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“आप” पार्टी ने ११ विधान सभाओं के लिए नई छवि के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करके स्थापित पार्टियों को चुनौती दी

आम आदमी पार्टी [आप]ने दिल्ली की 11 विधानसभाओं के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. करीब एक महीने से चल रही प्रक्रिया के बाद जारी इस सूची में सेना के पूर्व अधिकारी,+ पत्रकार,+ वकील,+ इंजीनियर,+ खिलाड़ी और सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि के नाम शामिल हैं. मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज के लिए फायनल किया गया | ९७ उम्मीदवारों में से सलेक्ट किये गए ११ प्रत्याशियों की सूची निम्न हैः
[ 1.] बिजवासन- कर्नल देवेंद्र सहरावत
[2.] ग्रेटर कैलाश- सौरभ भारद्वाज
[३]. कोंडली(सु.)-मनोज कुमार
[4.] मालवीय नगर- सोमनाथ भारती
[५]. मटियाला- गुलाब सिंह यादव
[6.] नजफगढ़- मुकेश कुमार डागर
[७]. पटपड़गंज- मनीष सिसोदिया
[8.] आर.के.पुरम- शाजिया इल्मी
[9.] सदर बाजार- सोमदत्त शर्मा
[१०]. सीमापुरी(सु.)- संतोष कोली
[११]. त्रिलोकपुरी(सु.)- राजू घींगान
उम्मीदवारों की औसत उम्र 37 साल बताई गई है.|पार्टी द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार इन ११ सीटों के लिए कुल 97 आवेदन प्राप्त हुए थे. आवेदकों में से अधिकतर अन्ना के जनलोकपाल आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं. आवेदनकर्ताओं के साथ पहले चरण में स्क्रीनिंग कमेटी ने लंबी बातचीत करके हर विधानसभा से कुछ लोगों के नाम शॉर्टलिस्ट किए. शॉर्टलिस्ट में शामिल नामों पर जनता की राय ली गई तथा सक्रिय कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए प्रेफरेंशियल वोटिंग कराई गई. वोटिंग के दौरान कार्यकर्ताओं को राइट टू रिजेक्ट का भी अवसर दिया गया. इसके बाद पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति ने विभिन्न स्रोतों से एकत्र जानकारी और राय के आधार पर उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम निर्णय लिया|.
पार्टी का मानना है किपार्टी की पूर्व घोषणा के अनुसार की गई इस चयन प्रक्रिया के माध्यम से वर्तमान भारतीय राजनीति की दो बड़ी परंपराओं को चुनौती दी गई है|. एक तरफ अब लोगों के पास अपराधी, भ्रष्ट और चरित्रहीन लोगों की जगह साफ-सुथरी छवि वाले, देशभक्त और त्याग की राजनीति करने वाले लोगों को विधानसभा में भेजने का विकल्प होगा. दूसरी तरफ करोड़ो रुपए देकर हाईकमान की मर्जी से टिकट बेचने की परंपरा को भी आम आदमी पार्टी ने चुनौती दे दी है.
भारतीय राजनीति में यह पहली बार हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों का नाम, जनता से रायशुमारी और कार्यकर्ताओं की पसंदगी जानने के बाद इतनी पारदर्शिता से तय कर रहा है. आम आदमी पार्टी ने बाकायदा घोषणा कर आम लोगों को आवेदन के लिए प्रेरित किया. किसी भी आवेदनकर्ता के खिलाफ अगर मामूली झगड़े तक का आरोप था, तो उसे भी सार्वजनिक किया गया. इससे आम लोगों ने आवेदकों के बारे में ऐसी-ऐसी जानकारियां उपलब्ध कराईं जिनके आधार पर निर्णय लेना आसान हो सका.
घोषित उम्मीदवारों का संक्षिप्त परिचय
1. कर्नल देवेंद्र सहरावत (बिजवासन) ने सेना से रिटायर होने के बाद किसानों की जमीनों के मुआवजे के लिए संघर्ष शुरू किया. पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से लेखन करके किसानों की आवाज को आगे ले जाने का प्रयास करते रहे हैं.
2. सौरभ भारद्वाज (ग्रेटर कैलाश) पेशे से इंजीनियर हैं और बड़ी कंपनियों में काम कर रहे थे. 2005 में एक गरीब बच्ची के साथ बलात्कार की घटना हुई और उन्होंने उस बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए अपने स्तर से लड़ाई शुरू की. इस दौरान उन्हें समझ में आया कि ऐसे मामलों में पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए कानून की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए. इसके बाद सौरभ ने कानून की पढ़ाई की और जरूरत पड़ने पर गरीबों को हरसंभव कानूनी सहायता देते हैं. नेत्रहीनों, गरीब विद्यार्थियों, बाढ़ पीड़ितों, वृद्धों आदि की मदद के लिए आवाज उठाते रहे हैं.
3. मनोज कुमार (कोंडली) मनोज कुमार की छवि इलाके के लोगों के सुख-दुख में काम आने वाले सामाजिक कार्यकर्ता की है. क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लगातार संघर्ष करते रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग संगठन से जुड़े रहे हैं. जनलोकपाल आंदोलन और उसके बाद के सभी आंदोलनों-प्रदर्शनों में इन्होंने भूमिका निभाई है.
