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वीर भद्र ने हिमाचल में अपनाए कर्नाटकी यदियुरप्पाई तेवर

वीर भद्र ने हिमाचल में अपनाए कर्नाटकी यदियुरप्पाई तेवर
लगता है कि डाक्टर मन मोहन सिंह के भाग्य में सत्ता की दूसरी पारी को बचाने के लिए बाधा दौड़ में भागते रहना ही लिखा है |अन्ना हजारे +बाबा रामदेव+सपा+बसपा+टी एम् सी के बाद शरद पवार कि बाधाओं को पार करने के बाद अब हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीर भद्र सिंह ने विद्रोही तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं| अपनी अनदेखी या प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए एन सी पी की घडी को चाबी भरने की खबर लीक करादी वर्तमान में इनके पास १२ विधायक है|
विद्रोही नेता को संतुष्ट करने के लिए चाणक्य की भूमिका के लिए दिग्विजय सिंह को चुना गया है| वीर भद्र सिंह की कडवाहट को कम करने को शिमला पहुंचे दिग्गी राजा ने जर्मन के बिस्मार्क+भारत के एतिहासिक चाणक्य और स्वतंत्र भारत के सरदार वल्लभ भाई पटेल के सारे फार्मूले अपना लिए मगर अभी तक कोई उपाय लाभकारी होता दिखाई नहीं दे रहा |
हिमाचल में चुनाव होने हैं|इसमें वीर भद्र सिंह को ३० सीटें चाहियें|इससे उन्हें प्रदेश में वर्चस्व मिलसकेगालेकिन आलाकमान यह आश्वासन नहीं दे पा रहा | इसीके फलस्वरूप शरद पवार की एन सी पी से वीर भद्र सिंह कि पींगें बढ रहीं हैं|
अगर वीर भद्र सिंह ने भाजपा के कर्नाटकी यदियुरप्पाई तेवरों को नहीं छोड़ा तो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को झटका लग सकता है