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सोनिया गांधी की लम्बी सियासी पारी से ऊबे चिदंबरम के उकसावे में आने वाले भोले कांग्रेसी जल्द नपेंगे

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया लोक सभा के चुनावों में हुई हद[Limit] अब हरियाणा + महाराष्ट्र के चुनावो से वद[excess ] हो गई है|अब और इंसल्ट बर्दाश्त नहीं हो रही |ये सोनिया जी और राहुल जी कुछ मन मोहन सिंह की तरह जुबान बंद किये हुए हैं और प्रियंका जी को आने नहीं दे रहे एस एकैसे काम चलेगा |भाई झाड़खंड +जम्मू कश्मीर के चुनावो से पहले कांग्रेस का नेता बदल ही जाना चाहिए वरना समझो हसाड़ी ऐतिहासिक कांग्रेस गई पानी में|ओये हसाडे पी चिदंबरम साहब ने भी गांधी नेहरू परिवार से जान छुड़ाने का संकेत दे दिया है अब तो यारा लीडरशिप बदल ही जानी चाहिए

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान मुग़ल इतिहास का लो संज्ञान |मुग़ल बादशाहों के लम्बे तख्त प्रेम ने उनके अपने पुत्रों को ही अपने पिता के तख्त के खिलाफ बगावत को मजबूर कर दिया था जिसे पढ़ कर नरेंद्र मोदी ने तो फॉलो कर लिया लेकिन आप जी की कांग्रेस न्रेतत्व ने यह पाठ नहीं पढ़ा है मगर झल्लेविचारानुसार आपजी की वर्तमान बचीखुची कांग्रेस टिकी ही इन दो नेताओं के बल पर है इसीलिए पी चिदंबरम के उकसावे में एक दो बगावती स्वर उभर सकते हैं इन्हें तख्त भक्त आसानी से निबटा देंगे