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भारत और हंगरी के सांस्कृतिक और व्यापारिक सम्बन्ध और प्रगाड़ हुए

भारत और हंगरी के सांस्कृतिक सम्बन्ध और प्रगाड़ हुए
हंगरी के प्रधानमंत्री डॉ विक्टर ओरबन आज कल अपने सहयोगियों के साथ भारत में आये है| उन्होंने आज 17 अक्तूबर, २०१३ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh and the Prime Minister of the Republic of Hungary, Mr. Viktor Orban, at the delegation level talks, in New Delhi on October 17, 2013.

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh and the Prime Minister of the Republic of Hungary, Mr. Viktor Orban, at the delegation level talks, in New Delhi on October 17, 2013.


इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रपति ने डॉ अरबन का स्वागत करते हुए कहा कि भारत हंगरी के साथ संबंधों और राजनयिक संबंधों से काफी पहले से सांस्कृतिक संबंधों को खास महत्व देता है। उन्होंने खास तौर पर बताया कि संस्कृत को ईएलटीआई[ ELTI ] विश्वविद्यालय में 1873 में ही एक नियमित विषय के रुप में अध्ययन के लिए शामिल किया गया। उन्होंने उस कमरे के संरक्षण के लिए जहां इलाज के दौरान रबींद्रनाथ ठाकुर ठहरे थे और बालटनफर्ड शहर में टैगोर के नाम पर एक खूबसूरत घास के खुले मैदान को बनाने के लिए हंगरी सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से लगातार हो रही द्विपक्षीय यात्राओं से दोनों देश हमारे द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने में सक्षम हुए हैं।
यह जानना संतोषजनक है कि हंगरी में कई क्षेत्रों में भारत का निवेश 1.5 अरब डॉलर के करीब है जिससे 8 हजार से अधिक हंगरी निवासियों को रोजगार मिला हुआ है।
The Prime Minister of the Republic of Hungary, Mr. Viktor Orban inspecting the Guard of Honour, at the Ceremonial Reception, at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on October 17, 2013.

The Prime Minister of the Republic of Hungary, Mr. Viktor Orban inspecting the Guard of Honour, at the Ceremonial Reception, at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on October 17, 2013.


द्वपक्षीय व्यापार भी 2007 में 398 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2011 में 840 मिलियन डॉलर तक बढ़ गया है। हालांकि, यह संभावनाओं से काफी कम है। राष्ट्रपति ने कहा कि जैव-प्रौद्योगिकी+ स्‍वच्‍छ ऊर्जा+ कृषि + जल संसाधन प्रबंधन जैसे नए क्षेत्रों में भी विस्तार की संभावनाएं हैं।
राष्ट्रपति ने हंगरी के प्रधानमंत्री के साथ आए व्यापार प्रतिनिधिमंडलपर खुशी जाहिर कीऔर ये उम्मीद जताई कि भारतीय व्यापारियों से उनकी बातचीत में दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूती प्रदानकरने वाले नए क्षेत्रों का उभार होगा।
राष्ट्रपति की बातों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए हंगरी के प्रधानमंत्री ने कहा कि हंगरी में भारत के महान संस्कृति और सभ्यता की काफी सराहना होती है। उन्होंने कहा कि हंगरी ही नहीं पूरे मध्य यूरोप में भारत के लिए सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं जिससे भारत को पूरे यूरोप में अहम भूमिका निभाने में काफी मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की भारत की मांग काफी उचित है और इससे वैश्विक शांति और सहयोग बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
संस्‍कृति सचिव श्री रवींद्र सिंह तथा हंगरी के मानव संसाधन मंत्री जोलतन बालोग ने आज नई दिल्‍ली में ‘फ्रॉम आरगेनिक फार्मस टू लाइट आर्ट’ नामक समकालीन हंगरी कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
The Secretary, Ministry of Culture, Shri Ravindra Singh with the Minister of Human Resources, Govt. of Hungary, Mr. Zoltan Balog going round an exhibition “From Organic Forms to Light Art: Selection from the Contemporary Hungarian Art”, in New Delhi on October 17, 2013.

The Secretary, Ministry of Culture, Shri Ravindra Singh with the Minister of Human Resources, Govt. of Hungary, Mr. Zoltan Balog going round an exhibition “From Organic Forms to Light Art: Selection from the Contemporary Hungarian Art”, in New Delhi on October 17, 2013.


इस मौके पर श्री रवींद्र सिंह ने कहा कि भारत और हंगरी के संस्‍कृति संबंध पिछले कई मौकों पर विभिन्‍न आयामों के तहत दिखे हैं। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें यह देख प्रसन्‍नता हुई कि प्रदर्शनी को नेशनल गैलरी ऑफ मार्डन आर्ट ने साकार किया है और इसमें हंगरी की सांस्‍कृतिक विरासत के मूल को दिखाया गया है और इसका असर विश्‍व की संस्‍कृति पर पड़ा है। हंगरी के मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि इस प्रदर्शनी के दो हिस्‍से हैं। पहले में आर्गेनिक हिस्‍से को दिखाया गया है और दूसरे में विज्ञान, तकनीक और कला के संबंधों पर आधारित लाइट आर्ट को दिखाया गया है।
यह प्रदर्शनी जनता के लिए 31 अक्‍तूबर 2013 तक खुली है।
फोटो कैप्शन
[१] प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह हंगरी से आये अपने समकक्ष विक्टर ओर्बन के साथ