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कम सरकार और अधिक शासन के सिद्धांत पर सत्ता में आये नरेंद्र मोदी को प्रणब मुखर्जी ने पहला सबक दिया

कम सरकार और अधिक शासन के सिद्धांत पर सुशासन लाने के लिए सत्ता में आये नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पहला सफल सबक दिया | इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति मुखेर्जी द्वारा नव नियुक्त मंत्री को शपथ ग्रहण करवाई जा रही थी | उसके पश्चात मंत्री को राष्ट्रपति से हाथ मिलाना और रजिस्टर पर हस्ताक्षर करना था |इसी प्रोटोकॉल के अंतर्गत २६ मई की शाम जब राष्ट्रपति अपने भवन में मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण करवा रहे थे उस समय शपथ ग्रहण कर्ता मंत्री को शपथ लेने के बाद रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने को कहा जा रहा था जिस प्रक्रिया में अगले मंत्री को बुलाने में विलम्भ हो रहा था| दुनिया भर की निगाहें जिस फंक्शन पर टिकी हों उस में इस प्रकार की कमी को राष्ट्रपति ने तुरंत भांप लिया और तत्काल सम्बंधित अधिकारीयों को इस बाबत निर्देश दिया जिसके फलस्वरूप शपथ ग्रहण कर चुके मंत्री द्वारा हस्ताक्षर करते रहने के दौरान ही नेक्स्ट मिनिस्टर को बुलाया जाने लगा| इससे समय की बचत भी हुई और कार्यक्रम में गति बनी रही|
इसके आलावा अन्य मंत्रियों को उनकी गलती के लिए भी बीच में ही टोका गया| भाजपा की सहयोगी टी डी पी के सांसद अशोक गजपति राजू ने शपथ पत्र पढ़ने के बावजूद भी अपना नाम पहले नहीं बोला और सीधे शपथ पत्र पढ़ने लग गए |राष्ट्रपति द्वारा टोके जाने के पश्चात राजू ने ओह कह कर अपनी गलती तो सुधार ली लेकिन क्षमा याचना से परहेज किया |गोवा के सांसद एस पी नाइक ने पद की शपथ लेने से पहले गोपनीयता की शपथ पहले पढ़नी शुरू कर दी जिसे प्रणब मुखर्जी ने दुरुस्त कराया | गौरतलब है कि नव नियुक्त मंत्रियों द्वारा शपथ पत्र पढ़ कर ही शपथ ग्रहण की जा रही थी
सोर्स ब्यूरो
फोटो कैप्शन
The President, Shri Pranab Mukherjee administering the oath of office of the Prime Minister to Shri Narendra Modi, at a Swearing-in Ceremony, at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on May 26, 2014.