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फल इच्छा बिना कर्म करने से ईश्वर प्राप्ति सरल होती है


न में पार्थास्ति कर्तव्यं त्रिषु लोकेषु किंचन
नानवाप्तमवाप्तव्यं वर्त एव च कर्मणि
श्रीमदभगवदगीता
भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं -हे पार्थ ! मुझे तीनों लोकों में न तो कुछ कर्तव्य है
और न कोई प्राप्त करने योग्य वस्तु अप्राप्य है , फिर भी मैं कर्तव्य में लगा रहता हूँ .
व्याख्या : भगवान भी अवतार काल में सदा कर्तव्य , कर्म में लगे रहते हैं , इसलिए जो साधक फल की
इच्छा से रहित और आसक्ति से रहित होकर सदा कर्तव्य , कर्म में लगा रहता है , वह आसानी
से भगवान को प्राप्त कर लेता है.
भगवद गीता
प्रस्तुती राकेश खुराना

शेयर बाज़ार महंगाई से बेअसर ऊंचाईयों की तरफ अग्रसर:७८ अंक ऊपर

शेयर बाजार में आज सोमवार भी तेज़ी के नाम ही रहा |
रिज़र्व बैंक के सीआरआर में चौथाई प्रतिशत की कटौती किए जाने के निर्णय के बीच बैंकिंग+ कैपिटल गुड्स और बिजली शेयरों में लिवाली से सेंसेक्स 78 अंक चढकर बंद हुआ.
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज और 78.04 अंक चढ़कर 18,542.31 अंक पर बंद हुआ| इससे पूर्व यह स्तर पिछले साल जुलाई में देखा गया था |
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 250 अंक उछलकर दिन के उच्च स्तर 18,715.03 अंक तक को छू गया था|
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी तेज़ी के साथ 32.35 अंक ऊपर 5,610 अंक पर बंद हुआ| कारोबार के दौरान एक समय यह दिन के उच्च स्तर 5,652.20 अंक पर पहुंच गया था.
शेयर बाजार के निवेशक विशेष तौर पर विमानन क्षेत्र में एफडीआई की नयी पहल सहित अन्य आर्थिक सुधारों में तेजी लाने के सरकार के निर्णय से उत्साहित दिखाई दे रहे हैं|
सेंसेक्स में शामिल 30 में से 18 कंपनियों के शेयरों में तेजी दर्ज की गई

नुपुर तलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त जमानत

अपनी पुत्री आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या का आरोप का सामना कर रही डेंटिस्ट नुपुर तलवार को आज सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह बाद की जमानत दे दी है|दो गवाहों के ब्यान होने के बाद जमानत पर अम्ल लाया जाएगा
गौरतलब है की २००८ में आरुषि और हेमराज की हत्या हो गई थी इसके आरोप में आरुषि के पिता राजेश तलवार को पहले ही जमानत पर रिहा कर दिया गया है अब नुपुर ३० अप्रैल से डासना जेल में बंद है सी बी आई द्वारा लगातार इनकी जमानत का विरोध किया जा रहा हैआज भी जब सी बी आई के वकील ने कहा की दो गवाहों की गवाही कराई जानी शेष है तब कोर्ट ने एक सप्ताह बाद जमानत पर रिहा करने के आदेश दे दिए|

एक करोड़ के घोटाले के लिए पंजाब के गुलज़ार सिंह राणिके ने मंत्री पड़ गवांया

एक करोड़ पंद्रह लाख के घोटाले के आरोप में पंजाब के एस सी /एस टी कल्याण और पशुपालन मंत्री गुलज़ार सिंह राणिके को मंत्री मंडल से जाना पड़ गया है| अकाली प्रकाश सिंह बादल की भाजपा समर्थित मात्र छह महीने की सरकार से जाने वाले यह तीसरे मंत्री हैं|इनसे पूर्व अदालती निर्णय के बाद बीबी जागीर कौर[ पुत्री को आत्म हत्या के लिए मजबूर करने के लिए ] कृषि मंत्री तोता सिंह [सरकारी वाहनों के निजी उपयोग के आरोप में] भी मंत्री मंडल से हटाये जा चुके हैं| श्री रानिके के पर्सनल असिस्टेंट सर्बदयाल सिंह[रिश्तेदार] ने 2011 में फर्जी सरपंचों के नाम से कई बैंक खाते खुलवाये और इनके जरिये एक करोड़ 15 लाख रुपये का गबन कर लिया |बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार भी जाँच की टीम भेज रही है और घोटाले की रकम दोगुनी बढ सकती है|

