Ad

एस एम् कृष्णा के बाद अम्बिका सोनी, मुकुल वासनिक, सुबोधकांत सहाय और महादेव सिंह खंडेला ने भी त्याग पत्र सौंपे

केंद्र सरकार का चेहरा बदलने के लिए बहुप्रतीक्षित कवायद शुरू हो गई है| विदेश मंत्री एस एम् कृष्णा के बाद प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक, पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय और राज्य मंत्री महादेव सिंह खंडेला ने भी त्याग पत्र सौंप दिए हैं|। इन सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री से 7, रेस कोर्स रोड स्थित उनके आधिकारिक निवास पर मिलकर उन्हें अपने इस्तीफे सौंपे हैं|
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन को दुरुस्त करने के लिए इन नेताओं ने प्रधानमंत्री को अपने इस्तीफे सौंपे हैं। ऐसा इसलिए ताकि इस्तीफों के बाद प्रधानमंत्री अपनी सहूलियत से मंत्रिपरिषद को नया स्वरूप दे सके। ऐसी चर्चा है कि प्रधानमंत्री अपनी नई मंत्रिपरिषद में युवाओं को तरजीह देंगे। एस एम् कृष्णा के अनुसार अब युवाओं को जिम्मेदारी सौंपने का समय का समय आ गया है।

केंद्र सरकार का चेहरा बदलने के लिए बहुप्रतीक्षित कवायद शुरू हो गई है

तृणमूल कांग्रेस [टी एम् सी] सरकार से अलग होने के बाद मंत्रिपरिषद में छह पद पहले से ही खाली हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र कोटे से विलास राव देशमुख के निधन से खाली हुई सीट भी अब तक नहीं भरी गई है। साउथ से डीएमके कोटे की दो सीटें भी अब तक रिक्त हैं। ए राजा और दयानिधि मारन के इस्तीफों के बाद इन पदों को अब तक भरा नहीं गया है। उधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अगाथा संगमा की जगह पहले ही तारिक अनवर को मंत्री बनाए जाने को हरी झंडी दे रखी है।
कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित फेरबदल रविवार को हो सकता है ऐसी ख़बरें छन छन कर बाहर आ रही हैं|संसदीय मंत्री पवन बंसल ने इस खबर को मजाक में ही उड़ा दिया| लेकिन जिस तरह कांग्रेस की लगातार छवि धूमिल हो रही है उसके मध्य्नज़र राजनितिक चेहरा बदलने की बेहद जरुरत महसूस की जा रही है| इससे पहले राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर पहुंच गई हैं। अभी तक केंद्र के चार मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। कुछ नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं जबकि कुछ का प्रमोशन भी हो सकता है
[१] एस एम् कृष्णा की कर्नाटक लोकायुक्त ने मैसूर-बैंगलोर एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण करने के मामले में पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा और कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के साथ खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं|कृष्णा वोक्कालिगा हैं जो प्रदेश के जातिगत समीकरणों के लिहाज से खासी ताकतवर जाति मानी जाती है। लिहाज़ा इनके खिलाफ जाँच करवा कर कर्नाटका से हाथ धोने के बजाये इन्हें राज्य की पोलिटिक्स में खपाया जा सकता है|
[२]पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय पर कोयला घोटाला में अपने भाई को लाभ पहुंचाने के आरोप हैं जाहिर है कि कोलगेट के चलते सुबोध कान्त पर गाज गिरी है|
[३]अंबिका सोनी वरिष्ठ और अनुभवी नेता है मगर हाल ही में मीडिया कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो रहा है ऐसे में माना जा सकता है कि अम्बिका सोनी मीडिया को मैनेज नहीं कर पा रही है|पूर्व में संघठन में इन्होने मीडिया का अच्छा उपयोग किया था ऐसे में उन्हें फिर से संघठन में लाया जा सकता है|