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एक रैंक एक पेंशन के लिए ५०० करोड़ का बजट “राहुल गांधी” की छवि को चार प्रदेशों में तो चमका ही सकता है

पी चिदंबरम के अंतरिम बजट को अधिकांश राजनीतिक+सामाजिक+व्यापारिक बुद्धिजीवियों दवारा चुनावी या पोपुलस बजट कहा जा रहा है मगर इसमें सैनिकों के देश सेवा में बलिदान को सम्मान देते हुए “वैन रैंक वैन पेंशन” के लिए ५०० करोड़ रुपयों के प्रावधान की सभी सराहना कर रहे हैं|मात्र ५०० करोड़ के लिए बरसों से लटके इस न्याय के लिए स्वाभाविक रूप से राहुल गांधी को श्रेय दिया जा रहा है|कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी हाल ही मेंइस मुद्दे को उठाया था| बीते दिनों रिटायर्ड सैनिको के एक १००० सदस्यों के डेलिगेशन ने राहुल गांधी से मुलाक़ात करके पेंशन में विसंगति के विरुद्ध न्याय की मांग की थी जिसके उत्तर में राहुल गांधी ने उन्हें भरोसा दिलाते हुए कहा था कि आप लोग देश सेवा के लिए अपने प्राणों तक की आहुति देने के लिए तैयार रहते हैं ऐसे में इस समस्या को दूर करने में जो भी हो सकेगा करूंगा |इस भरोसे की लाज कांग्रेस ने रखी और वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने अंतरिम बजट में ५०० करोड़ रुपयों का प्रावधान रख दिया|वर्त्तमान सैन्य बल से पूर्व सैनिकों की संख्या लगभग डबल है| हरियाणा+राजस्थान+हिमांचल प्रदेश और पंजाब में लगभग २.५ मिलियन एक्स सर्विसमेन हैं |२००६ से पूर्व रिटायर्ड हुए सैनिको को बेहद कम पेंशन मिलती है जबकि उसी रैंक के सैनिक जब २००५ के पश्चात रिटायर होते हैं तो उन्हें ज्यादा पेंशन मिलती है |इस विसंगति के विरुद्ध बरसों से एक रैंक एक पेंशन के लिए संघर्ष किया जा रहा है पेंशन की इस विसंगति को दूर करने के लिए ६ठे वेतन आयोग में भी शामिल नहीं किया गया |प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भी ओ आर ओ पी का स्वागत किया है
अब इस ओ आर ओ पी प्रावधान से ६ लाख विधवाओं को भी आर्थिक लाभ मिलेगा | जाहिर है कांग्रेस को इन चार प्रदेशों[ हरियाणा+राजस्थान+हिमांचल प्रदेश और पंजाब ] में अपने राजनीतिक आधार को कुछ स्टेबल करने का अवसर मिलेगा