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“आप” की राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग की वीडियो बने और अनधिकृत वालंटियर्स नहीं जाएँ :प्रशांत भूषण

[नई दिल्ली]”आप” की राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग की वीडियो बने और अनधिकृत वालंटियर्स नहीं जाएँ :प्रशांत भूषण आप पार्टी के असंतुष्ट गुट ने सत्तारुड गुट के खिलाफ बिगुल बजा दिया |इस युद्ध को “आप”पार्टी की लोकतांत्रिक आत्मा की रक्षा के लिए तानाशाह अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ संघर्ष का नाम दिया गया है |राष्ट्रीय परिषद के सचिव को चिट्ठी लिखी गई है इसमें राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग सही तरीके से कराने की मांग की गई है मीटिंग निरस्त नहीं की जानी चाहिए+बंद कमरे में भी मीटिंग की विडिओ ग्राफी कराइये+वोटिंग सीक्रेट बेलेट से हों एमएलऐ की वोटिंग राइट नही हैं| योगेन्द्र और प्रशांत ने यह घोषणा भी की कि स्वराज+विकेंद्रीयकरण+मर्यादा उललंघन+२ करोड़ चेक+शराब+डिग्री+दिल्ली में सरकार गठजोड़ वॉलंटियर्स को वोटिंग राइट्स + नेशनल एग्जीक्यूटिव की रिक्तियों की पूर्ती आदि मुद्दों पर उठाये गए सवालों को हल कर दिया जाता है तो ये आज भी इस्तीफ़ा देने को तैय्यारहैं
योगेन्द्र यादव+प्रशांत यादव+प्रो.आनंद कुमार द्वारा अटेंड की गई प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रीय परिषद की २८ तारीख की मीटिंग में उन वॉलंटियर्स को मीटिंग में नहीं जाने का आग्रह किया गया जो परिषद के सदस्य नहीं हैं |प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव ने इस्तीफ़ा देने की खबर को झूठ का पुलंदा बताया| उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी इस्तीफ़ा नही दिया |
योगेन्द्र यादव+प्रशांत यादव ने आरोप लगाया कि अरविन्द केजरीवाल पर सवाल उठाने के दंडस्वरुप उनका जबरदस्ती झूठा इस्तीफा मंजूर किया गया |
समझोते के लिए भेजे गए नोट मात्र को इस्तीफ़ा बना कर स्वीकार करने की घोषण कर दी गई है |जिन शर्तों को माने जाने के दावे किये जा रही हैं उन्हें भी स्वीकार नहीं किया गया |यदि अभी भी उनकी सभी मांगें मान ली जाती हैं तो ये लोग पार्टी में सभी पदों को छोड़ने को तैयार हैं
योगेन्द्र पर कन्वीनर पद के लिए लड़ाई का आरोप लगाया जा रहा है ,जबकि पार्टी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय परिषद को इसका अधिकार ही नही हैं|
वास्तव में अरविन्द केजरीवाल ने इन्हें निकालने की शर्त रखी है |इसके पीछे लोक सभा की हार के पश्चात दिल्ली में कांग्रेस के स्पोर्ट से सरकार बनाने की मंशा का विरोध करने पर योगेन्द्र और प्रशांत को पार्टी से निकालने की साजिश की जा रही है|
योगेन्द्र ने कहा कि मात्र एक महीने की सत्ता में बहुत कुछ टूटा है+जनता का विश्वास+वालंटियर्स की आशाएं+टूटी हैं |जो पार्टी आज तक जांच की मांग करती रही है उसी पार्टी में अब तानाशाही हावी है |

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