परोपकार के लिए नीलाम हुई पुर्व मिस मलेशिया

नोबल काज[अच्छे मुद्दे] के लिए आज कल अपना सामान बेचने का चलन चल निकला है|कोई अपने वस्त्र तो कोई पेन या बेट आदि बेच रहें हैं मगर मलेशिया में भारतीय मूल के एक वकील दीपेन्द्र राय ने पूर्व मिस मलेशिया वर्ल्ड नाडिया हेंग को चौंकाने के लिए २००अमेरिकि डालर की बोली लगाईं|यह रकम मलेशिया की करेंसी रिंगिट ६०० है|उंदीमसिया के संसाधन केंद्र को उन्नत बनाने के लिए आवश्यक धन को एकत्र करने के लिए भारतीय मूल की नाडिया ने खुद को बिकाऊ घोषित कर दिया| इसके लिए आन लाईन नीलामी का आयोजन किया गया यह दास प्रथा का पुर्न जन्म या गर्म गोश्त का व्यापार नहीं था वरन एक नोबल काज के लिए धन एकत्र करने का एक साहसिक प्रयास था| इस नीलामी में नाडिया सहित पांच स्थानीय लोगों के लिए बोली लगी| खरीददारों को इन शख्सियतों के साथ डेट पर जाने का मौका भी मिला| नाडिया ने कहा कि उन्हें अच्छी वजहों के लिए खुद के बेचे जाने पर कोई एतराज नहीं है । 37 साल के वकील दीपेंद्र राय ने हेंग के लिए सबसे ज्यादा 600 रिंगिट मलेशिया[२०० अमेरिकी डालर] की बोली लगाई। उन्होंने कहा कि वह पूर्व मिस मलेशिया को चकित करना चाहते थे। बताया जा रहा है कि ये दोनों कैंडललाइट डिनर या रेस्त्रां में भोजन के लिए जायेंगे|

मेरठ में भूकंप के हलके झटके: स्थानीय कारण

बीती रात १२.५७ पर कुछ पलों के लिए मेरठ और आस पास के छेत्रों में भूकम्प के हलके झटके महसूस किये गए| भूकंप की गति ३.५ मापी गई है|शायद इसीलिए भूकम्प जैसे झटके महसूस किये गए और किसी जन मॉल के नुक्सान की खबर नहीं आई है|
विज्ञानं क्लब के संयोजक दीपक शर्मा ने बताया “भूकंप का केंद्र पूरा महादेव और नवादा गाँव के बीच वह जगह है जो शायद खाली पड़ी है या फिर भट्टा या बंजर है. इस भूकंप के आने का कारण स्थानीय ज्यादा है

सपने सुहाने लकड़पण के

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई

ओये झल्लेया मुबारकां ओये हसाड़े डडा लाल कृषण आडवाणी जी ने ब्लाग में लिख मारा है कि हमारी भाजपा ने सशक्त विपक्ष की भूमिकानिभाई है | मौजूदा कोयले से भी काली मन मोहनी सरकार की पीठ को दीवार से लगा दिया है|
ओये हमारी पार्टी ने ही कांग्रेस का राजनीतिक वर्चस्व तोडा था अब हमें उसका फायदा मिलेगा |२०१४ में कांग्रेस जाए ही जाये | हसाडी सरकार बणे ही बणे

झल्ला

खैर मुबारक सेठ जी लेकिन आज कल टी वी पे एक गाना बड़े जोरों शोरों से चल रहा है \अब आप पूछोगे कि कौन सा गाना तो अगर आप जी नहें भी पूछोगे तो भी With Sorry सुनो सपने सुहाने लकड़पण के
|

