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डीजल पर बदनामी केंद्र की और फायदा राज्य सरकारों का

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम उपभोक्ता

ओये झल्लेया माननीय मुलायम सिंह यादव जी ने ये क्या खटराग मचा रखा है|एक तरफ तो महंगाई+ऍफ़ डी आई का विरोध करने को सडकों पर उतर रहे हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार से सपोर्ट विड्रा भी नहीं कर रहे |कहते हैं की विरोध करेंगे थोड़ी देर के बाद कहते हैं कि सपोर्ट विड्रा नहीं करेंगें| इनकी इस कभी हाँ और कभी ना में हसाडी उम्र ही ना बीत जाए| ओये जब तक खुल के सामने नहीं आएंगे तब तक कैसे पी एम् की रेस में शामिल होंगें|

झल्ला

ओये भोले नादाँ जी ये सारा पैसे का खेल है|बिना चश्मे के ही दिख रहा है|आप जरा सा दिमाग पर बोझ डाल कर फ्लेशबेक में जाओ और देखो कि माननीय मुलायम सिंह यादव जी की पार्टी ने चुनावों के दौरान अपनी सायकिल चलाई थी तब उस सायकिल के करियर पर लादे चुनावी घोषणा पत्र में उन्होंने पेट्रो पदार्थों पर लिए जा रहे वेट की दरों को देश के दूसरे राज्यों के बराबर करने का भी आश्वासन डेकोरेट किया हुआ था|अब सरकार को छह महीने से ज्यादा हो गए मगर उस बराबरी के आश्वासन के ऊपर जम रही उपेक्षा की धूल को हँटाने के विषय में कोई डस्टर[पोंछा] उठाने की बात ही नहीं कर रहा|
अब आप ही बताओ कि उत्तर प्रदेश में डीजल पर केवल १७.२३%वेट है|जबकि [१] पंजाब ९.०७% [२] हरियाणा में ९.२४%[3]पड़ोसी दिल्ली में १२.५% और सबसे महंगे बिहार में भी केवल १६% ही है|
अब डीजल की कीमतें बढाने से प्रदेश को ८६ पैसे लीटर प्रतिदिन की अतिरिक्त आय हो रही है|यानि सात लाख+किलोलीटर की बिक्री वाले हसाड़े प्रदेश को हर महीने २ करोड़ रुपयों का फायदा हो रहा है|
अब केंद्र को बदनाम करके भी खुद को फायदा मिले तो कौन सरकार को गिरा कर कुल्हाड़ी पर अपने पावँ मारेगा|इसीलिए सबसे बढिया है कि केंद्र को बदनाम करो और खुद का फायदा करते चलो क्यों ठीक है न ठीक