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हसाड़ा सोणा मन मोह्णा बड़ा लिस्सा पी एम् है

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी

ओये झाल्लेया ये क्या हो रहा है?ओये हसाड़े सोणे ते मन मोहणे पी एम् के करेक्टर की जिसे देखो चिंदी चिंदी उड़ाने में लगा है|
भाजपा ने संसद में तो संसद के बाहर अरविन्द केजरीवाल ने ऐसी की तैसी कर रखी है| पहले देश के बाहर थोड़ी बहुत साख थी मगर उस में भी अब रोजाना पलीता लगाया जा रहा है|
कोई फिसड्डी कह रहा है तो कोई दब्बू तो कोई कोई साइलेंट मोड कह कर भडास निकाल रहा है|लंगडी बत्तख से अब चोरों +भ्रष्टों=घोटाले बाजों का खामोश मुखिया तक कहा जाने लगा है ओये ये तो यार देश का भी अपमान है|

झल्ला

सेठ जी दरअसल हसाड़े ये सोणे ते मन मोहणे पी एम् बेचारे बड़े लिस्से[सीधे]बन्दे हैं और डादेयाँ[जोरावारों]का जमाना है|इसीलिए ऐरे गेरे भी भडास निकालने को पी एम् को चुन रहे हैं|
कहा भी गया है कि गरीब की जौरू सबकी भाभी हो|\
लेकिन हसाड़े पी एम् को घुट्टी में एक गुर मिला हुआ है| हमारे गुरुओं ने भी कहा है जो नीवां सो गौरा|
इसीलिए एक ना सौ सुख या एक चुप सौ सुख क्यों ठीक है न ठीक ???