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पँजांब में कोविड ने गति पकड़ी, बन्दिशें 10 अप्रैल तक बढाई

(चंडीगढ़,पँजांब)कैप्टेन अमरिन्दर सिंह ने पँजांब में कोविड बन्दिशें 10 अप्रैल तक बढाई पहले यहबन्दिशें 31 मार्च तक ही लगाई गई थी।
पँजांब में कोविड के कारण मृत्यु दर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।24 घण्टे में 79 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं। जिसके फलस्वरूप मृत्यु का आंकड़ा 6749 पर पहुंच चुका है नए इन्फेक्टेड लोगों की संख्या भी चिंताजनक रूप से उछाल ले रही है।इस बिगड़ती स्थिति को काबू पाने के लिए मंगलवार को नए आदेश जारी किए गए हैं।
नाभा ओपन जेल में 40 महिलाओं के कोविड पाॅजिटिव पाये जाने को देखते हुये मुख्यमंत्री ने कैदियों के लिए भी जेलों में विशेष टीकाकरण मुहिम शुरू करने के आदेश किये।
सीएम ने मुख्य सचिव विनी महाजन को टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों के साथ व्यस्त मार्केट क्षेत्रों में टीकाकरण शुरू करने के लिए जरूरी निर्देश जारी करने के लिए कहा।ताजा आंकड़े बताते हैं कि वायरस का यू.के. स्ट्रेन राज्य में सबसे ज्यादा पाया जा रहा है। वायरस के स्तर का पता लगाने के लिए शुरुआत में एन.सी.डी.सी. को भेजे 401 कोविड पाॅजिटिव सैंपलों में से 326 केस यू.के. वायरस के पाये गए। बाद में आई.जी.आई.बी. को भेजे 95 सैंपलों में से 85 सैंपल यू.के. स्ट्रेन के पाये गए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव ने कोविड महामारी की ताजा दशा और योग्य वर्ग के लाभार्थियों के टीकाकरण की स्थिति भी सांझा की। बढ़ते मामलों सम्बन्धी इस रुझान के अनुसार 6 अप्रैल, 2021 को शिखर पर होगा। अनुमानों के अनुसार मई, 2021 के अर्ध या आखिर में मामलों की संख्या घटने लगेगी। इसके इलावा यह भी बताया गया कि जालंधर, लुधियाना, पटियाला, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, होशियारपुर और कपूरथला में और केस आने की संभावना है और यह भी संभावना है कि 40 साल या इससे कम के नौजवानों में यह केस सबसे अधिक होंगे।
अपने आदेशों पर अमल कराने में प्रदेश सरकार की सफलता का अनुमान इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि 90,360 व्यक्तियों के चालान और कोविड टैस्ट किये गए हैं। प्रत्येक शनिवार को एक घण्टे का स्वतः कर्फ्यू भी बेकार साबित हुआ।यहां तक कि किसान आंदोलनकारी भी एकट्ट से बाज नही आ रहे।
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य और मैडीकल शिक्षा सलाहकार डा. के. के. तलवाड़ के अनुसार कुछ चुनिंदा प्राईवेट अस्पतालों में कोविड के इलावा अन्य मरीजों के इलाज को 2-4 हफ्तों के लिए स्थगित किया जा सकता है और जहाँ कोई मैडीकल कालेज नहीं है, उन जिला अस्पतालों में और ऐंबूलैंसें उपलब्ध करवाई जा सकती हैं।