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मोदी के कुपोषण के जवाब पर उठ रहे हैं सवाल

: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से भारत और इंडिया के बीच खाई खोद कर राजनितिक हलचल मचा दी है|महिलाओं में कुपोषण के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल परउन्होंने कहा कि मध्य वर्ग (मिडिल क्लास) सुंदरता के प्रति स्वास्थ्य से कहीं अधिक सचेत है और यह एक चुनौती है। अमेरिका की एक पत्रिका वाल स्ट्रीट जर्नल से बातचीत में मोदी के इस तरह के जवाब से सवाल उठने शुरू हो गए हैं|
गुजरात में कुपोषण संबंधी जब एक सवाल उनसे किया गया तो उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास की लड़कियों और को सेहत से ज्यादा सुंदरता की फिक्र है। उन्होंने कहा कि यदि कोई मां अपनी बेटी से दूध पीने को कहती है, तो उनमें कहा सुनी हो जाती है। बेटी अपनी मां से कहती है कि मैं दूध पीने से मोटी हो जाऊंगी।
इस पर कांग्रेस के राजीव शुक्ला+अम्बिका सोनी आदि ने आलोचना करते हुए गुजरात में होने वाले चुनावों में मोदी का बहिष्कार करने की बात कही है|
२००२ के दंगों पर माफ़ी
एक अन्यं सवाल पर राज्य में 2002 में हुए दंगों के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है। मोदी ने कहा कि किसी से माफी मांगने के लिए तब कहना चाहिए जब वह किसी अपराध के लिए दोषी हो। यदि आपको लगता है कि यह कोई बड़ा अपराध है तो दोषी को क्यों छोड़ दिया जाए?
मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या उन्हें २००२ के साम्प्रदाईक दंगों के लिए माफी मांगनी चाहिए, जैसा कि उनके आलोचक मांग कर रहे हैंतब उन्होंने प्रश्न कर्ता से अपने पुराने उतर को दोहराते हुए कहा कि केवल इसलिए कि मोदी मुख्यमंत्री हैं। उन्हें क्यों छोड़ा जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यदि मैं दोषी हूं तो मुझे अधिकतम सजा मिलनी चाहिए। दुनिया को जानना चाहिए कि इस तरह के नेता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह खुद को भविष्य के प्रधानमंत्री के तौर पर देखते हैं, उन्होंने टालते हुए कहा कि वह गुजरात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मैं इससे आगे की नहीं सोच रहा।