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“आप” पार्टी ने पारदर्शिता कायम रखते हुए तीसरी सूची में ९ सीटों के प्रत्याशियों की सूची जारी की

दिल्ली की राजनीती में शीला दीक्षित के वर्चस्व को चुनौती देने उतरी आम आदमी पार्टी[आप]ने आज अपने प्रत्याशियों की तीसरी सूची में नौ सीटों की घोषणा की है|
पार्टी द्वारा जारी विघ्य्प्ती के अनुसार 26/11 हमले में आतंकियों से लोहा लेने वाले एनएसजी कमांडो सुरेंद्र कुमार दिल्ली कैंट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार होंगे
26/11 के मुंबई हमले में आतंकियों से लोहा लेने वाले कमांडो सुरेंद्र कुमार आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली कैंट सीट से चुनाव लड़ेंगे. शहीद मेजर उन्नीकृष्णन के नेतृत्व में कमांडो सुरेंद्र सिंह ने ऑपरेशन ब्लैक थंडर में हिस्सा लिया और आतंकियों से आमने-सामने की लड़ाई में बुरी तरह जख्मी हो गए थे. सुरेंद्र ने दिल्ली कैंट क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया था.
पार्टी ने 1984 में दिल्ली में हुए सिख विरोधी हिंसा के शिकार परिवार से आने वाले जगदीप सिंह को हरिनगर से प्रत्याशी बनाया है. जगदीप सिंह ने 1984 में हुए कत्लेआम में अपने पिता को गंवाया था.
लक्ष्मीनगर सीट से चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम के वर्तमान पार्षद विनोद कुमार बिन्नी को सौंपी है. बिन्नी लगातार दो बार से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी निगम पार्षद का चुनाव जीते हैं. ये दिल्ली के एकमात्र ऐसे पार्षद हैं जिनके क्षेत्र में नगर निगम के कार्य मोहल्ला सभाओं के माध्यम से जनता द्वारा तय किए जाते हैं.
आम आदमी पार्टी आज नौ सीटों के लिए उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर रही है. पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति(पीएसी) ने सोमवार को बैठक कर इन सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्ट पर चर्चा की और उम्मीदवारों के नाम तय किए. जिन नौ सीटों के लिए नाम घोषित किए जा रहे हैं, वह निम्नवत हैः
[१]बल्लीमारान- फरहाना अंजुम
[२]दिल्ली कैंट- कमांडो सुरेंद्र सिंह
[३]गोकुलपुर(सु,)- देवीदयाल उर्फ पप्पू मूर्तिवाले
[४]हरिनगर- जगदीप सिंह
[५]करावलनगर- कपिल मिश्रा
[६]लक्ष्मीनगर- विनोद कुमार बिन्नी
[७]नरेला- बलजीत सिंह मान
[८]संगम विहार- दिनेश मोहनिया
[९]तिमारपुर- रजनी
इस तीसरी सूची में आरटीआई एक्टिविस्टों और पर्यावरण एक्टिविस्ट को भी शामिल किया गया है. इन नौ प्रत्याशियों में से दो महिलाएं हैं. आम आदमी पार्टी अब तक कुल 29 विधानसभा क्षेत्रों से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर चुकी है.
भारतीय राजनीति में संभवत यह पहली बार हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों का नाम, जनता से रायशुमारी और कार्यकर्ताओं की पसंदगी जानने के बाद इतनी पारदर्शिता से तय कर रहा है.