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15वीं लोकसभा में 256 सांसद स्‍नातकोत्‍तर थे लेकिन नॉन मेट्रिक की संख्या भी २० थी,शुक्र है कोई निरक्षर नहीं था

15वीं लोकसभा में 256 सांसद स्‍नातकोत्‍तर थे बेशक यह है रिकॉर्ड संख्‍या है लेकिन इनके साथ ही नॉन मेट्रिक सांसदों की संख्या भी २० थी |हाँ कोई सांसद निरक्षर नहीं था
पहली लोकसभा में 112 सांसद मैट्रिक पास नहीं थे,लेकिन 15वीं लोकसभा में भी यह संख्‍या 20 है
14वीं लोकसभा में 157 सांसद स्‍नातकोत्‍तर थे
जबकि 15वीं लोकसभा में यह संख्‍या 256 सांसदों तक पहुंच गई।
15वीं लोकसभा में लगभग 78 %सांसद स्‍नातक+ स्‍नातकोत्‍तर + डॉक्‍टरेट डिग्री धारक थे।
भारत के संविधान में चुनाव लड़ने के लिए किसी शैक्षणिक योग्‍यता का निर्धारण नहीं किया गया है, लेकिन रूझान बताते हैं कि पढ़े-लिखे उम्‍मीदवार अधिक संख्‍या में विजयी हो रहे हैं।
पहली लोकसभा में स्‍नातक और अधिक शैक्षिक योग्‍यता वाले सांसद 56 % थे।
15वीं लोकसभा में यह संख्‍या बढ़कर 78 % हो गयी।
पहली लोकसभा में बिना मैट्रिक पास सांसदों की संख्‍या 23 % से घटकर 15वीं लोकसभा में ३ % रह गयी।
सदन में कई ऐसे सांसद भी थे , जिन्‍होंने कभी औपचारिक शिक्षा ग्रहण नहीं की, लेकिन
15वीं लोकसभा में एक भी अशिक्षित सांसद नहीं था।
24 सांसदों के पास तो डॉक्‍टरेट डिग्री थी। 15वीं लोकसभा में स्‍नातक सांसद की संख्‍या में कमी आई और स्‍नातकोत्‍तर तथा उच्‍च डिग्री धारकों की संख्‍या में बढ़ोतरी हुई ।