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दिल्ली के सी एम की कुर्सी वाया जेल,क्या अरविन्द केजरीवाल का यह नया सियासी पैंतरा है?

[नई दिल्ली] दिल्ली के सी एम की कुर्सी वाया जेल क्या अरविन्द केजरीवाल का यह नया सियासी पैंतरा है?
आज के घटना क्रम को लेकर सियासी हलकों में यही चर्चा का विषय बना हुआ है|
आज सुबह केजरीवाल ने दोबारा चुनाव में उतरने की घोषणा की तो अपराह्न तक आते आते न्यायलय में मुचलका भरने से इंकार करके जेल जाना पसंद किया | केजरीवाल को अपराधिक मानहानि के मुकदमे में २३ मई तक न्यायायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया है|
Jamos cartoon लगता है लोक सभा के चुनावों में मिली करारी हार के झटके से अरविन्द केजरीवाल उबर चुके हैं तभी उन्होंने मीडिया में रहने की कवायद फिर से शुरू कर दी है | अब केजरीवाल का लक्ष्य फिर से दिल्ली राज्य की सत्ता झटकना है| सम्भवत इसी लक्ष्य की पूर्ती के लिए “आप” पार्टी के सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल ने अपराधिक मान हानि के एक मुकदमे में जमानत के लिए मुचलका भरने के बजाय जेल जाना पसंद किया|
माननीय न्यायलय द्वारा केजरीवाल को जुडिशल कस्टडी में तिहाड़ जेल भेजे जाते ही “आप” के सीनियर नेताओं ने अपने चिर परिचित अंदाज और संवादों के माध्यम से कांग्रेस और भाजपा पर भ्र्ष्टाचार के आरोप लगाते हुए इस हिरासत को इन्ही दोनों पार्टियों का षड्यंत्र बताना शुरू कर दिया |
मीडिया और “आप” पार्टी में संवाद फिर से स्थापित करने में केजरीवाल सफल हो गए |इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आशुतोष+गोपाल राय+मनीष शिशोदिया आदि की बाइट्स आनी शुरू हो गई है|
गौरतलब है कि भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा एक अदालत में दायर किए गए आपराधिक मानहानि के मामले में केजरीवाल ने आज जमानत के लिए निजी मुचलका भरने से इनकार कर दिया । अदालत ने उनसे पूछा कि क्या वह ऐसा चाहते हैं कि उनके साथ ‘‘कुछ विशेष तरह का व्यवहार किया जाए ।’’ अपने खिलाफ जारी सम्मन के अनुपालन में अदालत में पेश हुए केजरीवाल ने मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा से कहा कि वह यह हलफनामा देने को तैयार हैं कि वह अदालत के समक्ष पेश होंगे ।इसी दलील पर केजरीवाल पहले भी राहत लेते रहे हैं लेकिन इस बार बार का अपराध मान कर इसबार न्यायलय ने कोई राहत नहीं दी | केजरीवाल ने चूंकि जमानत हासिल करने के लिए मुचलका भरने से इनकार कर दिया सो अदालत ने उन्हें २३ मई तक के लिए जुडिशल कस्टडी में भेज दिया |