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प्‍याज और आलू भी अब होंगे आवश्यक वस्‍तु अधिनियम,1955 के अधीन

बेशक देश में महंगाई इस समय ज्वलंत समस्या के रूप में मात्र एक माह की केंद्र सरकर को चुनौती दे रही है लेकिन मोदी सरकर भी आये दिन कोई न कोई नया फरमान जारी करके इस समस्या से जूझते दिखना चाह रही है शायद इसीलिए अब प्‍याज और आलू को आवश्यक वस्‍तु अधिनियम, 1955 के अधीन स्‍टॉक रखने की सीमाओं के दायरे में शामिल करने के लिए मंजूरी दे दी गई है| इससे राज्‍य सरकारें आलू और प्‍याज की जमाखोरी रोकने के अभियानों के शुरू करने और इनके मूल्‍यों को नियंत्रित करने में सक्षम हो सकेंगी
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अनुसार अब प्‍याज और आलू को आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम, 1955 के अधीन स्‍टॉक रखने की सीमाओं के दायरे में लाया जा रहा है
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने प्‍याज और आलू को आवश्‍क वस्‍तु अधिनियम, 1955 के अधीन स्‍टॉक रखने की सीमाओं के दायरे में शामिल करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि उपभोक्‍ताओं को आवश्‍यक वस्‍तुओं की आसानी से उपलब्‍धता सुनिश्‍चित कराने और उन्‍हें बेईमान व्‍यापारियों के शोषण से बचाने के लिए आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम, 1955 बनाया गया था। इस अधिनियम में उन वस्‍तुओं के उत्‍पादन, वितरण और मूल्‍य निर्धारिण के नियंत्रण का प्रावधान है, जिन्‍हें आपूर्ति बनाये रखने या उसमें वृद्धि करने या इनके एक समान वितरण और उचित मूल्‍यों पर इनकी उपलब्‍धता को सुनिश्‍चित करने के लिए ‘’आवश्‍यक वस्‍तु’’ घोषित किया गया है। इस अधिनियम के अधीन शक्‍तिेयों का प्रयोग करते हुए केन्‍द्र सरकार और राज्‍य सरकारों/केन्‍द्र शासित प्रशासनों के विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों द्वारा आवश्‍यक घोषित की गई वस्‍तुओं के संबंध में उत्‍पादन, मूल्‍यों और अन्‍य पहलुओं को नियंत्रित करने के लिए नियंत्रण आदेश जारी किये जाते हैं।