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उ. प्र.हंडिया विधान सभा के लिए हुए उप चुनाव में भाजपा को हार अपेक्षित थी

उत्तर प्रदेश में हंडिया विधान सभा के लिए हुए उप चुनाव में सत्ता रुड समाज वादी पार्टी ने बेशक भाजपा और कांग्रेस की जमानत जब्त करा दी है लेकिन २०१४ में लोक सभा के लिए होने वाले चुनावों पर नज़रें गडाए प्रदेश भाजपा हतोत्साहित नही है|उलटे पार्टी का कहना है कि इस सीट पर उन्हें कोई उम्मीद नहीं थी ये नतीजे अपेक्षित ही थे|इस पराजय के कारणों को जानने के लिए जब प्रदेश अध्यक्ष से बात की गई तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई का कहना है कि हंडिया विधान सभा छेत्र कभी भी भाजपा ने अपने दम पर नहीं जीती| पहले राकेश धर त्रिपाठी भाजपा में आये तो उनके समक्ष भाजपा संगठन गौंड़ हो गया|उसके पश्चात त्रिपाठी बसपा में चले गए और उनका अपना संगठन भी उनके साथ ही चला गया|जाहिर है ऐसे में भाजपा के अपने संगठन का अभाव हो गया|| संगठन के आभाव में चुनाव में उतरने की मजबूरी को बताते हुए डॉ वाजपई ने बताया के भाजपा सत्ता रुड सपा को वाकओवर देना नही चाहती थी | पिछले छह माह से वहां संगठन को खडा करने के प्रयास किये जा रहे हैं जिसके फलस्वरूप पिछली बार से ग्यारह सौ वोट[३८००] अधिक मिले हैं| बेशक तीसरा स्थान मिला है लेकिन अपने राष्ट्रीय प्रतिद्वंदी कांग्रेस को चौथे स्थान पर धकेल दिया है| यह आंकड़े संतोषजनक नहीं कहे जा सकते इसीलिए २०१४ के लोक सभा के चुनावों तक संगठन खडा हो जाएगा और अच्छे नतीजे मिलेंगे|