतीय [पूर्व ]जनरल वी के सिंह ने अपने समक्ष के दुस्साह की सराहना भी की थी |अब फिर से जनरल परवेज ने भारत के विरुद्ध कारगिल युद्ध पर गर्व प्रकट किया है| एक प्रेस कांफ्रेंस में जनरल परवेज ने कहा है कि करगिल अभियान पाकिस्तानी फौज का सबसे सफल ऑपरेशन है | करगिल में पाकिस्तान ने भारत को गर्दन से पकड़ लिया था।इसीलिए करगिल में भारत के ख़िलाफ़ लड़ाई पर पाकिस्तान को गर्व होना चाहिए।
पाकिस्तान में 11 मई को आम चुनाव होने हैं।औरजनरल इन चुनावों में कराची से भाग लेने की अपनी महत्वकांक्षा जाहिर कर चुके हैं|फौज की वर्दी छोड़ चुके जनरल को कारगिल का यह बयान वहां की फौज को गौरवान्वित करेगा और उसका झुकाव एक बार फिर से अपने पूर्व जनरल कि तरफ हो सकता है|
9/11 हमलों के बाद चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ देने पर अपनी सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि उस समय अमेरिका का साथ देना देश के हित
में था।इस अवसर पर उन्होंने न्यायालय की सहानुभूति हासिल करने के लिए कहा कि उनके कार्यकाल में किसी भी न्यायाधीश को सजा नहीं दी गई|
कारगिल युद्ध में करारी हार के बावजूद उस युद्ध पर गर्व करना सोची समझी रणनीति का एलान ही है|भारतीय कूटनीति आज कल अमेरिका के दबाब में काम करती है सो कोई शक नही कि जनरल परवेज के इस दुस्साहस को नज़र अंदाज किया जाए अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान के बाद भारत में चुनाव होने हैं |पाकिस्तान में चुनावो का फायदा अगर जनरल को मिलता है तो उसका नुक्सान भारत में सत्ता रुड दल को हो सकता है|

तमिल नाडू में श्रीलंकन क्रिकेटर्स नही खेलेंगे:पिक्चर अभी बाकी है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक क्रिकेट प्रेमी

ओये झल्लेया हसाडी राजनीती किस दिशा में हमें ले जा रही है ? अब तमिल नाडू में फरमान जारी हो गया है कि तमिल नाडू में होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग [आई पी एल ]के मई में दो मैचों में श्रीलंकन प्लेयर्स को खेलने नही दिया जाएगा| ओये यार कल कहा जाएगा कि पूरे देश में श्रीलंकन प्लेयर्स को खेलने नहीं दिया जाएगा|भाई ऐसा कैसा चलने दिया जा रहा है|

झल्ला

अरे मेरे भोले बालक ये लड़ाई राजनितिक वर्चस्व के लिए है|वहां की विपक्षीऔर केंद्र में यूं पी ऐ की सहयोगी रही पार्टी डी एम् के ने श्रीलंका में तमिल के उत्पीडन को मुद्दा बना कर एक बड़ी लकीन खींच दी है|अब २०१४ के चुनाव आने वाले हैं इन चुनावों में कहीं डी एम् के के हाथ तीर न लग जाये इसीलिए मुख्य मंत्री जय ललिता ने यह तुक्का चला दिया है|अब आई पी एल वाले भी ठहरे शुद्ध व्यापारी सो उन्होंने इस तुक्के को भी सर आँखों पर धारण करके मान लिया कि तमिल नाडू में खेले जाने वाले दोनों मैचों में श्रीलंकन प्लेयर्स को नही खिलाया जाएगा|मैच अगले माह पूरे देश में

