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दिल्ली विधान सभा भंग कराने के लिए अब “आप”पार्टी ने पांच सवाल दागे

[नई दिल्ली]दिल्ली के उपराज्यपाल पर दबाब नीति के अंतर्गत”आप”पार्टी ने पांच सवाल दागे |
दिल्ली की विधानसभा भंग कराने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल पर दबाब बनाने के लिए “आप” पार्टी द्वारा पांच सवाल दागे गए हैं
उपराज्यपाल श्री नजीब जंग ने 4 सितंबर को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा को न्यौता देने की अनुमति मांगी है जिसका कांग्रेस और “आप” विरोध करती आ रही हैं |
“आप” पार्टी का कहना है कि उपराज्यपाल का राष्ट्रपति को पत्र लिखना बहुत ही गंभीर घटना है और उपराज्यपाल के इस कदम की संवैधानिक वैद्यता पर कई जटिल सवाल उठ खड़े होते हैं। इस पूरी कवायद में नैतिकता की कमी भी दिखती है।राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर उपराज्यपाल के चुप्पी साधने और दिल्ली में संविधान का हनन करने की कोशिशों पर केंद्र सरकार द्वारा अपनी आंखे बंद करने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताजा हालात के मद्देनजर उपराज्यपाल से अपेक्षित कुछ जटिल सवालों को सार्वजनिक करने का फैसला किया है।
विधायकों को रिश्वत देने के बीजेपी के प्रयासों के तमाम सबूत संबंधित अधिकारियों को सौंपे जाने के उपरान्त आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल से पांच सवाल पूछे हैं
[1]माननीय उपराज्यपाल महोदय, क्या यह एक महज संयोग है कि आप दिल्ली में हर कीमत पर बीजेपी की सरकार बनवाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि 12 दिसंबर को भाजपा विधायक दल के नेता डा. हर्षवर्धन लिखित में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बहुमत न होने के कारण वो विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे, तो क्या अब भाजपा अपने स्टैंड से पलट गई है?
[2] आप बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करने से क्यों छूट दे रहे हैं
[3] पिछले वर्ष दिसंबर में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बननी थी तो आपने समर्थन पत्र पर जोर दिया था। आम आदमी पार्टी द्वारा 36 विधायकों का समर्थन पत्र दिए जाने के बाद ही आपने सरकार बनाने की अनुमति दी थी। वही मानदंड आज बीजेपी के लिए क्यों नही?
[4]इस वर्ष फऱवरी में जब अरविंद केजरीवाल ने सरकार से इस्तीफा दिया था तब भी बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी थी। तब आपने बीजेपी को न्योता क्यों नहीं दिया ?
[5] संवैधानिक पद पर आसीन होते हुए आप कैसे असंवैधानिक तरीके से सरकार गठन की अनुमति दे सकते हैं जबकि इस मामले में हम आपको अहम सबूत पहले ही सौंप चुके हैं ?