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राष्ट्रीय लोक दल १६वीं लोकसभा के चुनावों में मिली करारी हार के गम से अभी उभर नहीं पाया

[नई दिल्ली]लोक सभा के चुनावों में करारी हार के पश्चात कांग्रेस ने ,लगता है कि उत्तर प्रदेश में ,अपने सहयोगी छेत्रिय दलों को तलाक देना शुरू कर दिया है शायद इसीलिए उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधान सभा [१२] और लोक सभा [१]के उपचुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है |
सत्ता रुड समाजवादी पार्टी अकेले ही चलने के मूड में हैं जबकि बसपा ये चुनाव लड़ने का मूड बना ही नहीं पा रही है जहां तक बात रालोद की है तो यह दल अपनी हार के बाद से अभी तक सम्भल नहीं पाया है |शायद इसीलिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक आध जिले में गणना किसानो को लेकर छोटे मोटे विरोध जरूर दर्ज कराये जा रहे हैं |इस दल के हरित प्रदेश+हाई कोर्ट बेंच + एयर पोर्ट +जाट आरक्षण+गन्ना किसानो के कल्याण सम्बंधित अनेकों मुद्दे ठन्डे बस्ते में पढ़े हुए हैं |
कांग्रेस और सपा ने मोदी की सुनामी में भी बेशक अपने पारिवारिक सदस्यों को लोक सभा में पहुँचाने में सफलता हासिल कर ली मगर राष्ट्रीय
लोक दल के मुखिया और केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह और उनके पुत्र जयंत चौधरी जीत दर्ज नहीं करा पाये |चौधरी अजित सिंह को पोलिस अधिकारी सत्यपाल सिंह तो जयंत को हेमा मालिनी[मथुरा] ने उनके अपने पारम्परिक गढ़ों में हराया \
शायद इसीलिए यह दल अभी तक हार के गम में ही डूबा दिखाई दे रहा है
शायद इसीलिए इस पार्टी की ऑफिसियल वेबसाइट पर अपडेट्स आने बंद हो गए हैं
[१]वेबसाइट पर लेटेस्ट अपडेट्स के अनुसार अंतिम बार १८ जून को प्रेस रिलीज़ जारी की गई थी
[२]२२ अप्रैल को इवेंटपब्लिक मीटिंग की सूचना दर्ज है
[३] भूत पूर्व सांसद हो चुके जयंत चौधरी जनरल सेक्रेटरी के नाम के आगे आज भी एम पी लिखा है
[४] चौधरी अजित सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम के साथ यूनियन मिनिस्टर ऑफ़ सिविल एविएशन दर्ज है|
बिहार की तरह नरेंद्र मोदी के खिलाफ यूं पी मेंभी सपा+बसपा+रालोद +कांग्रेस की चौकड़ी बनाने की खबरें आई लेकिन बसपा के इंकार के बाद अब इसकी संभावनाएं कही नहीं दिख रही |देर से ही सही भाजपा के यमुना सफाई अभियान की बधाई दी गई थी लेकिन उसके भी अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आये हैं |
इस विषय में रालोद में जब फ़ोन किया गया तो पहले एक्सचेंज[एस पी सिंह] फिर सम्भवत पी ऐ [वर्माजी ]और उसके बाद जयंत चौधरी को फ़ोन फॉरवर्ड करने के बजाय शून्य और फ़ोन कट इस प्रतिक्रिया की अनेकों बार पुनरावृति हुई