तमिल नाडू में श्रीलंकन क्रिकेटर्स नही खेलेंगे:पिक्चर अभी बाकी है

तमिल नाडू में श्रीलंकन क्रिकेटर्स नही खेलेंगे:पिक्चर अभी बाकी है

खेले जाने हैं सो पिक्चर अभी बाकी है|

संत अपना प्यार सर्वत्र फैलाकर मानव को प्रेम और भक्ति के मार्ग पर लाते हैं

संत अपना प्यार सर्वत्र फैलाकर मानव को प्रेम और भक्ति के मार्ग पर लाते हैं

संत अपना प्यार सर्वत्र फैलाकर मानव को प्रेम और भक्ति के मार्ग पर लाते हैं

संत महिमा अपार है |संत हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं|संत ही हमें ईश्वरीय प्रेम का अनुभव करते हैं|
संत की महिमा का वर्णन करते हुए बताया गया है कि संत प्रेम का साकार रूप होते हैं । वे हमें सिखाते हैं कि हम अपना जीवन किस तरह का बनायें । संत जानते हैं कि आत्मिक विकास की प्राप्ति के लिए हममें नैतिक गुणों का होना जरुरी है क्योंकि इन सदगुणों में प्रेम छिपा होता है ।संत अपना प्यार सर्वत्र फैलाकर हमें प्रेम और भक्ति के मार्ग पर लगा देते हैं । प्रभु के धाम तक पहुँचने के लिए हमें प्राणिमात्र के प्रति प्रेम भरा ह्रदय रखना होगा । इसप्रकार का प्रेमपूर्ण जीवन अपना लेने पर हमारा जीवन प्रभु तक पहुँचने योग्य हो जायेगा और फिर संत हमें ईश्वरीय प्रेम का स्वाद चखाकर हममें उस अमृत को ज्यादा से ज्यादा पाने की इच्छा जगाते हैं ताकि हम अंतर में उतर जाएँ । जितना हम अंतर में जायेंगे , हमें उतना ही अधिक ईश्वरीय प्रेम का अनुभव प्राप्त होगा । आखिर में जब हम सचखंड पहुँच जाते हैं , हमें संत की आत्मिक महानता का अनुभव होता है ।
प्रस्तुति राकेश खुराना

पांच दिन के उपवास में अरविन्द केजरीवाल के शरीर का वजन साड़े पांच किलो घटा :असहयोगियों की संख्या २६९४२३ हुई

उपवास में अरविन्द केजरीवाल के शरीर का वजन साड़े पांच किलो घटा :असहयोगियों की संख्या २६९४२३ हुई

उपवास में अरविन्द केजरीवाल के शरीर का वजन साड़े पांच किलो घटा :असहयोगियों की संख्या २६९४२३ हुई

आम आदमी पार्टी के उपवास के पांचवे दिन आज असहयोगियों की संख्या २ .६९ लाख तक पहुंची|उपवास पर बैठे अरविन्द केजरीवाल के स्वास्थय में गिरावट जारी है|मेडिकल बुलेटिन में बताया गया है कि [
[१] यूरिन केटों Ketone ]का स्तर =4+
[२]ब्लड प्रेशर =114/७०
[३]पल्स = ७४
[४] शुगर =१०८
[५] वजन =[६५-५९.५]=५.५ के जी

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता के अनुसार बेशक अरविन्द केजरीवाल का स्वास्थ्य गिर रहा है मगर उनका हौंसला बुलंद हैऔर उनके असहयोग आन्दोलन के साथ जुड़ने वालों की संख्या २.६९ ४२३ पर जा पहुंची है|पार्टी के दावे के अनुसार दिल्ली के निवासियों का सरकार के प्रति डर अब कम हो रहा है और यही इस उपवास का उद्देश्य भी है|

रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के दो संघों के आपसी मतभेदों को लेकर रक्षा लेखा विभाग की फजीहत हो रही है

रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के दो संघों के आपसी मतभेदों को लेकर रक्षा लेखा विभाग की फजीहत हो रही है

रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के दो संघों के आपसी मतभेदों को लेकर रक्षा लेखा विभाग की फजीहत हो रही है

रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के दो संघों के आपसी मतभेदों को लेकर रक्षा लेखा विभाग की फजीहत हो रही है|विभाग ने इससे अपने को अलग करते हुए आपस में ही विवाद को सुलझाने को कहा है|
रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के संघ [कोलकत्ता मुख्यालय]ने मुख्यालय पुणे के घटक पर धोखा धडी का आरोप लगाते हुए रक्षा लेखा विभागाद्यक्ष महानियंत्रक[सी जी डी ऐ] से उचित कार्यवाही की मांग की है|
कोलकत्ता मुख्यालय के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतेन्द्र चौधरी ने प्रेम कुमार खन्नाएस ऐ ओ प्रशा] को प्रेषित पत्र में पुणे मुख्यालय की वेबसाइट के हवाले से निम्न तथ्यों को उठाया है;
[१]जे सी एम् थर्ड स्तर के गठन की प्रक्रिया में रक्षा लेखा महानियंत्रक कार्यालय द्वारा कोलकत्ता एसोसिएशन की मदद की है|
[२]दिनक १३ मई २०११ को आयोजित जे सी एम् की बैठक में जो कुछ भी हुआ उसमे मुख्यालय की भूमिका से नकारा नहीं जा सकता
[३] मुख्यालय ने मीटिंग के कार्यवृत में उपयुक्त सूचना नही दी जिससे सदस्यों में गलत सन्देश गया है
इसके अलावा दिनांक ३ अप्रैल २०१२ के पैरा २ में भी भ्रामक तथ्य दिए गए हैं |
उपरोक्त सारी सूचनाएं भ्रामक हैं और स्पष्टीकरण जरुरी है|
श्री यतेन्द्र के इस पत्र के संदर्भ में उलन बटार स्थित रक्षा लेख महानियंत्रक कार्यालय ने २६ मार्च २०१३ को अखिल भारतीय रक्षा लेखा संघ की पुणे घटक के अध्यक्ष सुहास सफाई से स्पष्टीकरण मांगा है| पी के राय ने दोनों घटकों के आपसी मतभेदों में मुख्यालय को शामिल नहीं किया जाय |