4. सोमनाथ भारती (मालवीय नगर) ने आईआईटी से एमएससी करने के बाद कानून की पढ़ाई की और वकालत करने लगे. सामाजिक मुद्दों को वकालत के जरिए उठाते हैं. दिल्ली गैंगरेप के बाद हुए जनआंदोलन में दिल्ली पुलिस ने निर्दोष युवकों को फंसाने की कोशिश की. सोमनाथ भारती ने उन युवकों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और उनके प्रयासों से निर्दोष युवकों को इंसाफ मिल सका. जनलोकपाल आंदोलन में सक्रिय रहे हैं और IIT alumni के अध्यक्ष एवं सचिव रहे हैं.
5. गुलाब सिंह यादव (मटियाला) स्कूल के समय से ही खेलों में सक्रिय रहे हैं और दिल्ली प्रदेश की जूनियर हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं. इनकी टीम 1992 की नेहरू कप हॉकी टूर्नामेंट की विजेता भी रही है. आज भी यह अपनी मिठाई की दुकान चलाते हैं और शेष समय मटियाला-नजफगढ़ क्षेत्र में युवाओं के बीच खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कराते हैं. अन्नाजी के जनलोकपाल आंदोलन में शुरुआत से सक्रिय रहे हैं.
6. मुकेश कुमार डागर (नजफगढ़) पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. बतौर RTI एक्टिविस्ट क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की खस्ताहाल स्थिति को दुरुस्त करने के लिए अपने स्तर पर भरपूर प्रयास कर रहे हैं. आरटीआई के जरिए सूचनाएं हासिल करके उन्होंने स्कूल के कर्मचारियों का कच्चा चिठ्ठा खोला. आखिरकार मलिकपुर विद्यालय से एक प्रिंसिपल, एक वाईस-प्रिंसिपल तथा भ्रष्ट अध्यापक का तबादला हुआ. आरटीआई आवेदनों के माध्यम से सरकार प्रशासन पर दबाव बनाकर उन्होंने अपने गांव में महिला पंचायत घर तथा पार्क के विकास के लिए करीब चार करोड़ की राशि पास करवाने में कामयाबी पाई.
7. मनीष सिसोदिया (पटपड़गंज) जनलोकपाल आंदोलन के जाने-माने नाम हैं. पेशे से पत्रकार रहे मनीष ने ज़ी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो में लंबे समय तक कार्य किया. उसके बाद सूचना का अधिकार कानून बनाने के लिए चले आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हो गए. उसके बाद जनलोकपाल आंदोलन की नींव रखने वाली टीम में अहम सहयोगी की भूमिका निभाई. भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ जांच के लिए एसआईटी बनाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर 10 दिनों का अनशन किया. भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष में उन्हें अन्नाजी के साथ जेल भी भेजा गया था.
8. शाजिया इल्मी (आर.के पुरम) पेशे से पत्रकार हैं. 15 साल पत्रकारिता के दौरान ज़ी न्यूज़, स्टार न्यूज़, टाइम्स ऑफ़ इंडिया में पत्रकारिता कर चुकी हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ छिड़े संघर्ष में शुरू से जुड़ी रहीं. इन्होंने जनलोकपाल आन्दोलन में काफी सक्रिय भूमिका निभाई है. महिलाओं और पर्यावरण के मुद्दों पर इन्होंने सराहनीय कार्य किया है. आम आदमी पार्टी में शुरू से सक्रिय रहीं हैं.
9. सोमदत्त शर्मा (सदर बाजार) छात्रसंघ में सक्रिय रहे और दो बार खालसा कॉलेज में छात्रसंघ का चुनाव जीत चुके हैं. क्रिकेट के खिलाड़ी हैं. बतौर शास्त्रीनगर स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष, खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन कराते रहे हैं. निःशुल्क मेडिकल चेकअप कैंप और गरीब बच्चों को पढ़ाई में आर्थिक रूप से मदद देते हैं. जनलोकपाल आन्दोलन और आम आदमी पार्टी में निरंतर सक्रिय रहे हैं.
10. संतोष कोली (सीमापुरी) दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई लड़ती रही हैं. राशन की कालाबाजारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान इन पर कई बार जानलेवा हमले भी हुए. गरीबों को मिलने वाले राशन, स्कूलों में गरीब बच्चों के एडमिशन और ऐसे ही अन्य योजनाओं के मामले में सूचना के अधिकार के प्रयोग से इन्होंने क्षेत्र में कई आंदोलन चलाए हैं. आरटीआई आंदोलन और जनलोकपाल आंदोलन में बेहद सक्रिय रही हैं.
11. राजू घींगान (त्रिलोकपुरी) अपने क्षेत्र में युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं. बॉडी बिल्डिंग में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं को मुफ्त फिटनेस ट्रेनिंग देते रहे हैं. आरडब्ल्यू में सक्रिय हैं और वाल्मिकी समाज की कई संस्थाओं में जिम्मेदारी भरे दायित्व निभाते रहे हैं. इन्होंने सीआईएसएफ में नौकरी करते हुए देश को अपनी सेवाएं दी हैं.