बुल्ल्हे नालों चुल्ल्हा चंगा , जिस पर ताम पकाई दा

तेरा नाम तिहाई दा, साईं तेरा नाम तिहाई दा
बुल्ल्हे नालों चुल्ल्हा चंगा , जिस पर ताम पकाई दा
रल्ल फकीरां मजलस कीती , भोर भोर खाई दा
रंगड़े वालों खिंगर चंगा , जिस पर पैर घिसाई दा
बुल्ल्हा शौह नूं सोई पावे , जेह्ड़ा बकरा बणे कसाई दा
साईं बुल्लेशाह
सतगुरु परमात्मा का को प्राप्त करने का मार्ग अत्यंत कठिन है . इस मार्ग पर चलने से पहले अपने अहंकार और
स्वार्थ का त्याग करना पड़ता है. बुल्लेशाह इसी को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि हे सतगुरु परमात्मा ! हम बस तेरे
नाम का ही सुमिरन करते हैं .
बुल्ले से तो यह चूल्हा अच्छा है , क्योंकि इस पर कम – से – कम रोटी तो पकती है जिसे फकीर एकत्र होकर अत्यंत
संतोष से बांटकर खा लेते हैं .
अहंकारी से तो वह पत्थर अच्छा है जिस पर पैर घिसकर मैल साफ़ कर लिया जाता है परन्तु अहंकार तो रोज नई
गंदगी इस मन में एकत्र करता है .
सतगुरु परमात्मा को वही प्राप्त कर सकता है जो कसाई का बकरा बनने के लिए तैयार हो अर्थात सतगुरु परमात्मा
को प्राप्त करने के लिए ‘मैं ‘ को मिटाना पड़ता है क्योंकि परमात्मा का मिलन ही जीवन के चरम लक्ष्य की प्राप्ति है

बुल्ले शाह दी काफी

बादशाह औरंगजेब के शासन काल में सय्यद परिवार में लाहौर के कसूर पंडोकी गावं में १६८० में जन्मे अब्दुलाह शाह कादिर को बाबा बुल्ले शाह भी कहा जाता है|बाबा ने पंजाबी गूड रहस्यवाद की अभिव्यक्ति पर कमांड हासिल की और विश्व के सर्वश्रेष्ठ सूफी का रुतबा हासिल किया|इनकी मृत्यु की त७८ वर्ष में हुई बताई जाती है\

प्रस्तुतकर्ता राकेश खुराना .

बादशाह औरंगजेब के शासन काल में सय्यद परिवार में लाहौर के कसूर पंडोकी गावं में १६८० में जन्मे अब्दुलाह शाह कादिर को बाबा बुल्ले शाह भी कहा जाता है|बाबा ने पंजाबी गूड रहस्यवाद की अभिव्यक्ति पर कमांड हासिल की और विश्व के सर्वश्रेष्ठ सूफी का रुतबा हासिल किया|इनकी मृत्यु की त७८ वर्ष में हुई बताई जाती है\

एल के अडवाणी के ब्लॉग से

भाजपा के वरिष्ठ शीर्ष नेता एल के आडवानी ने अपने ब्लॉग में दो विभिन्न घटनाओं के माध्यम से राजनीतिक इतिहास की परतें खोल कर अपने कार्यकर्ताओं का हौंसला बढाया है|श्री आडवानी ने कहा है की भाजपा ने भारत की एकदलीय प्रभुत्व वाली राजनीति को द्विध्रुवीय राजनीति में बदला है अब २०१४ में इसका सकारात्मक परिणाम मिलेगा|भाजपा ने विपक्ष की सशक्त भूमिका निबाहते हुए सत्ता रूड़ दल को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बुरी तरह से घेर रखा है ऐसे में कोई शक नहीं कि कांग्रेस दो सीटों पर सिमट जाये और भाजपा पुनः सत्ता के लिए बहुमत प्राप्त कर ले |

