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स्वर्गीय राजीव गाँधी की स्मृति में संसद से सड़क तक अनेको कार्यक्रम हुए

प्रधानमंत्री ने स्वर्गीय राजीव गांधी को उनके ६९ वी वर्ष गांठ पर आज ऋणी राष्ट्र ने याद किया | इस अवसर पर संसद से सड़क तक अनेकों कार्यक्रम आयोजित किये गए|
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राजीव गांधी की स्मृति में अमजद अली खान साहब को राष्‍ट्रीय सद्भावना पुरस्‍कार दिया गया

राजीव गांधी की स्मृति में अमजद अली खान साहब को राष्‍ट्रीय सद्भावना पुरस्‍कार दिया गया

| इस समारोह में समारोह में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि‍ आप सबको मालूम है यह पुरस्कार हमने अपने प्रिय नेता और पूर्व प्रधान मंत्री राजीव जी की याद में स्थापित किया है। राजीव जी ने अपनी पूरी ज़िंदगी हमारे समाज को जोड़ने का काम किया है। वह यह बात अच्छी तरह जानते थे कि हमारा देश तभी तरक्की कर सकता है जब हम एक दूसरे के धर्म, भाषा और विचारों के प्रति सहनशील रहें और उनका आदर करना सीखें। एक आधुनिक और प्रगतिशील भारत के निर्माण के लिए राजीव जी ने जो काम किया वह हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। हम सब जानते हैं कि भारत एक विशाल और विविध देश है। दुनिया के सभी मुख्य धर्मों के साथ-साथ हमारे यहाँ अनेकों भाषाएं, संप्रदाय और संस्कृतियां मौजूद हैं। कई बार इस विविधता का नाजायज़ फायदा उठाते हुए हमें बांटने की कोशिशें की जाती हैं। यह सभी राजनैतिक दलों, समाज के सभी वर्गों और हम सब का फर्ज बनता है कि हम इन कोशिशों को नाकाम बनाएं।
अभी कुछ दिन पहले हमारे देश में जो सांप्रदायिक हिंसा हुई उससे हमें यह सबक लेना चाहिए कि सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के प्रयासों में कभी-भी कोई ढील नहीं आनी चाहिए। हमें ऐसी ताकतों का हर वक्त और हर स्तर पर विरोध करना है, चाहे वह रोज़मर्रा की ज़िंदगी हो या चुनाव। हमें आपस में सद्भावना बढ़ाने के प्रयास करते रहना चाहिए ताकि हमारे मन में एक दूसरे के लिए कभी-भी अविश्वास पैदा न हो और कोई भी हमारे बीच फूट न डाल सके। यही राजीव जी को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आज के पुरस्कार विजेता श्री अमजद अली साहब हमारे देश के अज़ीम फ़नकारों में से एक हैं। वह एक महान सरोद वादक हैं जिन्होंने दुनिया भर में लोगों को सरोद के जादू से वाकिफ़ कराया है। कहते हैं कि संगीत किसी भाषा का मोहताज नहीं होता। न तो उसका कोई मज़हब होता है और न ही कोई जाति। और इसीलिए संगीत में धर्म, भाषा और मज़हब जैसे दायरों से ऊपर उठकर लोगों को एक करने की ताकत होती है। श्री अमजद अली खान साहब ने सरोद के जरिए यह काम बखूबी किया है। वह भारत की मिली जुली संस्कृति की एक अनोखी मिसाल हैं।
हमारे देश के संगीत घरानों की परंपराएं हमेशा धर्मनिरपेक्ष रही हैं। बल्कि यह कहना गलत नहीं होगा कि इन परंपराओं से बेहतर धर्मनिरपेक्षता की कोई मिसाल नहीं दी जा सकती है। श्री अमजद अली खान साहब ने इस धर्मनिरपेक्ष सोच को पूरे देश में फैलाया है। हम सबको उन पर गर्व है और हमको उन से प्रेरणा भी मिलती है। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनको तमाम सारी नई कामयाबियां हासिल करवाए।
[२]संसद में राजीव गाँधी के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की गई|इस अवसर पर डॉ मन मोहन सिंह +मीरा कुमार+सुषमा स्वराज+लाल कृषण अडवाणी आदि पक्ष और विपक्ष के नेता गण उपस्थित थे|
[३] वीर भूमि पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया|
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh paying floral tributes at the Samadhi of former Prime Minister, late Shri Rajiv Gandhi, on his 69th birth anniversary, at Vir Bhoomi, in Delhi on August 20, 2013

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh paying floral tributes at the Samadhi of former Prime Minister, late Shri Rajiv Gandhi, on his 69th birth anniversary, at Vir Bhoomi, in Delhi on August 20, 2013


राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी +उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी+ प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह +राजीव गाँधी की विधवा और वर्तमान में सत्ता रुड यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी+लोक सभा की स्पीकर मीरा कुमार आदि गण मान्य उपस्थित थे|
[४] केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सद्भावना दिवस पर शपथ भी ग्रहण कराई|आर पी एन सिंह+वी नारायण स्वामी+मुल्लापल्ली रामचंद्रन+आदि मंत्री गण भी उपस्थित थे|
[१] फोटो कैप्शन
संसद में स्वर्गीय राजीव गाँधी के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित करते डॉ मन मोहन सिंह +मीरा कुमार+सुषमा स्वराज+लाल कृषण अडवाणी आदि