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संसद में आज भी कोयले की स्याही उडी शोर में ध्वनिमत से तीन विधेयक पारित

संसद के मौजूदा मानसून सत्र के आखरी सप्ताह के पहले दिन भी कैग के कोयले की स्याही ही उडी आज कुल मिला कर १४ दिन बर्बाद हुए| और संसदीय कार्यवाही और मर्यादा तार तार हो गई|
|केंद्र सरकार में अगर अनाधिकृत अनुपस्थितियों के मध्य सरकारी अवकाश आता है तो उसे भी अनाधिकृत अनुपस्थिति ही माना जाता है| इसीलिए प्रति दिन पौने दो करोड़ के हिसाब से कैग की भाषा में साडे चौबीस करोड़ रुपयों की हानि हो चुकी है |
संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी हफ्ते की शुरुआत भी आज सोमवार को कोलगेट पर हंगामे से हुई, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी।
एक बार स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे जैसे ही शुरू हुई बीजेपी एवं उसके सहयोगी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर रोजाना की तरह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को लेकर नारे लगाते रहे। ये सदस्य प्रधानमंत्री गद्दी छोड़ों, प्रधानमंत्री इस्तीफा दो और कोयले की दलाली में पूरी कांग्रेस काली है, जैसे नारे लगा रहे थे।
इस हंगामे के दौरान संसदीय मर्यादाओं का मखौल उड़ाते हुए ध्वनि मत से तीन विधेयक पारित किए गए, जबकि एक विधेयक चर्चा के लिए पेश किया गया।जब शोर के चलते सदन चलाना संभव नहीं तो ध्वनि मत से तें विधेयक पास करना अपने आप में हास्यास्पद ही कहा जाएगा|
[१] पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन संशोधन विधेयक २०११[२] महिलाओं को कार्यस्थल पर लैंगिंग उत्पीड़न से संरक्षण विधेयक 2010 तथा [३]भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण संशोधन विधेयक 2011।
सदन में हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिवैध और उनका पुनर्वास विधेयक 2012 को चर्चा के लिए पेश किया गया।
कोयले पर गतिरोध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है|कोयला मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल ने न्यायिक जांच कराये जाने की सम्भावनाओं से इनकार कर दिया है और अंतर मंत्रालयों की रिपोर्ट आने पर दोषिओं के लायसेंस केंसिल करने की बात कही है|