चश्मा चडा है हर तरफ कोई नज़र नही पिलाती: रिंद बने नहीं जन्नत भी हाथ से गई

नज़रें मिलते ही दीखता था कभी रंग गुलाबी ।
दिल से लेकर आत्मा भी हो जाती थी शराबी ।।
इस उम्र में ये क्या सितम है मेरे पालन हार।
न ही वोह नज़र है और ना ही वोह खुमार।।
चश्मा चडा है हर तरफ कोई नज़र नही पिलाती
लाल,गुलाबी रंग शबाबी सारे हो गए अब किताबी
शराब के भी पैग अब तो बस मिलते हैं हिसाबी|
रिंद तो बन नहीं सके जन्नत भी हाथ से गई

अमेरिका में भारतीय मूल का छात्र सुनील त्रिपाठी पिछले दो सप्ताह से लापता है

अमेरिका में भारतीय मूल का एक छात्र पिछले दो सप्ताह से लापता है। यह छात्र ब्राउन युनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा था। उसका नाम सुनील त्रिपाठी बताया गया है।उसे ढूंढ़ने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी एक पेज बनाया गया है|सोशल साईट [ Facebook पेज] Help Us Find Sunil Tripathi के अनुसार अभी तक उसके बारे में अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।सोशल साईट के इस पेज पर लापता छात्र के अनेकों फोटो भी डाले गए हैं|अमेरिकन मीडिया के अनुसार अमेरिकी प्रशासन सुनील की खोज में जुटा है। इसमें फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआई) भी मदद दे रहा है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुनील को अंतिम बार 16 मार्च को विश्वविद्यालय परिसर में देखा गया था। उसने नीली रंग की जींस, काले रंग का जैकेट, चश्मा और ऊनी टोपी पहन रखी थी। उसकी लंबाई करीब छह फुट बताई गई है
सुनील की परवरिश पेंसिलवेनिया के रेडनर में हुई है। वह 2008 से रोडे द्वीप के प्रोविडेंस में रह रहा था। उसके परिजनों का कहना है कि वह अच्छा सैक्सोफोन वादक है। छात्र की तलाश में jamosnews.com परिवार भी शामिल है|

दिग्विजय सिंह सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमा रहे हैं तो इसमें एतराज क्या है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये हसाड़े राजा दिग्विजय सिंह को कौन सा कीड़ा काट गया ?ओये अच्छे खासे भाजपाइयों को निशाना बनाते बनाते अब अपनी कांग्रेस को ही ले बैठे |राजा जी कह रहे हैं कि सरकार में एक नहीं सत्ता के दो केन्द्र हैं |[१] यूं पी ऐ अध्यक्षा[२]पी एम्
और यहीं नही रुक रहे |कह रहे हैं कि यह व्यवस्था ठीक नहीं है सत्ता का एक मात्र केंद्र प्रधान मंत्री ही होना चाहिए|अब राजा जी के इस फरमान को भाजपाई चुनावी मुद्दा बनाने के धमकी देने लगे हैं| भई एक बात बताओ हसाडी अध्यक्षा श्रीमती सोनिया जी ने ही तो डाक्टर मन मोहन सिंह को पी एम् बनाया है ऐसे में कैसे पी एम् से कम रह सकती हैं|पी एम् से ऊपर नहीं तो बराबर रहना तो बनता ही है|

दिग्विजय सिंह सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमा रहे हैं तो इसमें एतराज क्या है

