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लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हों =अडवाणी

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और एन दी ऐ के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग लिखा है की देश में पूरे साल चुनाव होते रहने से निर्णय करने की प्रक्रिया पर असर पड़ता है। इसीलिए उन्होंने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराये जाने केलिए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति से अनुरोध किया है
उन्होंने लिखा है कि लोकसभा या राज्य विधानसभाओं को उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले भंग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि लोकसभा और विधानसभाओं का कार्यकाल तय होना चाहिए और दोनों के चुनाव हर पांच साल बाद ही कराये जाने चाहिए।
विपक्षी नेता ने यह ही दावा किया है की तत्कालीन वितमंत्री प्रणव मुख़र्जी और प्रधान मंत्री का भी रुख उनके इस सुझाव के प्रति सकारात्मक है।
बीजेपी नेता ने कहा है कि 1967 तक आम चुनावों का विधानसभा चुनावों के साथ तालमेल था। किंतु 1971 के शुरु में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकसभा को उसकी निर्धारित अवधि से पहले ही भंग कर दिया और पांचवें आम चुनाव कराए। उस समय पहली बार लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव का नाता टूट गया।
उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्य विधानसभाओं के चुनावों के बीच भी तालमेल टूट गया क्योंकि यदि यह पाया जाता है कि राज्य सरकार का संचालन संविधान के अनुरुप नहीं हो रहा है तो किसी भी राज्य विधानसभा को किसी भी समय भंग किया जा सकता है।
उदाहरण देते हुए आडवाणी ने लिखा है कि केन्द्र में यूपीए-दो के शासनकाल में 2010 से अब तक कम से कम 12 राज्यों में चुनाव हुए हैं। यह क्रम खत्म नहीं हुआ है हिमाचल प्रदेश और गुजरात राज्य विधानसभाओं के चुनाव इस वर्ष दिसम्बर तक संभावित हैं। उन्होंने कहा कि इससे देश में चुनाव प्रक्रिया का ही क्रम बना रहता है जो संचालन और राजनीति दोनों के लिए अच्छा नहीं है|
अमेरिका का उदहारणदेते श्री आडवाणी ने कहा कि वहां कार्यपालिका मनमाने तरीके से चुनाव की तिथि तय नहीं करते। भारत में भी इसी परिपाटी पर अमल किया जाना चाहिए। अमेरिका में हर चौथे साल राष्ट्रपति का चुनाव और हमेशा नवम्बर में होता है।
ब्रिटेन संसद ने भी वर्ष 2011 में एक कानून बनाया जिसके तहत संसद का कार्यकाल निर्धारित किया गया। बीजेपी नेता ने चुनाव में धन बल के इस्तेमाल को रोकने के लिए चुनाव सुधारों की भी जरुरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनावों में धनबल देश में भ्रष्टाचार की जड़ है। उन्होंने राष्ट्रपति से चुनाव सुधारों की दिशा में आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।