प्रस्तुतु है श्री आडवानी का ब्लाग
के सन् 1992 में, प्रसिध्द अमेरिकी राजनीतिक विज्ञानी फ्रांसिस फ्युकुयमा ने एक पुस्तक लिखी थी ”दि एण्ड ऑफ हिस्ट्री एण्ड दि लास्ट मैंन”। फ्युकुयमा का तर्क था कि नब्बे के दशक के अंत में दुनियाभर में उदार लोकतंत्रों का प्रसार मानवता के सामाजिक-आर्थिक मूल्यांकन का अंतिम बिन्दु है। मुख्य रुप से वह कम्युनिज्म के पतन का संदर्भ दे रहे थे। इसे इतिहास का अंत कहना शायद अतिश्याक्ति हो। लेकिन 1989 में बर्लिन दीवार का ढहना निस्संदेह वैश्विक इतिहास में एक विलक्षण मोड़ था। इसने लोकतंत्रों के प्रभुत्व और अमेरिकी तथा सोवियत ब्लॉकों के बीच चल रहे शीत युध्द में वाशिंगटन की विजय को रेखांकित किया।
1989 भारत के राजनीतिक इतिहास का भी एक निर्णायक मोड़ रहा। इस वर्ष के लोकसभाई चुनावों में भाजपा ने एक लम्बी छलांग लगाते हुए दयनीय दो सीटों 1984 से में 86 सीटों 1989 का सम्मानजनक स्थान प्राप्त किया। भाजपा राष्ट्रीय राजनीति पर कांग्रेस पार्टी के एकाधिकार को चुनौती देने वाले मुख्य दल के रुप में उभरी।
अगले दशक में भाजपा 1996 तक, तेजी से बढ़ती रही और कांग्रेस पार्टी सिकुड़ती गई, जब भाजपा लोक सभा में सर्वाधिक बड़े दल के रुप में उभरी, और 1998-1999 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने केंद्र सरकार का पूर्ण नियंत्रण संभाल लिया; और इसने 6 वर्षों तक देश को एक स्थिर, अच्छी सरकार और विभिन्न क्षेत्रों में अर्थपूर्ण प्रगति करने वाली सरकार दी। तब से, जब भी कोई मुझसे पूछता है: राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा के मुख्य योगदान को आप कैसे निरुपित करेंगें; तो सदैव मेरा उत्तर रहता है:

भारत की एकदलीय प्रभुत्व वाली राजनीति को द्विध्रुवीय राजनीति में परिवर्तित करना।

मैं मानता हूं कि यह उपलब्धि न केवल भाजपा अपितु कांग्रेस और निस्संदेह देश तथा इसके लोकतंत्र के लिए वरदान सिध्द हुई है

दुर्भाग्य से कांग्रेस पार्टी इसे इस रुप में नहीं लेती, भाजपा को एक मुख्य विपक्ष मानकर जिसके साथ सतत् सवांद करना शासन के लिए लाभकारी हो सकता है के बजाय इसे एक शत्रु के रुप में मानती है जिसे हटाना और किसी भी कीमत पर मिटाना उसका लक्ष्य है।

प्रणव मुकर्जी अपवाद थे। नेता लोकसभा के रुप में यूपीए के अधिकांश कार्यकाल में उन्होंने मुख्य विपक्ष के नेतृत्व से निरंतर संवाद बनाए रखा। अत: जब हाल ही में कोयला सम्बन्धी सीएजी रिपोर्ट पर कांग्रेस पार्टी ने सीएजी पर गैर-जिम्मेदार और निंदात्मक टिप्पणियां की तो, हमने उनसे मिलने का फैसला किया तथा उनसे अनुरोध किया कि वे अपने पूर्ववर्ती सहयोगियों को कुछ सही सलाह दें।
श्री एम. हिदायतुल्ला द्वारा सम्पादित दो खण्डों वाले कांस्टीटयूशल लॉ ऑफ इण्डिया में मुझे 1953 में डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा संसद में दिए गए भाषण को पढ़ने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने न केवल नियंत्रक और महालेखाकार को ”भारत के संविधान में संभवतया सर्वाधिक महत्वपूर्ण अधिकारी” वर्णित किया है अपितु इस पर भी खेद प्रकट किया है कि उन्होंने उसे अपना दायित्व ढंग से निभाने के लिए पर्याप्त अधिकार नहीं दिए हैं।
डा. अम्बेडकर कहते हैं:
”यदि इस अधिकारी को अपनी डयूटी निभानी हो-और उनकी डयूटी, मैं मानता हूं कि न्यायपालिका से भी किसी भी हालत में कम नहीं है, वह भी न्यायपालिका की तरह निश्चित रुप से स्वतंत्र होना चाहिए। लेकिन, सर्वोत्तम न्यायलय सम्बन्धी अनुच्छेदों और महालेखाकार सम्बन्धी अनुच्छेदों की तुलना करें, तो मैं यही कह सकता हूं कि हमने उसे वैसी स्वतंत्रता नहीं दी है जैसी न्यायपालिका को दी है, यद्यपि मैं व्यक्तिगत रुप से महसूस करता हूं कि उसे न्यायपालिका की तुलना में ज्यादा स्वतंत्रता देने की जरुरत है।”
***जब मैं विगत् साठ वर्षों के अपने राजनीतिक जीवन पद दृष्टि डालता हूं और यह अनुमान लगाने का प्रयास करता हूं कि

