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नरेन्द्र मोदी के डर का कोहरा छांटने का मौलाना महमूद मदनी प्रयास काबिले गौर +इबरत+और लाजमी तौर पर काबिले तामीर है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया अब तो मानता है न कि हसाड़े वड्डे वढेरे लाल कृषण अडवाणी जी जो कहते हैं ठीक ही कहते हैं |ओये अडवाणी जी का कहना है कि कांग्रेस ने छद्म धर्म निरपेक्षता का चौला ही पहना हुआ है वास्तव में सबसे बड़ी सम्प्रदाइक पार्टी तो यही कांग्रेस ही है ओये अडवाणी जी की बात को कोई ध्यान नहीं दे रह था अब देख मुसलमानों के बड़े नेता मौलाना महमूद मदनी ने भी इसकी पुष्ठी कर दी है|ओये जनाब मदनी साहब ने बड़े ही अदब से फरमाया है कि हसाड़े नरेंदर मोदी का डर दिखा कर मुसलमानों की वोट हासिल करने का कोई दुस्स्साह न करे |मुस्लमान किसी से भी अब डरने वाले नहीं हैं|यदि कांग्रेस मुसलमानों के वोट चाहती है तो उसे मुसलमानों को डराने के बजाय उनकी भलाई के काम करने ही होंगे | ओये इससे तो कांग्रेसियों के साथ ही उनके सहयोगी एन सी पी और जे डी [यूं ] वालों का भी पायजामा ढीला हो गया | ओये अब तो मुसलमान भाई लोग मोदी से डर कर कांग्रेस की झोली में एक मुश्त गिरने से रहे

झल्ला

हाँ सेठ जी बेशक कुदरती वातावरण में कोहरा छाने की बहार आई है लेकिन मौलाना मदनी ने जो मुस्लिम समाज पर छाए सियासी कोहरे को छांटने का प्रयास किया है यह अपने आप में अहम् है +काबिले गौर है +काबिले इबरत है + और लाजमी तौर पर काबिले तामीर है|