प्रधान मंत्री ने जम्मू-कश्मीर का दौरा करके बाढ़ प्रभावित लोगों का दुख-दर्द साझा किया और बाढ़ राहत और पुनर्वास के लिए 10 अरब रुपये की अतिरिक्त विशेष परियोजना सहायता की घोषणा की
प्रधान मंत्री ने इसे राष्ट्रीय स्तर की आपदा बताते हुए संकट की घड़ी में जम्मू-कश्मीर के लोगोंको हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया |
प्रधानमंत्री मानवीय संवेदनाओं का सराहनीय प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए भी
मानवीय सहायता की पेशकश की|
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में लगातार वर्षा और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य का दौरा किया।
प्रधानमंत्री ने लोगों का दुख-दर्द साझा किया। राज्य के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला और वरिष्ठ अधिकारियों ने बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी प्रधानमंत्री को दी। जान-माल को हुए नुकसान और जनजीवन अस्तव्यस्त होने की जानकारी भी दी गई। बाढ़ से हजारों गांव प्रभावित हैं।गत शाम गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से हुई तबाही के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी थी। उन्होंने यह भी बताया था कि राज्य के लोग किस बुरी स्थिति से गुजर रहे हैं। हालात की गंभीरता के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संकट की समीक्षा के लिए बैठक की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर की आपदा है और केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार और वहां की जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
प्रधानमंत्री ने अवलोकन किया कि त्रासदी की विकरालता के मद्देनजर राज्य आपदा राहत कोष के जरिए राज्य सरकार को उपलब्ध कराए जा रहे 11 अरब रुपये पर्याप्त नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बाढ़ राहत और पुनर्वास के लिए राज्य सरकार को 10 अरब रुपये की अतिरिक्त विशेष परियोजना सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि हालात का समुचित सर्वेक्षण करने के बाद जरूरी हुआ तो अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
इस आपदा में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के निकट संबंधी को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। यह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जाएगी।
बाढ़ से बेघर लोगों को छत उपलब्ध कराने की फौरी जरूरत पूरी करने के लिए केंद्र सरकार सशस्त्र बलों और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों से 5,000 टेंट उपलब्ध कराएगी। यह टेंट सोमवार से विभिन्न स्थानों के लिए रवाना हो जाएंगे। ठंड के इस मौसम में जरूरतमंदों को कंबल खरीदने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से 5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बच्चों के लिए पूरक आहार की आपूर्ति करने के लिए केंद्र सरकार विमान के जरिए 50 टन दूध उपलब्ध कराएगी। आपात जरूरत पूरी करने के लिए आवश्यक दवाओं की एक खेप विमान से आज शाम भेजी जा रही है। आवश्यकता होने पर और दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
दूरसंचार विभाग के दल को प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द दूरसंचार संपर्क बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। सेना के इंजीनियर क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत कर रहे हैं। गुजरात और महाराष्ट्र से नौकाएं भेजी जा रही हैं।
जिन लोगों के यहां बिजली आपूर्ति बाधित हुई है वहां 2000 सोलर लैम्प उपलब्ध कराए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने अन्य राज्यों से भी कहा है कि हो सके तो वे भी राहत सहायता उपलब्ध कराएं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि राज्य में राहत सामग्री ले जा रहे विमान बाढ़ में फंसे पर्यटकों को भी वापस लाएंगे।प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों और एनडीआरएफ कर्मियों के पूरे समन्वय के साथ किए जा रहे राहत और बचाव कार्य की सराहना भी की है।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हुए नुकसान पर भी चिंता प्रकट की है।
संकट की इस घड़ी में, प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के लोगों को सभी संभव सहायता देने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार को जरूरत हो तो भारत सरकार उन क्षेत्रों में मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi taking the aerial view of the situation of flood affected areas, in Jammu and Kashmir on September 07, 2014.