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भारत सरकार के पास नया पुस्‍तकालय स्‍थापित करने का कोई भी प्रस्‍ताव नहीं है:चार सालों में फंड का पूरा उपयोग तक नहीं हुआ

केंद्र सरकार ने आज यह ने स्वीकार किया कि सार्वजनिक नए पुस्‍तकालयों की स्‍थापना के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है भारत सरकार की पुस्तकों के प्रति यह अरुचि आप में एक विरोधाभास है क्योंकि अभी १५ फरवरी को ही अंतराष्ट्रीय पुस्तक मेले[ Kathasagara] का उदघाटन करते समय सवयम राष्ट्रपति ने बच्चों को साहित्य के सर्व श्रेष्ठय पाठक बताया था और पुस्तकों के प्रकाशन के छेत्र में उल्लेख्नीय भारतीय योगदान की सराहना की थी|पिछले चार सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सरकार की मंशा साफ़ दिखाई देती है बीते चार सालों में सार्वजानिक पुस्तकालयों के लिए आवंटित बजट का पूरा उपयोग तक नहीं किया गया|वर्ष २०१३-१४ के लिए १२१.०६ करोड़ रुपयों के आवंटन के मुकाबिले केवल ६३.९२ करोड़ रुपये ही उपयोग किये जा सके हैं|२०१०-११ में ७५.८६ करोड़ में से ६५.७३ करोड़ का ही उपयोग किय गया| इसीप्रकार २०१२=१३ में भी तीन करोड़ का उपयोग नहीं किया जा सका |
(क) संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्‍तर में बताया कि 6 पुस्‍तकालयों नामत: राष्‍ट्रीय पुस्‍तकालय, कोलकाता, राजा राम मोहन राय पुस्‍तकालय प्रतिष्‍ठान, कोलकाता, दिल्‍ली पब्लिक लाइब्रेरी, दिल्‍ली, खुदा बख्‍श ओरिएटंल पब्लिक लाइब्रेरी पटना, रामपुर रज़ा पुस्‍तकालय, रामपुर और केन्‍द्रीय सचिवालय ग्रंथालय, नई दिल्‍ली का प्रशासिनक पर्यवेक्षण करता है। संस्‍कृति मंत्रालय के पास कोई भी नया पुस्‍तकालय स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव नहीं है।
(ख) संस्‍कृति मंत्रालय द्वारा संचालित सार्वजनिक पुस्‍तकालयों के लिए वर्ष 2010-11, 2011-12, 2012-13 और 2013-14 हेतु वार्षिक योजना आबंटन और निधियों के उपयोग संबंधी ब्‍यौरे अनुलग्‍नक-1 पर दिए गए हैं। राज्‍य/संघ-राज्‍यक्षेत्र-वार आबंटन नहीं किए गए हैं।
(ग) और (घ) 12वीं योजना अवधि के दौरान ”राष्‍ट्रीय पुस्‍तकालय मिशन (एनएमएल)- जनता को सेवाएं उपलब्‍ध कराने वाले पुस्‍तकालयों का स्‍तरोन्‍नयन” स्‍कीम का 400 करोड़ रू़ के बजट आबंटन के साथ शुभारंभ किया गया है। इसका उद्देश्य एक भारतीय राष्‍ट्रीय आभासी पुस्‍तकालय की स्‍थापना करना, मॉडल पुस्‍तकालयों की स्‍थापना करना, पुस्‍तकालयों का मात्रात्‍मक/ गुणात्‍मक सर्वेक्षण करना और क्षमता निर्माण करना है।
(घ) संस्‍कृति मंत्रालय विदेश में कोई भी पुस्‍तकालय संचालित नहीं करता है। विदेश मंत्रालय विदेशों में 37 सांस्‍कृतिक केन्‍द्र और 2 उप-केन्‍द्र संचालित करता है।
सार्वजनिक पुस्‍तकालयों में अंतर्गत योजना आबंटन और उपयोग
(रूपये करोड़ में)
शीर्ष/वित्‍तीय वर्ष
[1]2010-11=================[2]2011-12==============[3]2012-13===========================[4]2013-14
आबंटन=====उपयोग =======आबंटन====उपयोग =======आबंटन===उपयोग =====================आबंटन========उपयोग
सार्वजनिक पुस्‍तकालय
75.86======65.73 ========64.9 ====64.53 =======74.15/71 =====71.25 =============121.96=========63.92