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कैबिनेट ने लोक पाल के संशोधनों को ओ के किया मगर विपक्ष और जन लोक पाल के पुरोधाओं ने कहा “नो “

कैबिनेट ने लोक पाल को ओ के किया

कैबिनेट की बैठक में आज संशोधित लोकपाल बिल को मंजूरी दे दी गई है |अब इसे राज्य सभा में पेश किया जाएगा|विपक्ष और स्वयम सेवी संस्थाओं के साथ ‘आप ‘ने भी इसे नकार दिया है|
इस संशोधित लोकपाल बिल में कई तब्दीलियां हुई हैं| बिल के लिए बनी सेलेक्ट कमिटी ने 16 सुझाव दिए थे इनमें से 14 सुझावों को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी.

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मनीष तिवारी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी

ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि कैबिनेट ने लोकपाल बिल में 16 में से 14 संशोधनों को मंजूरी दे दी है| लोकपाल में किसी पार्टी के सदस्य नहीं होंगे|सरकारी अनुदान से चलने वाले एनजीओ लोकपाल के दायरे में आएंगे| अब केन्द्र सरकार लोकपाल बनाएगी जबकि राज्य सरकार को लोकायुक्त संशोधित लोकपाल बिल में लोकपाल को खुद संज्ञान लेने का अधिकार होगा.कुछ शर्तों के साथ

प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखा गया है.

सीबीआई को लोकपाल के दायरे में रखने को लेकर सहमति नहीं बन पाई.

लोकपाल की नियुक्ति प्रधानमंत्री, स्पीकर, नेता प्रतिपक्ष और देश के मुख्य न्यायाधीश मिलकर करेंगे. लोकपाल की नियुक्ति पर

राष्ट्रपति अंतिम मंजूरी देंगे.

राजनीतिक पार्टियां लोकपाल के दायरे में नहीं होंगी. धार्मिक संस्थान भी लोकपाल के दायरे से बाहर रखे गए हैं. सरकारी मदद लेने वाले एनजीओ भी लोकपाल के दायरे में नहीं रहेंगे.बिल पास होने के 1 साल बाद सभी राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की जाएंगी। इन संसोधनों के बाद से सभी धार्मिक संस्थाएं और राजनीतिक दल भी लोकपाल से बाहर होगे मगर श्री सामी ने जोर देकर कहा है कि

बाबा राम देव का ट्रस्ट धार्मिक नहीं है इसलिए वह लोक पल के दायरे में जरूर होगा |इस लोक पाल के स्वरुप का विरोध भी शुरू हो गया है|

रिटायर्ड जनरल वी के सिंह

पहले ही कह चुके हैं कि अगर अन्ना हजारे वाला जन लोक पाल नहीं आया तो देश में एतिहासिक क्रान्ति होगी|

बीजेपी

एक ऐसा लोकपाल चाहती है जो सरकार के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो। सीबीआई को लोकपाल के दायरे से अलग रखने के फैसले पर बीजेपी ने ऐतराज जताते हुए कहा है कि सीबीआई को एक निष्पक्ष संस्था के तौर पर काम करना चाहिए, उसे लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए। जबकि मजबूत लोकपाल बिल के लिए आंदोलन कर रहे

अन्ना बाबू राव हजारे

ने लोकपाल बिल में बदलावों को खारिज करते हुए पटना में कहा कि जनलोकपाल को लेकर सरकार नाटक कर रही है। उन्होंने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को स्वयत्ता देने की मांग करते हुए कहा कि वे अपनी जनलोकपाल की लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक कि सरकार एक सशक्त जनलोकपाल विधेयक नहीं लाती।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल

ने मजबूत लोकपाल विधेयक नहीं लाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और जोर देते हुए कहा कि इस प्रस्तावित कानून से भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा। उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि आपको ऐसा लोकपाल क्यों चाहिए? जो एजेंसी भ्रष्टाचार को रोकेगी नहीं, बल्कि बढ़ाएगी और मंत्रियों को बचाएगी, उस पर क्या बात की जाए। सिर्फ लोकपाल शब्द का इस्तेमाल कर देने में हमारी कोई रुचि नहीं है। इस विधेयक के माध्यम से सरकार ने देश के लोगों की राय का समर्थन नहीं किया है। भ्रष्टाचार मुक्त शासन देना सरकार का संवैधानिक दायित्व है।यह कहते हुए कि देश के लोग भ्रष्टाचार और मूल्य वृद्धि से परेशान हैं, उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि इस मुद्दे पर जो पहल की गई है उससे वे खुश हैं, लेकिन सरकार ने क्या हमारे विचारों का समर्थन किया है?

Comments

  1. Lavern Shuck says:

    At some position back again inside the 1980s I assume I seen the Corvette was the heaviest Chevrolet car remaining produced. Would make sense they ended up making an attempt to shave pounds off of it.

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