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ऍफ़ डी आई के एन डी ऐ में विरोधी रहे शौरी ने मन मोहन की नीतिओं का समर्थन किया

senior Journo+ex minister =B J P Leader Arun Shourie

अपनी एन डी ऐ की सरकार में ऍफ़ डी आई के कांग्रेसी विरोध में सरेंडर करने वाले पूर्व कामर्स & इडस्ट्रीज मिनिस्टर अरुण शौरी ने अब प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह के सुधारों का खुल कर समर्थन किया है| इसके लिए भाजपा की पार्टी लाइन से बाहर आकर भाजपा की बंद और बहिष्कार की नीति की भी आलोचना की है|
डीजल कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर श्री शौरी ने अपनी ही पार्टी बीजेपी से अलग रुख इख्तियार कर लिया है| पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खुदरा किराना में विदेशी निवेश आने से किसी को न कोई लाभ होगा और नाही किसी को हानि ही होगी|एविएशन में एफडीआई से गिनती की तीन या चार एयर लाइंस को ही असर पडेगा|। लोगों को इससे ना तो बहुत नुकसान होगा और न ही कंपनियों को बहुत फायदा होगा लेकिन बीजेपी नेता श्री शौरी ने डीजल की बढ़ी कीमतों को जायज ठहराया है। और इसे विलंबित एक्शन बताया|
एक निजी टी वी चेनल पर उन्होंने कहा कि७५% तेल बाहर से आयत किया जाता है और यह खत्म होता जा रहा है ऐसे में ऐसे प्रोडक्ट पर निर्भरता भी उचित नहीं है|ऐसे में अगर तेल की कीमतें नहीं बढ़ेंगी तो हालात और खराब हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऍफ़ डी आई और डीजल की बढ़ी कीमतों के नाम पर संसद न चलने देना गलत है।
श्री शौरी ने निजी तौर पर खुद को डीजल की बढ़ी कीमतों का पक्षधर बताया| उनके अनुसार , घाटा नियंत्रण से बाहर जा चुका था। पेट्रोलियम क्षेत्र से घाटा कम करने की जरूरत बताते हुए शौरी ने सरकार से सुधारों की दिशा में काम करने के लिए अब देर नहीं करने को कहा। शौरी ने कहा कि अच्छी व्यवस्था को टालना देश के लिए खतरनाक हो सकता है।उन्होंने इसके लिए आम राय को भी गैर जरुरी बताया |
बीजेपी से अलग राय रखने वाले और आज कल पार्टी में हाशिये पर आये श्री शौरी ने पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के साथ किसी भी तरह के मतभेद होने से इनकार किया है। शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास असीमित शक्तियां हैं। 8 साल तक पीएम ने कोई कदम नहीं उठाए लेकिन अब जो भी हुआ उसके लिए वो बधाई के पात्र हैं। स्थिति को सुधारने के लिए वरिष्ठ पत्रकार श्री शौरी ने रक्षा उत्पादन में निजी निवेश को जरुरी बताते हुए लोक लुभावन यौज्नाओं पर धन लुटाने का विरोध किया उन्होंने कहा कि तमिल नाडू में मुफ्त टी वी तक दिए गए मगर अगली बार टी वी देने वाली डी एम् के सत्ता से बाहर हो गई
शौरी ने सरकार को कानूनी दांवपेच से बाहर जाकर काम करने की जरूरत बताई। बिजली सेक्टर का उदाहरण देते हुए शौरी ने कहा कि इसमें नरेन्द्र मोदी के गुजरात मॉडल को क्यों नहीं अपनाया जा सकता? गुजरात में बिजली की अधिक कीमत है लेकिन इसकी सेवा भी सबसे बेहतर है।
गौर तलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता एल के अडवानी ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि उनकी सरकार में जब शौरी मंत्री थे तब कांग्रेस के सांसद प्रिय रंजन दास मुंशी ने रिटेल में ऍफ़ डी आई का विरोध किया था तब श्री शौरी ने ही संसद में खड़े होकर यह आश्वासन दिया था कि सरकार स्वयम रिटेल में विदेशी निवेश के खिलाफ है|