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बिहार के राजनीतिज्ञों ने राज्यपाल के हाथों में सरकार की पतवार सौंपी

Rebellious Jitan Ram Manjhi

Rebellious Jitan Ram Manjhi

बिहार की राजनीती की पतवार अब राज्यपाल के हाथों में दे दी गई है | इसके लिए जे डी [यूनाइटेड] के दोनों धड़ों के समर्थकों ने गवर्नर केसरी नाथ त्रिपाठी से अलग अलग मुलाकात की और अपना पक्ष रखा |राज्यपाल ने फ़िलहाल दोनों पक्षों को दिलासा दे कर लौटाया
जनता परिवार के नितीश कुमार+शरद यादव+लालू प्रसाद यादव+अपने कांग्रेस और लेफ्टिस्ट अादि सहयोगियों के साथ गवर्नर से मिले और सरकार बनाने का न्योता माँगा |उन्होंने अपने साथ १३० विधायक होने का दावा भी किया | इसके पश्चात जीतन राम मांझी भी गवर्नर से मिले और नितीश कुमार को असंवैधानिक उत्तराधिकारी बताकर स्वयं के पक्ष में बहुमत होने का दावा किया|इसके अलावा नितीश ने इसी माह होने वाले बजट सत्र की वैधानिकता का भी प्रश्न खड़ा किया
बिहार के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने और नीतीश कुमार के लिए रास्ता बनाने से इंकार करने वाले जीतन राम मांझी को आज पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों ’’में शामिल रहने के लिए निष्काषित कर दिया।
मांझी को ऐसे समय में पार्टी से निष्काषित किया गया है जब नीतीश कुमार की आज दोपहर डेढ बजे राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात होनी है जहां वह सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।। मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की अटकलों के बीच जीतन राम मांझी ने पूरी तरह बगावती रुख अपना लिया है। नितीश कुमार द्वारा बुलाई गई विधायक दल की बैठक को अवैध करार देते हुए उन्होंने 20 फरवरी को जदयू विधायक दल की बैठक बुलाई है।
इसके साथ ही पिछले एक माह से भी अधिक समय से चल रही राजनीतिक उठापटक और जदयू में मचा घमासान अब खुले मंच पर आ गया है। मंत्री नरेंद्र सिंह, नितीश मिश्रा और वृषिण पटेल ने भी मांझी को हटाए जाने विरोध करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा विधायक दल की बैठक को अवैध बताया है।
चर्चा इस बात की भी है कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बुधवार रात नीतीश कुमार को फोन कर खुद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के लिए कहा था।
जबकि नितीश कुमार का आरोप है के पीएम के इशारों पर जीतन राम मांझी बगावती हुए हैं
कई दिनों से बगावती सुर व लगातार पार्टी लाइन से हटकर बयान देने वाले मांझी को कुर्सी से हटाने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, महासचिव के साथ दूसरे तमाम बड़े नेता पटना में डेरा डाले हुए हैं।
बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया कि बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ विधायक दल के नेता को होता है। वर्तमान में इसके नेता खुद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हैं और उन्होंने ऐसी कोई आधिकारिक बैठक नहीं बुलाई है। लिहाजा यह बैठक पूरी तरह अवैध है। सरकारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री के इस्तीफे को लेकर जो अफवाह उडा़ई जा रही है, वह भी बेबुनियाद है और मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं।इस सरकारी ब्यान की भी नितीश कुमार द्वारा आलोचना की गई
मांझी भी तलाश रहे विकल्प
भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोलने के साथ ही वस्तुत: बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर झुकाव दर्शाते हुए आज विश्वास जताया कि वह बहुमत सिद्ध करने में सफल होंगे और नीतीश कुमार के खेमे के हाथ ‘‘निराशा’’ ही आएगी।
बिहार में गहराते सियासी संकट के बीच जदयू की सहयोगी कांग्रेस+आर जे डी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर आरोप लगाया कि उनकी जीतन राम मांझी के साथ मिलीभगत है
राज्य में बढे दलित नेता राम विलास पासवान के अनुसार मांझी को हिलाने वाले स्वयं ही ख़ाक हो जायेंगे