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केजरीवाल भटके मृग की भांति प्रसिद्धि तृष्णा के लिए मोदी+सोनिया के पीछे ही भाग रहे हैं

[नई दिल्ली]केजरीवाल भटके मृग की भांति प्रसिद्धि तृष्णा के लिए मोदी+सोनिया के पीछे ही भाग रहे हैं |
विज्ञान और गणित के कुशल छात्र रहे अरविन्द केजरीवाल को बीते दिनों किसी दरबारी ने यह दोहा सुना दिया है के जात ना पूछो साधू की पूछ लीजिए ज्ञान सम्भवत इसीलिए केजरीवाल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का ज्ञान पर सवाल उठा दिया है ,किसी दरबारी ने दूसरा दोहा नहीं सुनाया जिसके अनुसार “पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ गया न मन का फेर ढाई आखर प्रेम का जो पढ़े सो पंडित होय ” यही कारण है के केजरीवाल दूसरों की पोथियों के पीछे पढ़े हुए हैं |केजरीवाल सब्सिडी वाली टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट होने के उपरान्त भी इस दिशा में देश के लिए कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं कर पाए उलटे राजनीती में प्रवेश करके तुगलकी अंदाज में देश की फिंजा खराब करने पर तुले हुए हैं|
इतिहास की मान्यतानुसार दिल्ली के तख़्त पर कभी मुहम्मद बिन तुग़लक़ नशीन हुआ करते थे |तत्कालीन इतिहासकारों द्वारा उन्हें सर्वाधिक शिक्षित+विद्वान +योग्य व्यक्ति बातया गया है लेकिन उन्होंने भी अपने ज्ञान का उपयोग अपनी सनक भरी योजनाओं+ क्रूर-कृत्यों में ही प्रयोग किया |मुहम्मद को दूसरे के सुख-दुख के प्रति उपेक्षा का भाव रखने के कारण ‘स्वप्नशील’,’पागल’+’रक्त-पिपासु’ तुगलक तक कहा गया है।
यहां तक इतिहासकारों ने सुल्तान को अधर्मी भी घोषित किया है।
यधपि अभी केजरीवाल को तुगलकी ऊंचाई तक नहीं ले जाया जा सकता ,लेकिन एक दिशा में केजरीवाल तुगलक से आगे दिखाई देते हैं वह है अपनी कमियों को छुपाने के लिए दूसरों के चरित्र हत्या |शायद इतिहास तुगलक में यह गुण नहींढूंढ पाया |
केजरीवाल ने दूसरों को गालियां देने+अपमानित करने+और अपने दोषियों को लाभान्वित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है|मृगतृष्णा में भटके मृग की भांति कभी दिल्ली की पूर्व मुख्य मंत्री शीला दीक्षित तो कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रकाश सिंह बादल तो आजकल कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के पीछे भाग रहे है और अपनी प्रसिद्धि तृष्णा को बुझाने का प्रयास करते दिखाई देते हैं |
कुछ धर्मों को आदर और विशेष धर्म का अनादार भी करना शुरू कर दिया है |