Ad

पी एम की कुर्सी पर बैठते ही सुषमा स्वराज को संसद में उनकी निर्धारित सीट मिल गई

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

विचलित कांग्रेसी

ओये झल्लेया इन भाजपाइयों की नंगई तो देख| १६ वी संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए दोनों सदनों के माननीय सदस्यों को बुला तो लिया मगर उन्हें बैठने के लिए सीटें ही उपलब्ध नहीं कराई |हसाडे सोणे उपाध्यक्ष राहुल गांधी बेचारे पीछे खड़े ही रह गएऔर तो और इनकी अपनी श्रीमती सुषमा स्वराज, जो कभी पी एम पद की दावेदार थीं, को भी सीट नहीं दी गई इसीलिए सुषमा जी को पी एम के लिए रिज़र्व सीट पर बैठना पड़ गया |ओये यारा क्या ये सरकार अब ऐसे ही चलेगी?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण, झल्ले की एक गल सुन ,खोल के अपने दोनों कान | ओये कांग्रेसियों, भाजपाई सुषमा जी से कुछ सीखों|अरे अगर टिकेट लेने के बावजूद बस में अपनी सीट दिखाई नहीं दे तो सबसे ज्यादा अट्रैक्टिव ड्राइवर या कंडक्टर की सीट पर अपना रुमाल रख देना चाहिए |बस चलानी होगी तो अपने आप रुमाल को सही जगह पर रखवा दिया जाएगा और यही संसद में भी हुआ है |सुषमा जी को पी एम की कुर्सी से उठा कर उनके लिए निर्धारित कुर्सी पर ससम्मान बैठा दिया गया |क्यों कुछ समझे या फिर सिर्फ समझे?