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रालोद के प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह ने ऍफ़ डी आई के विरोध में इस्तीफा दिया

एविएशन में ऍफ़ डी आई से कांग्रेस के अलावा अगर किसी दूसरे राजनीतिक दल को फायदा पहुँच सकता है तो वह है राष्ट्रीय लोक दल [ रा लो द] क्यूँकी इस पार्टी के सर्वोच्च नेता चौधरी अजित सिंह सिविल एविएशन के मंत्री हैं और उनकी रजा मंदी से ही एविएशन में ऍफ़ डी आई को मंजूरी दी गई है लेकिन रालोद के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष बाबा हर देव सिंह ने इसी मुद्दे पर रा लो द को छोड़ने का ऐलान कर दिया है|
लोकसभा चुनाव के पूर्व राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह व बाबा हरदेव सिंह के बीच एकाएक बड़े इन मतभेदों से स्वयम अजित सिंह और पार्टी को करार झटका लगा है क्यूंकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व नौकर शाह बाबा हरदेव सिंह ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है ।
इस्तीफे में कहा गया है कि सैद्धांतिक मतभेदों के कारण यह त्यागपत्र दिया गया है|। यह भी चर्चा में है कि उनके साथ पार्टी से और पदाधिकारी भी रालोद से नाता तोड़ सकते हैं।
बाबा हरदेव का कहना है कि हाल में घटी कुछ घटनायें उनकी खुद की नीतियों से मेल नहीं खाती इसीलिये उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अजित सिंह को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि डीजल की कीमतों में वृद्धि और खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के वह पहले भी विरोधी रहे हैं और आज भी उसका विरोध करते हैं। ऐसी हालत में वह पार्टी के अध्यक्ष पद पर नहीं रह सकते। बाबा हरदेव सिंह ने कहा कि वह पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र नहीं दे रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि केन्द्र की गलत नीतियों पर उसे समर्थन जारी रखने के सवाल पर वह अपने पद पर बने नहीं रह सकते थे। बाबा हरदेव सिंह ने पार्टी अध्यक्ष अजित सिह को भेजे त्यागपत्र में लिखा है कि वह सैद्धान्तिक कारणों से राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष पद के दायित्वों का निर्वहन करने में असमर्थ हैं।
बाबा ने त्यागपत्र देने वाले पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि विरोध उनका[बाबा] है लिहाजा वह[पदाधिकारी] इस्तीफा नहीं दें लेकिन अभी कुछ और नेताओं द्वारा इस सवाल पर पार्टी छोड़ने की चर्चा होने लगी है| श्री सिंह के अलावा इस्तीफा देने वालों में आईटी एवं मीडिया प्रकोष्ठ अध्यक्ष विशाल सिंह + प्रदेश महासचिव मध्य जोन विजय विक्रम सिंह+अध्यक्ष छात्र प्रकोष्ठ शशांक सिंह+ उपाध्यक्ष छात्र प्रकोष्ठ अनिल सिंह तथा अधिवक्ता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अंकुर सिंह के नाम सामने आ रहे हैं|