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पाकिस्तान में अपने कार्य छेत्र के लिए पी एम् सुप्रीम कोर्ट के प्रति जवाब देह नहीं

पडोसी मुल्क पाकिस्तान में भी भारत की तरह ही न्यायपालिका और विधायकी में वर्चस्व की जंग जारी है|भारत में जहां न्यायाधीशों पर खुली अदालत में अशोभनीय टिपण्णी पर पाबन्दी लगाने को विधेयक लाया जा रहा है तो वहीं इसके ठीक उलट पाकिस्तान में पी एम् ने अपने कार्य छेत्र के लिए अदालत के समक्ष पेशी के अदालती आदेशों को असंवैधानिक करार दे दिया है|
पाकिस्तान के अटार्नी जनरल इरफ़ान कादिर ने कल जस्टिस आसिफ खान खोसा+जस्टिस एस जे ओस्मानीऔर जस्टिस ई ऐ.खान की बेंच के समक्ष जिरह करते समय यह दलील देकर सनसनी फैला दी की आर्टिकल २४८[१]के अंतर्गत पाकिस्तानी प्रधान मंत्री कोर्ट के प्रति जवाब देह नहीं है|इसीलिए कोर्ट द्वारा पी एम् को आदेश जारी नहीं किये जाने चाहिए|जिसे सुप्रीम कोर्ट की इस अपेक्स कोर्ट ने टर्न डाउन कर दिया |और अदालत अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई|
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पाकिस्तान के पी एम् को यह आदेश दिया था कि स्विस बैंकों में राष्ट्रपति की जमा पूँजी की जांच कराये जिस पर तत्कालीन प्रधान मंत्री जिलानी को बर्खास्त भी कर दिया गया था अब फिर नए पी एम् अशरफ को भी वोही निर्देश दिए गए हैं जिनका पालन नहीं करने पर उन पर भी बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है|

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