दिग्विजय सिंह सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमा रहे हैं तो इसमें एतराज क्या है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी ये तो आप भी मानोगे कि आपके राजा जी ने अपने बयानों से आपकी सत्ता के कन्द्रों को संभाले रखा है |लेकिन दुर्भाग्य से इन्हें संभालने के लिए कोई आगे नहीं आया|वैसे तो इतिहास गवाह है जब किसी को भी बेरोकटोक काटने की आदत पड़ जाती हैऔर काटने के लिए उसे कोई नहीं मिलता तब वोह अपने को ही काटने लगता है|
इन्होने एक केंद्र को संभालने के लिए उस केंद्र के महत्वपूर्ण केंद्र राहुल गाँधी को पी एम् बनाने के लिए पार्टी में बज रहे बैंड में अपने ट्रम्पेट को शामिल किया तो आपलोग भड़क गए|ऐसे में झल्लेविचरानुसार सत्ता के दूसरे वैकल्पिक केंद्र के साथ भाग्य आजमाने में क्या हर्ज़ है?

हवाई जहाज़ों के तेल की कीमतों में बेतहाशा बढोत्तरी के नकारात्मक परिणाम आने लगे हैं

हवाई जहाज़ों के तेल की कीमतों में बेतहाशा बढोत्तरी के नकारात्मक परिणाम आने लगे हैं

हवाई जहाज़ों के तेल की कीमतों में बेतहाशा बढोत्तरी के नकारात्मक परिणाम आने लगे हैं

एविएशन सेक्टर अब लग्जरी यात्रा नहीं वरन एक जरुरत बनती जा रही है शायद इसीलिए केंद्र सरकार द्वारा इसके विकास के लिए नित नए प्रयोग किये जा रहे हैं मगर दुर्भाग्य से इसके लगातार दोहन से यह घाटे का व्यापार बनता जा रहा है|अब इस छेत्र में थोपे जा रहे टैक्स के बोझ से कम्पनियाँ कराहने लगी हैं |यात्रियों की संख्या में गिरावट आने लगी है और विदेशों से भी यहाँ एविएशन तर्बाईन फ्यूल [ऐ टी ऍफ़]की कीमत कम करने के लिए दबाब आने लग गए हैं|
देश में इस समय लगभग १२५ एयर पोर्ट्स हैं यहाँ पर आने जाने वाले जहाज़ों के लिए ऐ टी ऍफ़ खरीदने वालों कोअपने खर्चे का ४५ % तक फ्यूल टैक्स देना पड़ता है| इंटर नॅशनल एयर ट्रांसपोर्ट अथोरिटी के महा निदेशक टोनी टाइलर के हवाले से मीडिया ने छापा है कि विश्व में एयर लाइन्स को अपने खर्चे का एक तिहाई भार फ्यूल के लिए वहां करना पड़ता है जबकि दिल्ली जैसे अति आधुनिक और अन्तराष्ट्रीय स्तर के एयर पोर्ट पर यह खर्चा ४५% तक जा पहुंचता है| उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बीते एक वर्ष में फ्यूल कास्ट में १२% की बढोत्तरी की गई है|
अब ऐसा नहॆएन कि सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाये |एयर लाइन्स को अपनी विदेशी उड़ान के दौरान विदेश से सस्ता फ्यूल लाकर बचत का एक मार्ग दिया गया था लेकिन किसी भी कम्पनी ने इसका फायदा उठाने के लिए पहल नही की |बाद में कहा जाने लगा कि फ्यूल स्टोरेज के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर जरुरी है और यह बेहद खर्चीला होने के कारण उनके बूते से बाहर है|मौजूदा तीनो तेल कंपनियों ने निजी एयर लाइन्स के लिए अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रयोग के लिए अपर्याप्त बता दिया है|
फ्यूल कास्ट में इस तरह कि बेतहाशा बढोत्तरी के नकारात्मक परिणाम भी आने लगे हैं|
[१]अधिकाँश एयर लाइन्स घाटे का रोना रो रही है और कुछ मैदान छोड़ने की तैय्यारी में हैं|दो तीन कम्पनियाँ फायदे में हैं लेकिन इसके लिए सुरक्षा नियमों को तक पर रखा गया है| और इनके प्लेन की दुर्घटना की खबरें आने लग गई हैं|एयर इंडिया के साथ +इंडिगो+स्पाईस जेट +जेट एयरवेज के जहाज़ों के एक्सीडेंट की खबरें प्रकाशित हुई हैं|
[२]केंद्र सरकार के ऍफ़ डी आई सम्बन्धी एक ड्रीम प्रोजेक्ट के अपेक्षित परिणाम नहीं आ रहे हैं|इसके कुछ और कारण भी हो सकते हैं मगर फिलहाल तो फ्यूल कास्ट में बढोत्तरी को ही इंगित किया जा रहा है|