पुराणी कहावत है कहणा धी नू ते सोनाणा नूँ नू अर्थार्त बहु को सुनाने के लिए घर की खांटी सासू माँ अक्सर बेटी को ताने मारने लगती है जिसके बाद बेटी तो मुस्कुरा कर आगे बढ़ जाती है जबकि बहु अगर अकलमंद हुई तो बात को गाँठ बाँध लेती है |सन्देश चला जाता है और घर में एकता और शान्ति भी बनी रहती है आज कल सियासत में भी कमोबेश यही कुछ देखने को मिल रहा है |दिल्ली के अजमल खान पार्क में बीते दिन यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने अपने भाषण में इसी कहावत का प्रयोग किया लेकिन यहाँ एक तरफ बहु की जगह बाहर से आये और दिल्ली को कब्ज़ा किये अरविन्द केजरीवाल तो दूसरी तरफ सोनिया का अपना बेटा राहुल गांधी है |फेस सेविंग के लिए यहाँ यह बताना भी जरूरी है कि अरविन्द केजरीवाल की २७ विधायकों वाली पार्टी को आठ एम् एल ऐ वाली कांग्रेस ने अपनी हाई कमान के निर्देश पर दिल्ली के तख्त पर ४९ दिन तक स्थापित किये रखा था | जनरल इलेक्शन डिक्लेयर होने के फलस्वरूप दोनों पीठ जोड़ कर खड़े हो गएजाहिर है ऐसे में दोनों के निशाने पर भाजपा के नरेंद्र मोदी ही हैं अब चूँकि चुनाव सर पर आ खड़े हुए हैं ऐसे में दोनों ने पोजिशन बदल कर आँखों में आँखे डालनी शुरू कर दी हैं |
इस भाषण में सोनिया गांधी ने साफ कर दिया कि सरकार बनाना और चलाना कांग्रेस के लिए कोई नई बात नहीं है। सरकार चलाना कोई बच्चों का खेल भी नहीं है। दिल्ली में सरकार तो बना ली लेकिन बाद में मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए। यहाँ उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया मगर निशाना साफ़ आम आदमी पार्टी कि तरफ ही था| चूँकि अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की आधी सत्ता छोड़ कर पूरी संसद पर कब्ज़ा करने के लिए दिल्ली से भाग खड़े हुए हैं इसीलिए अकलमंद बहु की तरह केजरीवाल ने सोनिया गांधी के सन्देश को लपक लिया और अपनी अकलमंदी का प्रदर्शन करने के लिए बॉल को अपनी ससुराल यानि गांधी परिवार की तरफ उछाल दिया|दरअसल केजरीवाल ने स्थिति को जांचा +परखा + भांपा और दिल्ली के एल जी से मुलाकात करके दिल्ली विधान सभा को भंग करके पुनः चुनाव कराने की मांग को दोहरा दिया अर्थार्त बॉल को फैंकने वाले के ही पाले में ही लौटा दिया |इसके बाद बड़ी शान से सोनिया गांधी से सीधे सीधे कह दिया कि “बच्चा” केजरीवाल नहीं उनका अपना पुत्र राहुल गांधी ही है