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सातवें वेतन आयोग का गठन: न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर को अध्‍यक्ष बनाया

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को राहत देने के लिए सातवें वेतन आयोग का गठन कर दिया गया है| इसके लिए न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर को अध्‍यक्ष बनाया गया है|
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सेवा निवृत्‍त न्यायमूर्ति और सैन्‍य बल न्‍यायाधिकरण के सेवानिवृत्‍त अध्‍यक्ष न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्‍यक्षता में 7वें के‍न्‍द्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है।
वित्‍त मंत्री श्री पी. चिदम्‍बरम ने इस बारे में इस बारे में बताया कि प्रधानमंत्री ने 7वें केन्‍द्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है, जिसके सदस्‍य निम्‍नलिखित होंगे।
1 श्री न्‍यायामूर्ति अशोक कुमार माथुर (सुप्रीम कोर्ट के सेवा निवृत्‍त न्यायामूर्ति और सैन्‍य बल न्‍यायाधिकरण के सेवानिवृत्‍त अध्‍यक्ष) – अध्‍यक्ष
2 श्री विवेक राय (पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सचिव) – सदस्‍य (पूर्णकालिक)
3 डॉ. राथिन रॉय (निदेशक एनआईपीएफपी) – सदस्‍य (अंशकालिक)
4 श्रीमती मीना अग्रवाल (वित्‍त मंत्रालय में व्‍यय विभाग के ओएसडी) – सचिव
गौरतलब है कि इससे पूर्व चौथे, पाचंवे और छठे केन्‍द्रीय वेतन आयोगों की सिफारिशें निम्‍न रूप से कार्यान्वित की गईं थीं :
[अ]चौथा केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.1986
[आ]पांचवां केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.1996
[इ]छठा केन्‍द्रीय वेतन आयोग – 1.1.२००६
इस वेतन आयोग के गठन के लिए पांच माह पूर्व घोषणा की गई थी
वेतन आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें पेश करने में लगने वाली औसतन अवधि लगभग दो वर्ष है।
उपरोक्‍त अवधि को ध्‍यान में रखते हुए सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश करने में अब से लगभग दो वर्ष का समय लग सकता है। अत: इस आयोग की सिफारिशें पहली जनवरी 2016 से लागू होने की संभावना है।
देश के केंद्रीय सरकार के लगभग 85 लाख [५०+३५सेवा निवृत ]कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा तोहफा है।इससे पूर्व केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में १०%बढ़ोतरी की खबरें भी आ रही हैं