संसद का मानसून सत्र हंगामे दार रहा भाजपा के वरिष्ठ नेता एल के अडवाणी यूं पी ऐ को घेरते घेरते स्वयम ही कांग्रेस के घेरे में आ गए\श्री आडवाणी संसद में बोलते समय यूं पी ऐ २ की सरकार को अवैध कह गए इस पर कांग्रेस और यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने विरोध की कमान उठा ली और संभवत पहली बार [कम से कम इस सरकार में]आक्रोशित होकर अवैध शब्द को वापिस लेने की मांग करती दिखीं |प्रधान मंत्री ने इसे अशोभनीय बताया |राहुल गांधी ने बेहद संयम भरे अंदाज़ में श्री अडवाणी को एक वरिष्ठ नेता बताते हुए कहा की वोह जानते हैं की वोह कया कह रहे हैं|जबकि कपिल सिब्बल ने वरिष्ठ नेता को कन्फियुज् बताया | बेशक संसद नेता सुशील कुमार शिंदे का आज पहला दिन था मगर संसद में अपनी नेत्री का इशारा पाकर सभी यूं पी ऐ के सांसदों ने संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने की धमकी दी|
चूँकि श्री अडवानी किसी भी कीमत पर असाम में दंगों पर सरकार की ढिल मिल नीति को बहस का मुद्दा बनाना चाह रहे थे इसीलिए उन्होंने अपनी गलती मानी और कहा की गलती से उन्होंने यूं पे ऐ २ को अवैध कह दिया जबकि उनका मकसद यूं पी ऐ १ के २००८ में नो कान्फिडेंस मोशन की |तरफ था तब कहीं जाकर कान्ग्रेसिओं ने श्री आडवानी को बोलने दिया |
श्री अडवानी ने असाम में बंगलादेशी घुसपैठ पर लगाम कसने की की मांग की |इस दिशा में उन्होंने चार सुझाव भी रखे जिनमे मुख्यत घुसपैठ रोकना+नागरिकता रजिस्टर बनाना +और विदेशियों को वोटिंग राईट्स से वंचित करना थे