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नरेन्द्र मोदी की ताजपोशी में सपा और रालोद उ. प्र. में अपने फायदे देखने लग गए हैं

भाजपा ने २०१४ में लोक सभा के चुनावों की वैतरणी पर करने के लिए नरेन्द्र मोदी को खिवैय्या बना दिया है | मोदी के हाथों से यह पतवार खींचने की कौशिश में बेशक वरिष्ठ नेता लाल कृषण अडवाणी असफल हो चुके हैं मगर उत्तर प्रदेश में समाज वादी पार्टी और रालोद इसमें अपना अपना फायदा देखने लगे हैं|
नरेन्द्र मोदी के विश्वस्त अमित शाह को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई है |अमित शाह ने प्रदेश में अपनी कार्यवाही भी शुरू कर दी है |यहाँ की भाजपा इकाई के उत्साह में कुछ वृद्धि भी दिखने लगी है लेकिन इसके ठीक उलट सपा और रालोद अपना फायदा बता रहे हैं|
सपा के प्रवक्ता और मंत्री राजेंदर चौधरी का कहना है कि मोदी की ताजपोशी भाजपा का अपना अंदरूनी मामला है|इसके असर के विषय में उनका कहना है कि मोदी के आने से भाजपा को उक्सान ही होगा इससे सपा पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला | पार्टी अपना काम कर रही है और यह दिखने भी लगा है|पार्टी अपने काम के बल पर लोक सभा के चुनाव जीतेगी|
केंद्र में यूं पी ऐ के सहयोगी रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान का कहना है कि २००९ में भी मोदी ने उत्तर प्रदेश में प्रचार किया था मगर भाजपा और सिकुड़ गई थी इसका लाभ यूं पी ऐ को मिला था|मोदी के प्रदेश में आने से यूं पी ऐ फिर मजबूत होगा और पहले से अधिक ही सीटें जीतेंगे|
गौरतलब है कि प्रदेश में वोटों का ध्रुवीकरण होता आया है|सपा और रालोद का मुख्य वोट बैंक मुस्लिम वोट रहे हैं |भाजपा के लिए अयोध्या आन्दोलन लाभकारी रहा है|