जनसंघ और भाजपा की भारतीय राजनीति को दूसरी उपलब्धि क्या रही, तो मैं कह सकता हूं कि त्रासद आपातकाल के विरुध्द लड़ने और लोकनायक जयप्रकाश का सहयोग करना। इस संदर्भ में भाजपा की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही।

देश की राजनीतिक आज एक ऐसे बिन्दु पर पहुंची है जहां ‘कोलगेट‘ के मुद्दे को एनडीए ने संसद में सशक्त ढंग से उठाया और अब सर्वोच्च न्यायलय ने इस पर गंभीर रुख लिया है।
‘कोलगेट‘ एक ऐसा घोटला है, जिसके बारे में सीएजी ने कहा है कि इससे सरकार को 1.86 लाख करोड़ का नुक्सान हुआ है। यह तथ्य है कि सीएजी ने जिस अवधि के कोयला मंत्रालय की समीक्षा की है उस काल में यह मंत्रालय प्रधानमंत्री के पास था और जिसके चलते 2जी और 2008 के कॉमनवेल्थ घोटाले से शुरु हुई घोटालों की श्रृंखला अपनी अति पर पहुंची है।
***जिस दिन सर्वोच्च न्यायलय ने इस ‘कोलगेट‘ घोटाले से सम्बन्धित छ: मुख्य सवाल सरकार से पूछे हैं, उसी दिन सरकार ने मल्टीब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सम्बन्धी निर्णय घोषित किया-इसे कुछ क्षेत्रों में भ्रष्टाचार से सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने के हताशा भरे प्रयास के रुप में लिया गया। यदि वास्तव में सरकार ऐसा सोचती है तो यह उसकी गंभर गलती होगी।

न्यायपालिका, सीएजी और संसद में विपक्ष ने मीडिया के साथ जुटकर यह सुनिश्चित कर दिया है कि भ्रष्टाचार का मुद्दा आगामी लोकसभाई चुनावों तक लोगों के दिमाग में बना रहेगा। खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का मुद्दा वास्तव में यूपीए के लिए हराकरी के सिवाय और कुछ सिध्द नहीं होगा।

मैं गंभीरता से आशा करता हूं कि जिस प्रकार 1977 के चुनाव परिणामों ने यह सुनिश्चित कर दिया कि इसके बाद कोई भी सरकार अनुच्छेद 352 के आपातकाल प्रावधान का हल्के दुरुपयोग के बारे में सोचेगी भी नहीं, उसी प्रकार आने वाले विधानसभाई और लोकसभाई चुनाव भी राजनीतिज्ञों का इसका अहसास कराएंगे कि यदि मतदाता उनके हाथों को भ्रष्टाचार से सना देखेगा तो उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
अपने पूर्ववर्ती एक ब्लॉग में मैंने कहा था कि कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि आने वाले लोकसभाई चुनावों में कांग्रेस पार्टी का आंकड़ा मात्र दो अंकों में सिमट जाए और इससे सबसे ज्यादा फायदे में भाजपा रहेगी। यदि और जब भी ऐसा होता है तो भाजपा इसे अपनी तीसरी उपलब्धि का दावा कर सकती है: एक भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम।

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नलिन कोहली बने भाजपा के पब्लिसिटी इंचार्ज

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने नलिन सत्यकाम कोहली को पार्टी के पब्लिसिटी डिपार्टमेंट का इंचार्ज नियुक्त किया है|इससे पूर्व श्री कोहली २००६-०९ में मीडिया सेल के कन्वीनर रहे हैं|आज कल अंग्रेज़ी और हिंदी टी वी चेनलों पर अपनी वाक्पटुता और स्पष्ट वक्तव्यों के लिए चर्चा में हैं|
श्री कोहली विद्यासंसकार स्कूल और अन्तराष्ट्रीय स्कूल आफ मीडिया & एंटरटेंटमेंट के संस्थापक निदेशक के पद सुशोभित कर चुके हैं|इसके अलावा दूर दर्शन के एंकर भी रहे हैं|
रोचक बात यह है कि वर्तमान में कांग्रेस के प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह भी कोहली हैं|