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रक्षा लेखा विभाग में अनुकम्पा के आधार पर सैंकड़ों नियुक्तियां बरसों से लंबित हैं

C D A [ARMY]MEERUTकेंद्र सरकार के तमाम दावों के बावजूद उसके अपने विभागों में बढ़ी संख्या में अनुकम्पा मूलक आधार पर नियुक्तियां लंबित हैं|इनमे से ढाई सौ साल पुराना एक रक्षा लेखा विभाग[DAD]भी हैं|इस ऐतिहासिक महत्पूर्ण विभाग में अनुकम्पा मूलक आधार के कोटे की १०५ रिक्तियां हैं जबकि कनिष्ठ स्तर के पदों पर लगभग ५००० रिक्तियां हैं |
सरकारी नौकरियों में अनुकम्पा के आधार पर नियुक्तियां कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर की जाती हैं।इसी विभाग के आदेशानुसार अनुकम्पा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों में पूर्व की तीन वर्षीय समय सीमा को समाप्त कर दिया गया है| अब एक वर्ष में समूह ‘सी’ के पदों पर अनुकम्पा के आधार पर रिक्तियों पर ५ % सीधी भर्ती की जा सकती है।
इसके विषय में समय-समय पर संशोधित 09 अक्टूबर 1998 के आधिकारिक पत्रक संख्या 14014/6/94-कार्य.(डी) का पालन किया जाता है। इन सभी निर्देशों को 16 जनवरी, 2013 के आधिकारिक पत्रक संख्या 14014/02/2012-कार्य.(डी) में संलग्न कर दिया गया है। इन निर्देशों के आधार पर कार्मिक+लोकशिकायत + पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह का राज्यसभा में यह दावा रक्षा लेखा विभाग में खरा नही उतरता|यहाँ बरसों से इस कोटे की रिक्तियां फाइलों का वजन बढ़ा रही हैं| नई दिल्ली स्थित रक्षा लेखा महानियंत्रक के दिनाक १८ जुलाई के पत्रांक AN/VII/8201/2/Rectt/02/2012-13 में स्पष्ट तौर पर अधीनस्थ २८ नियंत्रक कार्यालयों को २४७५ ऑडिटर्स और १० हिंदी अनुवादकों की भर्ती के लिए स्टाफ सलेक्शन बोर्ड से संपर्क करने को कहा गया है |
इन घोषित रिक्तियों का ५% जो कि १०५ है और इनकी भर्ती अधीनस्थ कार्यालयों दवारा की जानी है |
इसके अनुसार मेरठ स्थित सी डी ऐ [आर्मी] पेंशन+फंड्स कार्यालयों में १० रिक्तियां हैं |रोचक बात यह है कि विभाग के मुख्यालय में भी इसी मद में २ रिक्तियांभरी नहीं जा सकी हैं |
इस विभाग का महत्व बताना भी जरूरी है रक्षा लेखा विभाग का रक्षा मंत्रालय में वोही महत्व है जो सिविल में कैग [ CAG ]का है|रक्षा लेखा विभाग के लगभग २५० स्टेशनों पर १००० कार्यालय हैं जहाँ लगभग १७००० कनिष्ठ कर्मी कार्यरत हैं|
सेना के तीनों अंगों के साथ सेना की सहायक सेवाओं के एकाउंट्स का ऑडिट और उन्हें वित्तीेय सलाह देने का दायित्व रक्षा लेखा विभाग पर है लेकिन दुर्भाग्य से जिस विभाग में ५००० पद खाली हों वहां चौकीदार से लेकर आडिटर और अधिकारीके पदों पर आउट सोर्सिंग के भरोसे चलते हुए ऑडिट में गुणवत्ता की आशा करना हास्यास्पद लगता है| अब बरसों के पश्चात जा कर २४८५ रिक्तियां घोषित की गई हैंयदि ये पूरी हो भी जाएंतो भी इससे कही अधिक वेकेंसीज पेंडिंग रहेंगी |इस विषय मेंअखिल भारतीय रक्षा लेखा कर्मचारी संघ [कलकत्ता]के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतिंदर चौधरी ने इन रिक्तियों को यथा शीघ्र भरे जाने की मांग करते हुए विभाग में ट्रांसफर पालिसी की भी आलोचना की है| उन्होंने विभाग के गौरव को बनाये रखने के लिए एसोसिएशन को मजबूत बनाने का आह्वाहन किया है|